tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post181098786468468490..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: दो टके का आदमी... [सिक्का-10]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29404629475478071622009-01-06T18:21:00.000+05:302009-01-06T18:21:00.000+05:30भईया इसकी किताब कब छपवाओगे सच्ची मे हम खरीदने को भ...भईया इसकी किताब कब छपवाओगे सच्ची मे हम खरीदने को भी राजी है वैसे आप जानते हो हम किताबो पर पैसा कतई खर्च नही करते इधर उधर से कबाड लाते है पर सच्ची इस बार जरूर खरीद लेगे आपसे स्पेसी मैन कापी भी नही मागेंगे . वाकई छपवा डालोArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53212428118900510132009-01-06T18:02:00.000+05:302009-01-06T18:02:00.000+05:30अजीत जी आप बेहद रोचक और शिक्षाप्रद जानकारियाँ ढ़ूढ...अजीत जी आप बेहद रोचक और शिक्षाप्रद जानकारियाँ ढ़ूढकर लाते हैं। शुक्रिया इन जानकारियों के लिए।श्रुति अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/08361474694332111028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60260993888578262792009-01-06T16:31:00.000+05:302009-01-06T16:31:00.000+05:30यह शब्दों की टकसाल है लेकिन यहां टके की नहीं अमूल...यह शब्दों की टकसाल है लेकिन यहां टके की नहीं अमूल्य बातें पता चलती हैं। अभिषेक के शब्द दोहरा रहा हूं... लाख टके की पोस्ट..Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77260336494673905272009-01-06T01:13:00.000+05:302009-01-06T01:13:00.000+05:30लाख टके की पोस्ट !लाख टके की पोस्ट !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51805451315300446332009-01-05T23:49:00.000+05:302009-01-05T23:49:00.000+05:30बेहद उम्दा ब्लाग है, माफ़ी चाहूँगा कि आज तक नज़र नही...बेहद उम्दा ब्लाग है, माफ़ी चाहूँगा कि आज तक नज़र नहीं पड़ी<BR/><BR/><BR/>---मेरे पृष्ठ<BR/><A HREF="http://prajapativinay.blogspot.com" REL="nofollow">चाँद, बादल और शाम</A> पर आपका सदैव स्वागत है|Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-12675151037235534692009-01-05T22:41:00.000+05:302009-01-05T22:41:00.000+05:30क्या बात है टेक का विस्तार ही अपार है :)क्या बात है टेक का विस्तार ही अपार है :)लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-86495212840927995522009-01-05T17:53:00.000+05:302009-01-05T17:53:00.000+05:30टका धर्मं, टका कर्म, टकयो: हि परमपदम् !यस्य गृहे ट...टका धर्मं, टका कर्म, टकयो: हि परमपदम् !<BR/>यस्य गृहे टका नास्ति, हाटके टकटकायते !!दिवाकर प्रताप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06302009569112820477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71166888703345984952009-01-05T15:53:00.000+05:302009-01-05T15:53:00.000+05:30बहुत बहुत आभार और नमन आपके ज्ञान और शोध को.एक और न...बहुत बहुत आभार और नमन आपके ज्ञान और शोध को.एक और नै बात जानने का अवसर मिला.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67191442263720041592009-01-05T14:35:00.000+05:302009-01-05T14:35:00.000+05:30बढिया ! आपकी बदौलत इतनी कीमती जानकारी टके सेर मिल ...बढिया ! आपकी बदौलत इतनी कीमती जानकारी टके सेर मिल रही है :) आभार !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3370747954001342522009-01-05T08:53:00.000+05:302009-01-05T08:53:00.000+05:30काश ! आपकी जानकारियां सारी दुनिया के सामने जा पाती...काश ! आपकी जानकारियां सारी दुनिया के सामने जा पातीं तो लोग अधिक समृध्द होते ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16058883570727174422009-01-05T08:25:00.000+05:302009-01-05T08:25:00.000+05:30हम तो टकटकी लगाये रहते हैं कि सफर जाने कब टके की ब...हम तो टकटकी लगाये रहते हैं <BR/>कि सफर जाने कब टके की बात <BR/>करे या अशर्फियाँ लुटा दे !<BR/>========================<BR/>सच, शब्दों से बोलने-बतियाने का <BR/>अनोखा अवसर दे जाते हैं आप !<BR/>आभार<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11415594436573767192009-01-05T06:14:00.000+05:302009-01-05T06:14:00.000+05:30बहुत ही रोचक. जिस समय में आवागमन के साधन न के बराब...बहुत ही रोचक. जिस समय में आवागमन के साधन न के बराबर थे तब भी कुछ शब्द सारी दुनिया में घूम रहे थे - यह जानकर आश्चर्य तो होता ही है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com