tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post286693400681921540..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: अफीमची बंदरों की तोड़-फोड़ [बकलमखुद-29]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15415754365023339042008-05-07T12:15:00.000+05:302008-05-07T12:15:00.000+05:30बहुत रोचक जानकारी है आपके पास। नशे की लत के बारे म...बहुत रोचक जानकारी है आपके पास। नशे की लत के बारे में जो आपने बताया वह तो सचमुच किशोरों को विडीयो या डॉक्यूमेन्ट्री के रूप में दिखाया जाना चाहिये। मैंने भी एक व्यक्ति के साथ साथ उसके मातापिता के जीवन को बर्बाद होते देखा है। वह जो १७ या १८ की उम्र में विग्यापनों में कामकर ढेरों पैसा कमा रहा था, आज तक ५७ या ५८ उम्र का हो जाने पर भी स्वावलंबी नहीं हो पाया है। नशा तो छूट गया परन्तु मस्तिष्क पर ऐसा प्रभाव छोड़ गया कि जीवन ही नष्ट हो गया। <BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5212121922216436292008-05-07T07:27:00.000+05:302008-05-07T07:27:00.000+05:30सचमुच अफीमची के ऊपर भिनभिनाती मक्खियों का वीडियो म...सचमुच अफीमची के ऊपर भिनभिनाती मक्खियों का वीडियो मिले तो, नशा मुक्ति के सारे अभियानों के विज्ञापन फेल कर देगा। चलिए कम से कम पढ़ने वाले हो सकता है नशे को नमस्ते कर दें।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78078482464651435952008-05-06T20:20:00.000+05:302008-05-06T20:20:00.000+05:30ना जाने कितने इन्सानोँ की कार्य क्षमता अफीम ने छीन...ना जाने कितने इन्सानोँ की कार्य क्षमता अफीम ने छीन ली :(<BR/>यादेँ,हैँ ये सभी ..<BR/>पारिवारिक बातेँ भी लिखियेगा --<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78824995065029911452008-05-06T19:51:00.000+05:302008-05-06T19:51:00.000+05:30बड़ा रोचक संस्मरण चल रहा है-हेरोइन्ची शब्द बहुत सही...बड़ा रोचक संस्मरण चल रहा है-हेरोइन्ची शब्द बहुत सही लगा. अफिमची बंदरों हालात और नशेड़ी मच्छरों पर वाकई फिल्म बनना चाहिये. जारी रहें -आनन्द आ रहा है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48748091263996200312008-05-06T19:46:00.000+05:302008-05-06T19:46:00.000+05:30बेहद रंगीन और अनमोल यादें । अदभुत है भई । अफलातून ...बेहद रंगीन और अनमोल यादें । अदभुत है भई । <BR/>अफलातून जी आपके अतीत को जानना किसी नशे से कम नहीं है । हम इस नशे को छोड़ना नहीं चाहेंगे । <BR/>क्या हुआ जो देर से आए । बिजियाए हुए हैं आजकल ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70071398815213357552008-05-06T18:00:00.000+05:302008-05-06T18:00:00.000+05:30बहुत रोचक लग रहा है पढने मे ।बहुत रोचक लग रहा है पढने मे ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59674744241871024902008-05-06T17:08:00.000+05:302008-05-06T17:08:00.000+05:30गाज़ीपुर की नशैलची वानर-मंडली के बारे में पहले भी स...गाज़ीपुर की नशैलची वानर-मंडली के बारे में पहले भी सुना था,पर हेरोइन वाले हीरो की दशा का वर्णन सुन कर जी घबड़ा गया . <BR/><BR/>भारत में अफ़ीम की खेती और व्यापार अंग्रेज़ी शासन में बहुत फला-फूला . यहां की अफ़ीम अंग्रेज़ चीन भेजते थे और तगड़ा माल चीरते थे . जब चीन में इसका दुष्प्रभाव देखा गया और इसके आयात पर बैन लगा दिया गया तो ब्रिटेन ने चीन पर युद्ध थोप दिया .<BR/><BR/>राजकुमार जी साथ हुए बर्ताव के बारे में पढ कर दुख हुआ . आगे की कड़ियों की प्रतीक्षा है .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41132593802949375272008-05-06T15:42:00.000+05:302008-05-06T15:42:00.000+05:30आपके नशा पुराण में बन्दर से लेकर मच्छर तक हैं.... ...