tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1378674692847579931..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: टट्टी की ओट और धोखे की टट्टीअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39039641441672051442020-01-10T00:06:17.156+05:302020-01-10T00:06:17.156+05:30ऐसे तो रास्ते में टट्टी पेंट में ही निकल जाएगी ।ऐसे तो रास्ते में टट्टी पेंट में ही निकल जाएगी ।अबकिhttps://www.blogger.com/profile/13916260979768973821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47286047844642250672017-03-21T19:26:20.483+05:302017-03-21T19:26:20.483+05:30में समझता हूँ कि मैं समझता हूं कि इस टट्टी शब्द का...में समझता हूँ कि मैं समझता हूं कि इस टट्टी शब्द का प्रचलन <br />अंग्रेजों के समय ये है .. उससे पहले हदन क्रियाऐं -- हगने का दैनिक कार्य यह शब्द प्रचलन में था .. जोकि संस्कृत काल ये ही चला आरहा है मा योगेश कुमार रोहि अनुनय पूर्वक यह आप के संज्ञान में प्रक्षेपित कर्ता हूँ ।कि टट्टी शब्द का मूल अंगेजी का डर्टी (Dirty)<br />शब्द है नकि टटीया शब्द ... आपका क्या प्रतिक्रिया है हम्हें सूचित अवश्य करें ...... ★-Yadav Yogesh Kumar "Rohi"-★https://www.blogger.com/profile/06694003503401416133noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67166905482434764132017-03-09T18:44:38.964+05:302017-03-09T18:44:38.964+05:30बहुत ही श्रेष्ठ...बहुत ही श्रेष्ठ...Barun Sakhajee Shrivastavhttps://www.blogger.com/profile/00022356965972552575noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57443839904430860222017-03-09T18:00:55.864+05:302017-03-09T18:00:55.864+05:30अपनी तारीफ़ सुन गदहे शरमा गये
'लीड' अब जो ...अपनी तारीफ़ सुन गदहे शरमा गये<br />'लीड' अब जो करी, कुरमुरे रंग में ।Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78742854943356976822015-03-31T22:38:23.666+05:302015-03-31T22:38:23.666+05:30राजस्थान में मैं न होकर धोरे हैं वहां धोरे जाना भी...राजस्थान में मैं न होकर धोरे हैं वहां धोरे जाना भी कहते है। यह इतना प्रचलित था कि घर में बने शौचालय में जाने के लिए भी धोरा जाना कहते। <br />एक शब्द हगना भी है। यह शायद स्थान का नाम न हो कर क्रिया का नाम हैसंजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29302761217400507202010-07-15T09:26:47.784+05:302010-07-15T09:26:47.784+05:30tatty ek aisa saarvbhomik satya hai jo sab karte h...tatty ek aisa saarvbhomik satya hai jo sab karte hai par kahne se ghrina karte hai. Tatty karna bahut jaruri hai bhaiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89351617589728707792010-03-10T21:55:42.504+05:302010-03-10T21:55:42.504+05:30भाई आप का लिखा हुआ मस्त है कोई भी शब्द की व्याख्या...भाई आप का लिखा हुआ मस्त है कोई भी शब्द की व्याख्या हो आपसे करवा लो..............बहुत बढ़ियाRahul Kaushalhttp://www.aukatmairaho.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20581141071905608942010-03-10T13:07:25.809+05:302010-03-10T13:07:25.809+05:30एक मुहावरा और है ।
अरहर की टट्टी, गुजराती ताला ।एक मुहावरा और है ।<br />अरहर की टट्टी, गुजराती ताला ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59107610909555519712010-03-10T07:57:43.938+05:302010-03-10T07:57:43.938+05:30जय हो। जैसा रंजना जी ने लिखा -एक अतिसाधारण और चर्च...जय हो। जैसा रंजना जी ने लिखा -एक अतिसाधारण और चर्चा को लगभग वर्जित शब्द की आपने इतनी सुरुचिपूर्ण व्याख्या !<br /><br />मजे की बात है कि हमारे देखते-देखते यह शब्द इतना भदेश माना जाना लगा कि इसका प्रयोग पिछड़ेपन की निशानी माना जाने लगा है।<br /><br />ट्ट्टी->बाथरूम->ट्वायलेट->पॉटी के शब्द सफ़र से लगता है कि यह शब्द शूद्र स्थिति को प्राप्त हो गया है। आपने इसे सम्मान दिया! साधुवाद!<br /><br />बहुत सुन्दर लेख! बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44925397851428544252010-03-09T18:29:59.326+05:302010-03-09T18:29:59.326+05:30अजित भाई
