tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3115191968494426499..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: शेर के सींग या शेरसिंग?अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79991876890124911842010-11-16T22:33:49.813+05:302010-11-16T22:33:49.813+05:30बहुत दिनों बाद आई ब्लॉग पर और शब्दों की ध्वनी और उ...बहुत दिनों बाद आई ब्लॉग पर और शब्दों की ध्वनी और उच्चारण पर इतना अच्छा लेख मिला पढने को । मराठी भाषी सिंह को सिंव्ह और ज्ञान को द्न्यान ही उच्चारण करते हैं । सिंह के ही बिगडे या प्राकृत रूप हैं सिंग, सिन्हा वगैरा ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77359391415542892902010-11-14T21:48:41.283+05:302010-11-14T21:48:41.283+05:30'पानी[णि]' नी पिलाते तो न होती सुसंस्किरत,...'पानी[णि]' नी पिलाते तो न होती सुसंस्किरत,<br />'संस्कार' पाके हमको मिली है यह 'संस्कृत',<br />अ'ज्ञा'न रहते 'सिंह' से; जो आते न 'सफ़र'* में, {*शब्दों के] <br />हो भी न पाती 'भाषा' हमारी 'परिष्कृत'.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85399522277101193792010-11-14T18:16:39.206+05:302010-11-14T18:16:39.206+05:30दिनेश जी से सहमत !दिनेश जी से सहमत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34464897391145019502010-11-14T16:12:33.331+05:302010-11-14T16:12:33.331+05:30अहा, अभी और शोध।अहा, अभी और शोध।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38805528901440103332010-11-14T10:31:49.780+05:302010-11-14T10:31:49.780+05:30ाच्छी जानकारी धन्यवाद।ाच्छी जानकारी धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22020921233588913192010-11-14T08:40:57.965+05:302010-11-14T08:40:57.965+05:30नरसिंह, आपने बताया ही, उदाहरण थे हमारे प्रधानमंत्र...नरसिंह, आपने बताया ही, उदाहरण थे हमारे प्रधानमंत्री नरसिंह राव जी, जिनके नाम की स्पेलिंग Narsimha के कारण हिन्दी में नरसिम्हा लिखा जाने लगा. क्रिकेट वाले जयसिम्हा भी इसका एक उदाहरण हैं, जिनका नाम जयसिंह था.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16314625602331362392010-11-14T07:34:51.458+05:302010-11-14T07:34:51.458+05:30सुंदर विश्लेषण।
देवनागरी के व्यंजन समूहों की ध्वन...सुंदर विश्लेषण। <br />देवनागरी के व्यंजन समूहों की ध्वन्यात्मकता पर एक पाठ जरूरी है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29578170485021913542010-11-14T06:27:08.601+05:302010-11-14T06:27:08.601+05:30तो सिंह को ही शुद्ध माना जाये . बोलने के लहजे से भ...तो सिंह को ही शुद्ध माना जाये . बोलने के लहजे से भी शब्द की स्पेलिंग बदल जाती है .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com