tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post309902064795391428..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: नैहर और मायके की बातेंअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78983915339661583692010-12-27T12:25:09.389+05:302010-12-27T12:25:09.389+05:30एक जगह बैठे-बैठे कितनी सैर करा देते हैं आप,दुनिया...एक जगह बैठे-बैठे कितनी सैर करा देते हैं आप,दुनिया कितनी भी बदल जाए नैहर या मायका दोनों ही शब्द मन को कहाँ -कहां घुमा लाते हैं !सुन्दर अनुभूतियाँ जगाने के लिए धन्यवाद.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47528614190508546232009-09-24T10:43:45.083+05:302009-09-24T10:43:45.083+05:30नैहर शब्द के बारे में आपने बहुत जानकारी दी . , बहु...नैहर शब्द के बारे में आपने बहुत जानकारी दी . , बहुत धन्यवाद . नैहर तो यूँ भी बहुत याद आता है . आपके शब्द सफ़र ने हमें नैहर तक पहुंचा दिया ! धन्यवादप्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5129716366973156462009-08-03T16:03:53.026+05:302009-08-03T16:03:53.026+05:30औरत का भी कोई अपना घर होता है? शायद, आजकल बदला...औरत का भी कोई अपना घर होता है? शायद, आजकल बदलाव आया हो..वरना तो 'बेटी पराया धन' होती है,यही सुनते आये हैं..चाहे जिस हाल में जिए, उसकी अर्थी तो 'पती के' घरसे उठनी है..!<br />'माहेर वाशीन''' नाही तर "सासुर वाशीन"...हो ना?kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17887197117806532992009-07-29T21:23:05.006+05:302009-07-29T21:23:05.006+05:30मायका माँ का होता है पता था नैहर के बारे में आज ही...मायका माँ का होता है पता था नैहर के बारे में आज ही पता चलाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25582265772297460082009-07-29T19:04:53.631+05:302009-07-29T19:04:53.631+05:30बहुत सुन्दर विश्लेषण। वैसे हम पूरब वाले अपनी मेहरा...बहुत सुन्दर विश्लेषण। वैसे हम पूरब वाले अपनी मेहरारू के नइहर-ससुरा आवागमन के झमेले में बहुत खर्च में पड़ जाते हैं। साथ में विदाई का सामान बहुत लगता है। काफी झमेलोत्पादक होता है यह। लेकिन अगर बीबी नइहर न जाय तो मिंया जी को कई प्रकार के आनन्द से वन्चित रहना पड़ता है। ससुराल जाकर आवभगत कराना भी उसमें एक है। :)सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34056587865663599662009-07-29T19:03:54.433+05:302009-07-29T19:03:54.433+05:30प्रोफाइल में फोटो बहुत झकास लगाए हो भाउ ! कौन स्टू...प्रोफाइल में फोटो बहुत झकास लगाए हो भाउ ! कौन स्टूडियो में खिंचवाए?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6364157163388963162009-07-29T18:11:38.621+05:302009-07-29T18:11:38.621+05:30माइके से ससुराल तलक पहुंचाया है,
शब्दों की बारात म...माइके से ससुराल तलक पहुंचाया है,<br />शब्दों की बारात में रंग बरसाया है.<br />ज्ञातिगृह संवर्धित होते होते अब,<br />प्यारा-प्यारा सा नैहर बन आया है.<br /><br />नैहर जैसा सुगन्धित, ससुराल जैसा गेंदा फूल ...आलेख.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57814858468329889552009-07-29T17:13:46.009+05:302009-07-29T17:13:46.009+05:30शानदार बातें हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secreta...शानदार बातें हैं।<br /><br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59379936255208666142009-07-29T14:46:52.640+05:302009-07-29T14:46:52.640+05:30इतनी बार सुना है,ह्रदय के इतने निकट है.....पर आज त...इतनी बार सुना है,ह्रदय के इतने निकट है.....पर आज तक नहीं जानती थी की " नैहर छूटो री जाय " के रचयिता वाजिद अली शाह हैं.....<br /><br />शब्द " नैहर " में ऐसा प्रभाव निहित है की स्मरण मात्र से अंखियों की कोर पनिया जाती है.....<br />सो अब क्या कहूँ की आपकी यह यात्रा कैसी अनुभूति दे गयी......<br /><br />ज्ञान के साथ साथ भावों का भी संवर्धन हुआ....<br /><br />बहुत बहुत आभार....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76384880777126374692009-07-29T13:36:52.165+05:302009-07-29T13:36:52.165+05:30लोग पूछते है - ऐसा क्या है शब्दावली में?
