tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1306138518788323054..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: सुख-दुख की साझेदारी का रिश्ता [बकलमखुद-125]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51223530410441756832010-05-18T04:42:33.359+05:302010-05-18T04:42:33.359+05:30हमारी ब्लॉगिंग के शुरुआती दौर में पढ़ी गई आपकी एक ...हमारी ब्लॉगिंग के शुरुआती दौर में पढ़ी गई आपकी एक दो कविताएँ अभी भी याद हैं... भूख से कोई नहीं मरता --- दिल्ली में डिप्रेशन से मरने वालों की बात नहीं भूली... चैटरूम में रोना याद इसलिए है कि रियाद में हम अकेले घूम सकते थे तो चैट रूम में....मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30503359968203702172010-02-15T02:01:40.625+05:302010-02-15T02:01:40.625+05:30भानजे गुड्डू ने कागज का चुटका उड़ा लिया और जीजाजी ...<b>भानजे गुड्डू ने कागज का चुटका उड़ा लिया और जीजाजी के हवाले कर करके मुझे अगले बारह साल रेतने का मौका उन्हें हाथोंहाथ दे दिया। </b><br />गज़ब!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90933986150065318542010-02-14T12:13:58.315+05:302010-02-14T12:13:58.315+05:30बकलम खुद का संस्मरण बढ़िया रहा!बकलम खुद का संस्मरण बढ़िया रहा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71271620679855642832010-02-14T01:20:15.547+05:302010-02-14T01:20:15.547+05:30आपके संस्मरण पढ़ना रोचक हैआपके संस्मरण पढ़ना रोचक हैस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55802766642545727372010-02-06T22:42:05.280+05:302010-02-06T22:42:05.280+05:30वाह! आनंदम!वाह! आनंदम!वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84287038905489644272010-02-06T15:40:40.941+05:302010-02-06T15:40:40.941+05:30समां अजनबी सा नजर आ रहा है, हर इक पल ठिठक कर गुजर ...समां अजनबी सा नजर आ रहा है, हर इक पल ठिठक कर गुजर जा रहा है। <br />थकी शाम है कुछ रुआंसी-रुआंसी, न घबरा मुसाफिर शहर आ रहा है। ...<br /><br />सचमुच लाजवाब !!!<br /><br />सरस रोचक संस्मरण आनंदित कर गया...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11669428156254398662010-02-06T11:01:50.962+05:302010-02-06T11:01:50.962+05:30दोस्ती के बारे में पढना सुखद है।दोस्ती के बारे में पढना सुखद है।किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22551291853000484412010-02-06T10:44:55.618+05:302010-02-06T10:44:55.618+05:30्रोचक लगा धन्यवाद््रोचक लगा धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59729023522912083512010-02-06T10:29:59.257+05:302010-02-06T10:29:59.257+05:30दोस्ती का उच्चतम रूप होता है कामरेडशिप…दोस्ती का उच्चतम रूप होता है कामरेडशिप…Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27619158898577877062010-02-06T08:38:17.884+05:302010-02-06T08:38:17.884+05:30कॉमरेडशिप और दोस्ती में फर्क तो होता है। एक में मक...कॉमरेडशिप और दोस्ती में फर्क तो होता है। एक में मकसद के कारण लोग साथ होते हैं। लेकिन उस साथ में भी लोगों के अलग अलग मकसदों से साथ होते हैं। यहीं अंतर का कारण है लेकिन जो वास्तव में अंतिम लक्ष्य के मकसद से कॉमरेडशिप में आता है वह दोस्ती सब से गहरी होती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-68471404768484412122010-02-06T07:48:16.581+05:302010-02-06T07:48:16.581+05:30अब आपने उत्सुकता और बडा दीअब आपने उत्सुकता और बडा दीdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9710336842946230562010-02-06T06:58:10.539+05:302010-02-06T06:58:10.539+05:30लंबी जुदाई, मेरा भी फेवरिट है...संस्मरण ने बांध कर...लंबी जुदाई, मेरा भी फेवरिट है...संस्मरण ने बांध कर रखा हुआ है...आगे का इंतज़ार...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54767978590679230712010-02-06T06:37:15.811+05:302010-02-06T06:37:15.811+05:30बढ़िया रहा साईकिल से लखनऊ यात्रा जानना..आगे इन्तजा...बढ़िया रहा साईकिल से लखनऊ यात्रा जानना..आगे इन्तजार है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com