tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3431472063177458330..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: कभी धूप, कभी छाँव [बकलमखुद-112]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24058232792012470062010-10-28T18:03:39.046+05:302010-10-28T18:03:39.046+05:30Âæ´¿ ãUÁæÚU âð ¥çŠæ·¤Âæ´¿ ãUÁæÚU âð ¥çŠæ·¤Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12511642323207124871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26667984467682396852010-10-28T18:03:31.360+05:302010-10-28T18:03:31.360+05:30Âæ´¿ ãUÁæÚU âð ¥çŠæ·¤Âæ´¿ ãUÁæÚU âð ¥çŠæ·¤Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12511642323207124871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13956773778087737932009-11-03T00:33:07.484+05:302009-11-03T00:33:07.484+05:30पढ़ रहे हैं...और जान रहे हैं...
कई अनजाने पहलू...पढ़ रहे हैं...और जान रहे हैं...<br />कई अनजाने पहलू...रवि कुमार, रावतभाटाhttp://ravikumarswarnkar.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29687162523110961602009-11-02T13:14:40.068+05:302009-11-02T13:14:40.068+05:30"छोटी-मोटी दुर्घटनाएँ बाद में भी हुईं पर हमेश..."छोटी-मोटी दुर्घटनाएँ बाद में भी हुईं पर हमेशा गलती औरों की होती।"<br /><br />sahI hai.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49112771252529399362009-11-01T12:46:56.843+05:302009-11-01T12:46:56.843+05:30चार्वाक के सम्बन्ध में एक प्रश्न उठाता आलेख .ऐसे प...चार्वाक के सम्बन्ध में एक प्रश्न उठाता आलेख .ऐसे प्रश्न ही समाज में विचार मंथन का रास्ता बनाते हैं.बहुत नए और प्रगति शील विचारों को समाज कभी आसानी से स्वीकार नहीं कर पता है.इन्हीं कारणों से गेलिलियो को फंसी लगे गई और सुकरात को जहर का प्याला पीना पड़ा.इसके वाबजूद भारत में ही बुद्ध और कबीर अपनी विचार धराओं को समझा सकने की शक्ति के कारन मानव सके.कृष्ण का गोवर्धन उठाना और वह भी देवताओं के रजा इन्द्र के विरुद्ध .चार्वाक की हत्या का कारन संभवतः उनका सामाजिक दर्शन नहीं वल्कि राजनितिवशयुधिष्ठर के राज तिलक का विरोध था और यह कह कर की समस्त विद्वानों का मत है ,जिस का सभी विद्वानों ने विरोध किया था.इस प्रसंग को विस्तार की आवश्यकता थी .फिर भी ज्वलंत प्रश्न उठाने के लिए आप को बधाई.सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26284327999406051242009-10-31T23:15:16.635+05:302009-10-31T23:15:16.635+05:30badhai.badhai.सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36225170579545042872009-10-31T23:10:40.817+05:302009-10-31T23:10:40.817+05:30सपने देखना भी ज़रूरी है और सपनो को साकार होते हुए ...सपने देखना भी ज़रूरी है और सपनो को साकार होते हुए भी ..व्यवधान तो आते ही हैं .. ज़िन्दगी इसी तरह आगे बढती है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38441589039884041422009-10-31T16:14:08.258+05:302009-10-31T16:14:08.258+05:30बढ़िया हैबढ़िया हैनीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81833535475356818732009-10-31T15:04:02.410+05:302009-10-31T15:04:02.410+05:30ड्राइविंग का मूल मन्त्र तो यही है.ड्राइविंग का मूल मन्त्र तो यही है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82227604518820941332009-10-31T13:04:19.862+05:302009-10-31T13:04:19.862+05:30पग-पग शुरु हुआ सफर सम्पूर्णता की ओर बढ़ता हुआ। इन्...पग-पग शुरु हुआ सफर सम्पूर्णता की ओर बढ़ता हुआ। इन्हीं संघर्षों के बाद जब कभी बीच बीच में विश्राम के क्षण आते हैं और सुस्ताया जाता है, तब लगता है हां, जीवन तो इसे ही कहते हैं। <br />आभार..अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24715050351418970232009-10-31T11:33:43.555+05:302009-10-31T11:33:43.555+05:30हमेशा की तरह शानदार चर्चा।
इलाहाबाद में हमारे हाल ...हमेशा की तरह शानदार चर्चा।<br />इलाहाबाद में हमारे हाल चाल पूछने के लिए शुक्रिया।<br />--------------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">आइए आज आपको चार्वाक के बारे में बताएं</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55233270629272649292009-10-31T09:51:46.766+05:302009-10-31T09:51:46.766+05:30आदरणीय द्विवेदी जी अपने ब्लाॅग के माध्यम से सही मा...आदरणीय द्विवेदी जी अपने ब्लाॅग के माध्यम से सही मायने में एक बहुत बड़ा काम कर रहे है। देश भी में जहाँ वकील लोग सड़ी-सड़ी सलाहों पर गरीबों से पैसा लूट रहे हैं वहीं द्विवेदी जी की यह सलाहें जरूरत मंदों के लिए बेहद कीमती हैं। काश समाज के निचले तबके को भी यह सलाहें आसानी से मुहैया हो पातीं।<br /><br />प्रमोद ताम्बट<br />भोपाल<br />www.vyangya.blog.co.inप्रमोद ताम्बटhttps://www.blogger.com/profile/03951685009971991305noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85878223463692863402009-10-31T08:24:31.020+05:302009-10-31T08:24:31.020+05:30सफ़रनामा पसन्द आया.सफ़रनामा पसन्द आया.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-52668070244925928262009-10-31T06:37:35.968+05:302009-10-31T06:37:35.968+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23443264524651812472009-10-31T06:26:21.082+05:302009-10-31T06:26:21.082+05:30सरदार की जीवन यात्रा का सफर बड़ा जीवट का है।सरदार की जीवन यात्रा का सफर बड़ा जीवट का है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28546923114113997842009-10-31T05:45:06.637+05:302009-10-31T05:45:06.637+05:30जीवन की पटरियों पर एक सार्थक सफ़रजीवन की पटरियों पर एक सार्थक सफ़रArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com