मेरा, कहन...लोग पूछते है - ऐसा क्या है शब्दावली में?<br />मेरा, कहना है अगर आप पढोगे तो जानोगे <br />मेरा शब्दों के प्रति ज्ञान बढाने में आपके इस ब्लॉग का बहुत बड़ा हाथ <br />शुक्रिया -somadrihttps://www.blogger.com/profile/16213618928809931364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77522427775570789372009-07-29T11:44:36.320+05:302009-07-29T11:44:36.320+05:30bahut badhiya aalekh .yu to aapke shbdo ka safar j...bahut badhiya aalekh .yu to aapke shbdo ka safar jeevan se jude huye hi shbdo ki phchan karata hai .kitu naihar shbd ki vivechna savan ke mahine me adhik sarthak rhi .savan me naihar ,mayka shbd bhle hi aaj ki pidhi ke liye pdos ho ya mayka ghar me hi hi(mobail ki karpa )ho par ham jaise purane logo ki to naihr aur mayke shabd se abhi bhi aankhe bheeg jati hai .<br />beete re jug koi chithiya na pati na koi naihar se aaye re ............<br />abharशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47897715187075211492009-07-29T10:10:16.058+05:302009-07-29T10:10:16.058+05:30बहुत बढ़िया लेख !बहुत बढ़िया लेख !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25503681162410801952009-07-29T09:52:35.756+05:302009-07-29T09:52:35.756+05:30ग्यान के साथ साथ मायका और ससुराल दोनो याद करवा दिय...ग्यान के साथ साथ मायका और ससुराल दोनो याद करवा दिये बहुत बडिया आलेख शायद आब से ये लगा करेगा कि ससुराल मेरा घर नहीं था वो भी पिता के घर की तरह ससुर जी का ही था हा हा हा वसे औरत का घर कौन सा है उस शब्द के बारे मे जरूर जानकारी दें आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27697992729241506242009-07-29T09:17:56.546+05:302009-07-29T09:17:56.546+05:30बहुत आभार अजित जी.
जीवन का हर रंग आपके
और अपने इस...बहुत आभार अजित जी.<br />जीवन का हर रंग आपके <br />और अपने इस सफ़र की पहचान है.<br />=============================<br />डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41592429734522612402009-07-29T08:09:29.147+05:302009-07-29T08:09:29.147+05:30यहां ऐसे लगता है जैसे शब्द हमारे साथ खुद बातें कर ...यहां ऐसे लगता है जैसे शब्द हमारे साथ खुद बातें कर रहे हों?<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45187829444498322972009-07-29T07:23:03.064+05:302009-07-29T07:23:03.064+05:30अब समझ में आया ...बाबा रामदेव ज्ञान को ज्यान क्यों...अब समझ में आया ...बाबा रामदेव ज्ञान को ज्यान क्यों कहते हैं..<br />सुंदर व ज्ञानवर्धक प्रस्तुति ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16970790951023041212009-07-29T06:53:46.422+05:302009-07-29T06:53:46.422+05:30@अलबेला खत्री
बहुत बहुत शुक्रिया दुआओं के लिए अलबे...@अलबेला खत्री<br />बहुत बहुत शुक्रिया दुआओं के लिए अलबेलाजी। शब्दों का सफर बी अलबेला-निराला है। आपकी उपस्थिति ने हमें प्रेरित किया है कि इसे और चलाया जाए। <br />साभार ...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22588941173389193792009-07-29T06:44:27.750+05:302009-07-29T06:44:27.750+05:30नैहर शब्द का अपना रोमांच है, लेकिन सच में अब यह हि...नैहर शब्द का अपना रोमांच है, लेकिन सच में अब यह हिन्दी में पराया सा लगने लगा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11695054139832583272009-07-29T06:38:02.774+05:302009-07-29T06:38:02.774+05:30हमेशा की ही तरह बेहतरीन..हमेशा की ही तरह बेहतरीन..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10404504569533977792009-07-29T06:20:09.075+05:302009-07-29T06:20:09.075+05:30@सिद्धेश्वर
सिद्धू भैया,
इतनी विलम्ब से हाजिरी को...@सिद्धेश्वर <br />सिद्धू भैया,<br />इतनी विलम्ब से हाजिरी को क्या आप खुद भी झेल जाते हैं ?<br />मज़ाक किया था, बुरा न माने। शब्दों का सफर तो सलोना साथ है। अच्छा लगता है। जब चाहें हाजिरी बोलें...:)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41437354059191871872009-07-29T06:15:15.473+05:302009-07-29T06:15:15.473+05:30बाबुल मोरा नैहर छूटो जाय..