आज सोच से की बोर्ड का तालमेल बिगड़ा हुआ ...अजित भाई <br />आज सोच से की बोर्ड का तालमेल बिगड़ा हुआ है ...शायद दिमाग दिशा मैदान की ओर चल निकला है !<br /><br /><br />( संभव है कुछ दिन आपको दिखाई ना दूं ...कोई टिप्पणी भी ना कर सकूं ! मुझे जहां काम हैं शायद वहां नेटवर्क नहीं होगा ! कोशिश करूंगा कि इस दौरान किसी छुट्टी के दिन आपसे सलाम दुआ कर पाऊं ! आपके नियमित पाठक बतौर मेरी गुमशुदगी को अन्यथा मत लीजियेगा )उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-579165688628654552010-03-09T15:00:17.686+05:302010-03-09T15:00:17.686+05:30एक अतिसाधारण और चर्चा को लगभग वर्जित शब्द की आपने ...एक अतिसाधारण और चर्चा को लगभग वर्जित शब्द की आपने इतनी सुरुचिपूर्ण व्याख्या की कि मन खुश हो गया...<br /><br />हमारे तरफ गाँवों में इसे दिशा मैदान जाना कहा जाता है,जो कि निर्जन खेतों में में सम्पादित किये जाते हैं...माना जाता है कि खाली खेतों में मल त्याग से खेतों की उर्वरा शक्ति संवर्धित होती है...<br />हालाँकि आजकल तो गांवों में भी बंद शौचालयों का खूब प्रचलन बढ़ गया है और साधनहीन ही खुले खेतों में अब शौच के लिए मजबूरन जाते हैं..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1495253343316234012010-03-09T14:22:17.185+05:302010-03-09T14:22:17.185+05:30राजस्थानी मैं इसे दिशां या तहारत भी कहा जाता हैराजस्थानी मैं इसे दिशां या तहारत भी कहा जाता हैdrdhabhaihttps://www.blogger.com/profile/07424070182163913220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88960968606927628782010-03-09T14:21:16.538+05:302010-03-09T14:21:16.538+05:30बदबूदार पर ज्ञान वर्धक.....वैसे सूखी पर बङी ट........बदबूदार पर ज्ञान वर्धक.....वैसे सूखी पर बङी ट.....को मारवाङी मैं लींडा भी कहते हैं...drdhabhaihttps://www.blogger.com/profile/07424070182163913220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23316618789199322682010-03-09T10:54:08.386+05:302010-03-09T10:54:08.386+05:30ीअच्छी जानकारी धन्यवाद्ीअच्छी जानकारी धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6521571500938039202010-03-09T09:50:17.762+05:302010-03-09T09:50:17.762+05:30शौचालय के लिए उपयोग किए जाने वाले अधिकांश शब्दों क...शौचालय के लिए उपयोग किए जाने वाले अधिकांश शब्दों का आरंभ आड़ से है। वृंदावन में एक टाँटिया आश्रम है। उसे यह इसी लिए कहा जाता है कि उस की बाउन्ड्री टट्टियों से ही बनी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-64917197161314786392010-03-09T09:08:55.190+05:302010-03-09T09:08:55.190+05:30शंका लघु थी; देर लगी दीर्घ हो गयी'
कहना था एक ...शंका लघु थी; देर लगी दीर्घ हो गयी'<br />कहना था एक शेर, ग़ज़ल पूरी हो गयी.<br />हाजत र'वाई के लिए जिस दर* पे गए थे,<br />पाया क़ि अब तो धोखे की वह टट्टी हो गयी.<br /><br />*दर=आश्रम <br />note: Anti-Diarheal नहीं मिला.......टट्टियाँ जारी रहेगीMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53786051525205396762010-03-09T08:32:31.701+05:302010-03-09T08:32:31.701+05:30सुन्दर व्याख्या!
हमारे यहाँ "टट्टी की ओट लेना...सुन्दर व्याख्या!<br />हमारे यहाँ "टट्टी की ओट लेना"<br />को टटिया की ओट लेना कहते हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3392537107054327112010-03-09T07:16:23.363+05:302010-03-09T07:16:23.363+05:30ये ज्ञान भी बढ़िया रहा..ये ज्ञान भी बढ़िया रहा..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22281940904160496562010-03-09T06:56:03.489+05:302010-03-09T06:56:03.489+05:30टट्टी जाना के अर्थ में पंजाबी में(हिंदी में भी हों...टट्टी जाना के अर्थ में पंजाबी में(हिंदी में भी होंगी) कुछ और उक्तिआ हैं: झाडे जाना, मैदान मारना, जंगल पानी जाना, बाहर जाना, टट्टी फिरना, टट्टी बैठना, दो नंबर जाना, पौटी करना.<br />टट्टियां लगना का मतलब अधिक बार टट्टी आना है: 'दस्त' पतली टट्टियां हैं; 'मरोड़' पेचिश है; कब्ज के बाद सख्त टट्टी 'सुडा' है. <br />मुहावरे: टट्टी निकलना, टट्टी खुशक होना, टट्टी चड़ना( बहुत डर जाना), टट्टी कढना( बहुत डराना)<br />कहावत: टट्टी ओहले शिकार करना(छुप कर मनोरथ पूरा करना)<br /><br />मनु स्मृति रास्ते में टट्टी करने की मनाही करती है.<br /><br />पंजाबिओं के बारे में दुसरे लोग आम ही कहते हैं कि यह हर बात में 'स्वाद आ गया' बहुत कहते हैं, यहाँ तक कि अगर टट्टी जाएँ तो भी कहते हैं "टट्टी में स्वाद आ गया".Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.com