tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post2859225830835426283..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: अरुणाचल में मिली दुर्लभ भाषाअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59189704501364970092010-10-17T09:32:53.023+05:302010-10-17T09:32:53.023+05:30भाषा तो वे शब्द हैं कहते उर का भाव
अभिव्यक्ति हो ...भाषा तो वे शब्द हैं कहते उर का भाव <br />अभिव्यक्ति हो ह्रदय की मात्र यही है उपावप्रदीप मानोरियाhttps://www.blogger.com/profile/07696747698463381865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70132854533788411272010-10-11T09:39:22.652+05:302010-10-11T09:39:22.652+05:30पता नहीं कितनी भाषायें लुप्त हो रही हैं।पता नहीं कितनी भाषायें लुप्त हो रही हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19163363460072119362010-10-09T11:12:18.873+05:302010-10-09T11:12:18.873+05:30दुर्लभ भाषा पर दुर्लभ जानकारी। धन्यवाद।दुर्लभ भाषा पर दुर्लभ जानकारी। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-92196246020867703912010-10-07T19:43:11.621+05:302010-10-07T19:43:11.621+05:30कोरो भाषा के बारे में पढ़कर जानकारी मिली, अच्छी लग...कोरो भाषा के बारे में पढ़कर जानकारी मिली, अच्छी लगी. लेकिन शोधकर्ताओं ने अरुणाचल के उस जिले का उल्लेख नहीं किया जहाँ यह भाषा बोली जाती है. अनुमान है की अरुणाचल में 38 जनजाति के लोग निवास करते हैं और लगभग शायद उतनी ही भाषा बोली जाती है. लेकिन विद्वान लेखक ने नयी भाषा के बारे में सूक्ष्म शोध किया और इस नतीजे पर पहुंचे हैं . साधुवाद.शूरवीर रावतhttps://www.blogger.com/profile/14313931009988667413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27974436323928941152010-10-07T19:25:52.102+05:302010-10-07T19:25:52.102+05:30दुर्लभ भाषा के दुर्लभ शोध की दुर्लभ कहानी अच्छी लग...दुर्लभ भाषा के दुर्लभ शोध की दुर्लभ कहानी अच्छी लगीमहेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37076680289297299302010-10-07T17:20:35.109+05:302010-10-07T17:20:35.109+05:30अच्छी जानकारी आपका आभारअच्छी जानकारी आपका आभारanshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63932650965183288882010-10-07T14:09:17.175+05:302010-10-07T14:09:17.175+05:30अली साहब की टिप्पणी से सहमत ...
और आपकी पोस्ट से त...अली साहब की टिप्पणी से सहमत ...<br />और आपकी पोस्ट से तो हमेशा ज्ञान वर्धन होता है आपका आभारshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77068818420373933282010-10-07T09:53:13.294+05:302010-10-07T09:53:13.294+05:30नवीन जानकारी के लिए आभार आपका भाई जी !नवीन जानकारी के लिए आभार आपका भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48814976825463615242010-10-07T08:28:13.293+05:302010-10-07T08:28:13.293+05:30जानकारी का आभार...जानकारी का आभार...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3947186852969882282010-10-07T08:10:42.887+05:302010-10-07T08:10:42.887+05:30उपलब्धि ! ...पर आश्चर्य कि यह भी विदेशियों के हा...उपलब्धि ! ...पर आश्चर्य कि यह भी विदेशियों के हाथ आई ,क्या हमारे देश में भाषाशास्त्रियों के हाथ इतनें तंग हैं कि वे ...? <br /> <br />उत्तरपूर्व के विश्वविद्यालयों में भी तो भाषा विज्ञान विभाग अथवा अध्ययन संस्थान होंगे ?<br /><br />खैर एक तरह से प्रसन्न और दूसरी तरह से क्षुब्ध मान कर हमारी टिप्पणी दर्ज की जाये !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51672878616232868762010-10-07T07:20:03.621+05:302010-10-07T07:20:03.621+05:30अपने देश में ना जाने कितनी भाषाए है जो रोज मर रही ...अपने देश में ना जाने कितनी भाषाए है जो रोज मर रही है . उसमे हिंदी भी एक है उसे भी सहेज़ने की आवशयकता है .नहीं तो संस्कृत की तरह वह भी किताबो में रह जायेगीdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5377090200187714802010-10-07T07:19:09.493+05:302010-10-07T07:19:09.493+05:30बहुत अच्छी जानकारीबहुत अच्छी जानकारीGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-537344896840930622010-10-07T07:00:16.891+05:302010-10-07T07:00:16.891+05:30बहुत अच्छी जानकारी देती पोस्ट |ऐसी रचना पढ़ने का आन...बहुत अच्छी जानकारी देती पोस्ट |ऐसी रचना पढ़ने का आनंद ही कुछ ओर होता है ,बधाई <br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62613727603864306152010-10-07T02:32:29.337+05:302010-10-07T02:32:29.337+05:30ये बहुत अच्छा आलेख मिला पढने को .... वैसे लुप्त हो...ये बहुत अच्छा आलेख मिला पढने को .... वैसे लुप्त होती भाषाओं को को बचाए रखना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है...देखते हैं शोध से क्या निष्कर्ष निकलता है .अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.com