वैसे भोजपुरी में नैहर क...बाबुल मोरा नैहर छूटो जाय..<br />वैसे भोजपुरी में नैहर का प्रयोग अभी भी धड़ल्ले से होता है . सदैव की तरह उम्दा पोस्टsiddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46629126578860613172009-07-29T06:03:22.247+05:302009-07-29T06:03:22.247+05:30अजित वडनेरकर जी!
आपने अच्छी जानकारी दी।
कही नहर और...अजित वडनेरकर जी!<br />आपने अच्छी जानकारी दी।<br />कही नहर और नैहर का भी तो कोई सम्बन्ध नही है।<br /><br />25 जुलाई की आपकी पोस्ट में उक्त टिप्पणी की थी। उसका उत्तर इस पोस्ट से मिल गया है। धन्यवाद!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67633297035687379192009-07-29T06:00:25.291+05:302009-07-29T06:00:25.291+05:30@हिमांशु
बिल्कुल ठीक कह रहे हैं हिमांशु। ग़लती ठीक...<b>@हिमांशु</b><br />बिल्कुल ठीक कह रहे हैं हिमांशु। ग़लती ठीक कराने का शुक्रिया।<br />मैं एक पोस्ट को कई बार संपादित करता चलता हूं, जब जैसा वक्त मिले। <b>अ</b>उपसर्ग में निहित रहित जैसे भाव अक्सर यही सब करने के लिए प्रेरित करते हैं। आप जैसे पाठकों की सूचनाओं ने अक्सर ही सफर के आलेखों को मूल्यवान बनाया है। शुक्रिया भाई। संशोधन कर दिया है।<b>नैहर</b> पर खुसरो का नहीं, वाजिदअली शाह का हक़ है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23245643881777867382009-07-29T05:43:23.540+05:302009-07-29T05:43:23.540+05:30नैहर और मायके के बहाने बहुत सी संवेदनाओं को छू लिय...नैहर और मायके के बहाने बहुत सी संवेदनाओं को छू लिया गया है । ज्ञातिगृह से नैहर की विकास यात्रा के बारे में अनुमान नहीं हो सकता था । <br />’बाबुल मोरा नैहर छूटो ही जाय’ - किसी ने कहा था मुझसे कि वाजिद अली शाह की लिखी रचना है । यहाँ अमीर खुसरो द्वारा लिखे जाने की बात है । एक बार पुनः जाँच लें कि मैं अपनी जानकारी सुधार लूँ ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48596034389153810632009-07-29T05:10:53.201+05:302009-07-29T05:10:53.201+05:30आभार इस तरह से इन शब्दों से परिचय करवाने का. आने व...आभार इस तरह से इन शब्दों से परिचय करवाने का. आने वाले समय में यह शब्द सिर्फ किताबों में दिखेंगे. आपने दस्तावेजीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com