tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1606395197965230347..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: सरदार की ब्लागरी शुरु [बकलमखुद-114]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50910195394314371052009-11-11T18:50:13.857+05:302009-11-11T18:50:13.857+05:30सरदार की कहानी ब्लॉगिंग तक पहुंची ही नही ब्लॉग जगत...सरदार की कहानी ब्लॉगिंग तक पहुंची ही नही ब्लॉग जगत पर छा गई । आपने अपने संघर्ष को इतना रोचक बनाया कि हर पोस्ट की उत्सुकता से प्रतिक्षा रहती है पर अब अगले अंक में समापन........., इंतजार है एक और सुंदर पोस्ट का ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60097407548161580732009-11-11T04:48:46.724+05:302009-11-11T04:48:46.724+05:30आपका लेखन अनवरत व तीसरा खम्बा पर पढ़ते रहते हैं और...आपका लेखन अनवरत व तीसरा खम्बा पर पढ़ते रहते हैं और यहाँ अजित भाई के सौजन्य से , " बकलमखुद " पर आपके हर <br />किस्से को पढ़कर , कई पहलू से अवगत हुए ...दोनों का आभार <br />और आप दोनों के जाल घर के लिए , शुभकामना भी ,<br />सा स्नेह,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-483538893038502022009-11-11T02:27:41.898+05:302009-11-11T02:27:41.898+05:30अगली कड़ी में समाप्त!?
यह क्या बात हुई :-(
बी एस...अगली कड़ी में समाप्त!?<br />यह क्या बात हुई :-(<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70586761586026693262009-11-11T00:32:00.975+05:302009-11-11T00:32:00.975+05:30ओह ! अंतिम पड़ाव आ गया, बाद की कड़ियाँ बड़ी तेजी स...ओह ! अंतिम पड़ाव आ गया, बाद की कड़ियाँ बड़ी तेजी से आगे बढ़ गयी. !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51312928008143768082009-11-10T20:51:54.585+05:302009-11-10T20:51:54.585+05:30.अजित जी नमस्कार ....इसी का नाम दुनिया है ...बहुत ....अजित जी नमस्कार ....इसी का नाम दुनिया है ...बहुत कुछ बर्दाश्त करना पड़ता hai ..आपने जो भी लिखा है सटीक hai ... ये सफर निर्विघ्न चलता रहे यही कामना हैविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56128214884265526792009-11-10T18:09:12.613+05:302009-11-10T18:09:12.613+05:30अपनी कहानी लिखना सबसे कठिन काम है ....... आपको पढ़...अपनी कहानी लिखना सबसे कठिन काम है ....... आपको पढ़ते हुए खो से गए थे <br />ब्लॉग लेखन जारी रखने का आपका निर्णय बहुत अच्छा रहा <br />हम सबको आपको पढ़ पाते हैंश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75430857077906046022009-11-10T14:44:22.561+05:302009-11-10T14:44:22.561+05:30अरे ! ये क्या, अगली कडी में समाप्त !!!! ऐसा न करें...अरे ! ये क्या, अगली कडी में समाप्त !!!! ऐसा न करें, जैसे जीवन चलता रहता है, इस कथा को भी चलने दें. <br />आदर.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50144599918837058742009-11-10T12:53:28.927+05:302009-11-10T12:53:28.927+05:30interestinginterestingSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-52443910944391909412009-11-10T11:23:29.699+05:302009-11-10T11:23:29.699+05:30अजित जी, आपका शुक्रिया...मैं वकील साहब को सर कह कर...अजित जी, आपका शुक्रिया...मैं वकील साहब को सर कह कर ही संबोधित करता हूं...इस लेख से मुझे पता चला <br />कि सर के साथ दार भी जुड़ा हुआ है...मैं अपनी तरफ से सर और दार के साथ अ और जोड़ रहा हूं यानि असरदार...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51946767455681602262009-11-10T08:28:52.632+05:302009-11-10T08:28:52.632+05:30लो ब्लोग्गिंग की अनवरत यात्रा शुरू होते ही ..समाप्...लो ब्लोग्गिंग की अनवरत यात्रा शुरू होते ही ..समाप्ति की घोषणा...सरदार जी से आग्रह है कि ..फ़िर इसी आखिरी वाली में ढेर सारी बातें अनुभव उडेळ दिया जाए..जब तक बेंच नहीं बनती ..सुना हडताल जारी रहने वाली है ....अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-52966987380043968802009-11-10T07:47:49.237+05:302009-11-10T07:47:49.237+05:30फिर तो सरदार ने अब तहलका मचाया ही हुआ है..रोचक.
अ...फिर तो सरदार ने अब तहलका मचाया ही हुआ है..रोचक.<br /><br />अगली कड़ी में समाप्त ??? वो काहे? चलने दिजिये न जी!!! :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34201729183452604542009-11-10T06:59:20.236+05:302009-11-10T06:59:20.236+05:30कुछ कुछ अवसाद सा भी भर आया पढ़ते हुए -एक बौद्धिक व...कुछ कुछ अवसाद सा भी भर आया पढ़ते हुए -एक बौद्धिक व्यक्ति को कितना सहना पड़ता है इस बेतरतीब दुनिया में !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81469822594312875612009-11-10T06:51:56.635+05:302009-11-10T06:51:56.635+05:30अपनी कहानी लिखना और इतना रोचक लिखना जो पढ़ कर अच्छ...अपनी कहानी लिखना और इतना रोचक लिखना जो पढ़ कर अच्छा लगे एक विधा ही है . आपके संघर्ष और सफलता को पढ़कर कुछ प्रेरणा तो ली ही जा सकती है . लास्ट बट नॉट लीस्टdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54408744637726781642009-11-10T06:06:34.374+05:302009-11-10T06:06:34.374+05:30तीसरा खंबा का बनना महत्वपूर्ण है ।
अनवरत तक आ पहु...तीसरा खंबा का बनना महत्वपूर्ण है । <br />अनवरत तक आ पहुँची है यह यात्रा । अगली कड़ी अंतिम है । कुछ तीसरा खंबा और अनवरत के अनुभवों पर लिखिये ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69533188727419368372009-11-10T01:49:21.597+05:302009-11-10T01:49:21.597+05:30दिलचस्प कड़ी। आखिर ब्लागिंग के मकाम तक आ ही पहुंचा...दिलचस्प कड़ी। आखिर ब्लागिंग के मकाम तक आ ही पहुंचा सरदार। वकालात की मंदी के दिनों में शुरु हुई ब्लागिंग में तो झपटमार तेजी दिखाई सरदार ने:)<br />वैसे जानना चाहेंगे कि कब कब वकालत में मंदी और तेजी आती है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.com