tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1909102655610824896..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: शहर का सपना और शहर में खेत रहना [आश्रय-23]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10276831209006456252009-11-20T21:42:25.627+05:302009-11-20T21:42:25.627+05:30शुक्रिया किरणजी।
अरे, इतने विस्तार से लिखा तब भी ...शुक्रिया किरणजी। <br />अरे, इतने विस्तार से लिखा तब भी आप अगर बात नहीं पकड़ पाई तो यह मेरी लेखन शैली की कमी है। <br />इसी धातु से क्षत, क्षति जैसे शब्द बने हैं। खेत रहना यानी क्षत होना यानी शरीर का नष्ट होना जैसा भाव इसमें है। क्षत की अर्थवत्ता ही खेत रहना मुहावरे में ढल गई लगती है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63860268872596248242009-11-20T20:06:53.541+05:302009-11-20T20:06:53.541+05:30आज के शहर भले ही बेदर्द हो गये है लेिकन इसकी उन्पत...आज के शहर भले ही बेदर्द हो गये है लेिकन इसकी उन्पत्ति कितने सुहाने शब्द से हुई है।<br /> खेत रहना शहीद होने के रुप में क्यूं प्रयुक्त होने लगा?किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29763512377705398692009-11-20T19:22:23.608+05:302009-11-20T19:22:23.608+05:30@बलजीत बासी
आपने बहुत महत्वपूर्ण बात याद दिलाई है...@बलजीत बासी <br />आपने बहुत महत्वपूर्ण बात याद दिलाई है जिसका उल्लेख करना मुझसे छूट रहा था। स्थान नाम के साथ क्षेत्र शब्द का इस्तेमाल हमारे यहां होता रहा है। खेत इसका ही रूपांतर है जिसका उल्लेख आपने किया है। कुरुक्षेत्र में यह अपने मूल स्वरूप में नज़र आ रहा है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79638879825000971422009-11-20T19:16:46.030+05:302009-11-20T19:16:46.030+05:30We have many place names that end with Khet eg Ran...We have many place names that end with Khet eg Ranikhet,Suraikhet,Chhatikhet, Sakinkhet etc all of them in Uttarakhand.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46498148272334324712009-11-20T16:31:06.882+05:302009-11-20T16:31:06.882+05:30शहर पर आपकी जानकारी रोचक है.
अपनी एक शे'र पढना...शहर पर आपकी जानकारी रोचक है.<br />अपनी एक शे'र पढना चाहूँगा...<br /><br /><b>तेरे शहर में रात और दिन का कोई पता नहीं चलता<br />दोस्त, ये कैसी दुनिया है जहाँ दिन में तारे नजर आते हैं</b><br /><br />- <a href="http://myblogistan.wordpress.com/about/" rel="nofollow">सुलभ</a>Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89619173809658855072009-11-20T14:51:22.432+05:302009-11-20T14:51:22.432+05:30बेशक शहर छलावा है पर यह कितना खूबसूरत है कि हम किस...बेशक शहर छलावा है पर यह कितना खूबसूरत है कि हम किसी न किसी आस या प्यास के बहाने इस छलावे के छल को निरंतर झेल रहे हैं।Anshu Mali Rastogihttps://www.blogger.com/profile/01648704780724449862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54652104541444081902009-11-20T12:37:22.738+05:302009-11-20T12:37:22.738+05:30कोई दोस्त है न रकीब है,
तेरा शहर कितना अजीब है...
...कोई दोस्त है न रकीब है,<br />तेरा शहर कितना अजीब है...<br />मैं किसे कहूं, मेरे साथ चल,<br />यहां हर सिर पे सलीब है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72694654453076549742009-11-20T09:05:12.174+05:302009-11-20T09:05:12.174+05:30bahut achchi lagi yeh jaankari....bahut achchi lagi yeh jaankari....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77597390922215780812009-11-20T07:04:37.390+05:302009-11-20T07:04:37.390+05:30क्षेत्र ,खेत का बारीक सा अंतर आज ही मालुम हुआ . और...क्षेत्र ,खेत का बारीक सा अंतर आज ही मालुम हुआ . और सबसे दिलचस्प आर्य गंगा से बोलगा तक फैले थे . मुझे तो लगता है आर्य भारत में आये नहीं थे यहाँ से गए थे पुरे विश्व में . यह जो भ्रांती है कभी तो दूर होगी . आर्यों का उदगम तो आर्याव्रत ही होगाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41585482108474721572009-11-20T05:42:36.167+05:302009-11-20T05:42:36.167+05:30अच्छी जानकारी रही! आभार!अच्छी जानकारी रही! आभार!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com