आपके नशा पुराण में बन्दर से लेकर मच्छर तक हैं.... और भी रोचक होता हो जा रहा है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76142224413587139052008-05-06T14:51:00.000+05:302008-05-06T14:51:00.000+05:30कुछ चरसी तो हमने भी झेले है जी ,पर इस तरह की फ़िल्म...कुछ चरसी तो हमने भी झेले है जी ,पर इस तरह की फ़िल्म कभी देखने कॊ नही मिली, बहुत दुखद है ये सब जबकी कालेज जीवन मे ये सब आम बात हो चली हैArun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-7523648975376165932008-05-06T14:34:00.000+05:302008-05-06T14:34:00.000+05:30नशा करने वाला अगर उससे मुक्ति पा जाए टू उससे उसकी ...नशा करने वाला अगर उससे मुक्ति पा जाए टू उससे उसकी इच्छा शक्ति का पता चलता है. वो जीवन फ़िर कुछ भी काम कर सकता है. बड़ा अच्छा लगा पढ़करRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37692450458832759452008-05-06T14:07:00.000+05:302008-05-06T14:07:00.000+05:30एक अफीमची मेरे घर के पास वाले रेलवे स्टेसन मे रहता...एक अफीमची मेरे घर के पास वाले रेलवे स्टेसन मे रहता था दिनभर भीख मांगकर.रात को सारे पैसे किसी दलाल को देकर अफीम खाता और पास वाले गंदेनाले पर पडा रहता.आपकी पोस्ट पड़कर उसकी याद आ गई.अच्छे संस्मरण जारी रखेंL.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81316535525130955172008-05-06T13:52:00.000+05:302008-05-06T13:52:00.000+05:30संजीत जी से सहमतिअफलातून जी से मिलना और पढ़ना एक अ...संजीत जी से सहमति<BR/>अफलातून जी से मिलना और पढ़ना एक अलग अनुभव से गुजरना है.मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-52561832526056036642008-05-06T13:40:00.000+05:302008-05-06T13:40:00.000+05:30हे भगवान!!इसीलिए कहते है शायद कि ये सब नशे बहुत बु...हे भगवान!!<BR/><BR/>इसीलिए कहते है शायद कि ये सब नशे बहुत बुरे!!<BR/><BR/>वाकई आपको पढ़ना एक अलग अनुभव से गुजरना है अफलातून जी!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21580091815991538612008-05-06T12:51:00.000+05:302008-05-06T12:51:00.000+05:30रात्रि भोजन के बाद उसने कमरे से लगी कोठरी में हेरो...रात्रि भोजन के बाद उसने कमरे से लगी कोठरी में हेरोईन पी । उसके अलावा कमरे में हम दो लोग थे । वह लड़का नंगे बदन , अंगोछा पहन कर सो गया । इसके बाद जो कुछ हमने देखा वह अविस्मरणीय है । वह बिना हिले गहरी नींद में सो रहा था । उसके शरीर पर सैंकड़ों मच्छर बैठे थे , जैसे गन्दे नाले पर बैठते हैं । मच्छरों को गौर से देखने पर उनके निचले हिस्सों में लाल रक्त भी दीख रहा था । कुछ ही देर में मच्छर वहीं लुढ़क जा रहे थे । हमारे रोंगटे खड़े हो गए । काश उन मच्छरों द्वारा रक्त-शोषण और शीघ्र लुढ़क जाने का करीब से वीडियो खींच पाता । मेरा मानना है कि ऐसे विडियो दिखा कर हेरोइन्चियों की लत छुड़ाने में मदद होती । लड़का सुबह मेरे पाँव पकड़ ,कसम खा कर चला गया । कुछ महीनों बाद उसके मरने की खबर मिली । <BR/>===================================<BR/>अजित जी,<BR/>अफलातून साहब का आभार और <BR/>मैं तो यह भी कहूँगा की यह अंश <BR/>आज की उस पीढी तक पहुँचाएँ<BR/>जिसने नशे को फैशन मान लिया है !<BR/>व्यसन बहुत बड़ी चुनौती है.<BR/>आपका<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1621451895584421472008-05-06T12:41:00.000+05:302008-05-06T12:41:00.000+05:30बहुत ही रोचक संस्मरण हैं. जारी रहे.बहुत ही रोचक संस्मरण हैं. जारी रहे.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10839738998574628072008-05-06T12:36:00.000+05:302008-05-06T12:36:00.000+05:30अतीत तो बड़ा मादक लग रहा है...ऐसे में आप बचे रह गये...अतीत तो बड़ा मादक लग रहा है...ऐसे में आप बचे रह गये कमाल की बात है...हम सुन रहे है आप बोलते रहे..VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.com