tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post4806162796413713946..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: कनस्तर और पीपे में समाती थी गृहस्थीअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23629429164567773782009-07-25T02:05:20.030+05:302009-07-25T02:05:20.030+05:30@निशांत मिश्र
इसी ठोंगे को कोन कहते हैं निशांत जिस...@निशांत मिश्र<br />इसी ठोंगे को कोन कहते हैं निशांत जिसमें पॉपकार्न, मूंगफली और चने-परमल खाए जाते हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39624984177843135012009-07-25T01:30:20.044+05:302009-07-25T01:30:20.044+05:30पहले कागज़ के लिफाफों में सामान दिया जाता था. किरा...पहले कागज़ के लिफाफों में सामान दिया जाता था. किरानेवाले के सर के ऊपर एक सूत की चरखी लटकती थी जिसमें से धागा खींचकर वह फर्र्र से पैकेट लपेटता था. उस लिफाफे को मेरी दादी ठोंगा कहती थीं. यह शब्द छत्तीसगढ़ में चलता है.निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43164408745938190102009-07-24T02:15:28.955+05:302009-07-24T02:15:28.955+05:30गांव जाइए सर तो अभी भी कई घरों के ट्वॉयलेट में डाल...गांव जाइए सर तो अभी भी कई घरों के ट्वॉयलेट में डालडा का डिब्बा पानी भरने के काम में लाने के लिए रखा मिल जाएघाविनीत कुमारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20915713285943455492009-07-24T02:14:56.134+05:302009-07-24T02:14:56.134+05:30असली घी के तो नाम से ही कोलेस्ट्रोल बढ जाता है.असली घी के तो नाम से ही कोलेस्ट्रोल बढ जाता है.सुरेन्द्र ग्रोवरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50739889832989932782009-07-24T02:13:59.583+05:302009-07-24T02:13:59.583+05:30असली घी = डालडा घी
डालडा दा जवाब नईंअसली घी = डालडा घी<br />डालडा दा जवाब नईंकाजलकुमारnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15584754634343344812009-07-24T02:13:23.683+05:302009-07-24T02:13:23.683+05:30haaaaa ajit jee bahut ache likhe hain aaphaaaaa ajit jee bahut ache likhe hain aapAmandeep Singhnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37353136202668787122009-07-24T02:12:51.047+05:302009-07-24T02:12:51.047+05:30acchha shirshak dia hai aapne ajit bhai!
aur thee...acchha shirshak dia hai aapne ajit bhai!<br /><br />aur theek ba noo sab kucchh. barish ka anand utha rahe hain na!Babban Singhnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57439018649726642262009-07-24T02:12:10.033+05:302009-07-24T02:12:10.033+05:30"हम तो सोचे थे ई कनस्तरवा हमरे हियाँ का शब्द ..."हम तो सोचे थे ई कनस्तरवा हमरे हियाँ का शब्द है ई तो बिदेसी निकला .ई का भरा रहा हमार दिमाग के पीपा मे"शरद कोकासnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10907643534084044232009-07-23T21:42:52.905+05:302009-07-23T21:42:52.905+05:30अजित भाई,
शोधपूर्ण आलेख, नयी जानकारियां मिलीं; बधा...अजित भाई,<br />शोधपूर्ण आलेख, नयी जानकारियां मिलीं; बधाई !<br />लेकिन ये चुप-सी क्यों लगी है ? --आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28054057781312753562009-07-23T19:51:45.628+05:302009-07-23T19:51:45.628+05:30पीपा और कनस्तर का प्रयोग तो आज भी हो रहा है हमारे ...पीपा और कनस्तर का प्रयोग तो आज भी हो रहा है हमारे यहाँ . लेकिन यह विदेशी शब्द हिंदी के ही लगते है .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59503137103635797192009-07-23T17:12:27.251+05:302009-07-23T17:12:27.251+05:30पीपे और कनस्तर का एक दुसरे से सम्बध की जानकारी अच्...पीपे और कनस्तर का एक दुसरे से सम्बध की जानकारी अच्छी लगी । धन्यवादIMAGE PHOTOGRAPHYhttps://www.blogger.com/profile/07648170539684419518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14811129195063414262009-07-23T15:04:13.548+05:302009-07-23T15:04:13.548+05:30बोतल पर कुछ लिखिए। यह भी एक पोली चीज होती है। हमलो...बोतल पर कुछ लिखिए। यह भी एक पोली चीज होती है। हमलोगों के यहाँ मानसिक रूप से मन्द लोगों को बोतल कहते हैं। जो और मन्दमति होटल हैं उनको 'बिना ढक्कन का बोतल' कहते हैं। क्यों कहते हैं, मुझे नहीं पता। आप कुछ बता सकें तो मेहरबानी हो।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90102932819594387042009-07-23T11:47:49.707+05:302009-07-23T11:47:49.707+05:30कनस्तर और पीपो का अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत किया है।...कनस्तर और पीपो का अच्छा विश्लेषण प्रस्तुत किया है।<br />बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46035565580944683462009-07-23T11:40:48.382+05:302009-07-23T11:40:48.382+05:30aanand se abhibhoot kar diya
atyant rochak shaili...aanand se abhibhoot kar diya <br />atyant rochak shaili me jaankaari dene ka aapka andaz man ko bhata hai <br /><br />waah waah<br />badhaai <br />abhinandan !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48015837388206453802009-07-23T11:37:44.123+05:302009-07-23T11:37:44.123+05:30कनस्तर के बारे में अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद |ग...कनस्तर के बारे में अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद |गावो में अभी भी बांस की चिपियो से अनाज रखने के लिए कोठिया बनाई जाती है और उसे अन्दर बाहर से पीली चिकनी मिटटी से चिकना किया जाता है |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-74742771398529728702009-07-23T10:02:46.078+05:302009-07-23T10:02:46.078+05:30जानकारियों का व्यवस्थित प्रस्तुतिकरण करते हैं आप ।...जानकारियों का व्यवस्थित प्रस्तुतिकरण करते हैं आप । कनस्तर के बारे में जानकर अच्छा लगा । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17248645006212608292009-07-23T07:31:58.566+05:302009-07-23T07:31:58.566+05:30बढ़िया जानकारी है कनस्तर के बारे में. अभी तक तो हम...बढ़िया जानकारी है कनस्तर के बारे में. अभी तक तो हम यही सोच रहे थे की इसका कान के (ध्वनि) स्तर से कोई सम्बन्ध है.adminhttps://www.blogger.com/profile/12998815919950757652noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37445309967472310882009-07-23T07:13:38.784+05:302009-07-23T07:13:38.784+05:30नयी जानकारियों के साथ प्रशंसनीय आलेख अजीत जी।
सा...नयी जानकारियों के साथ प्रशंसनीय आलेख अजीत जी। <br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30880165609345429912009-07-23T07:05:40.888+05:302009-07-23T07:05:40.888+05:30पीपा और कनस्तर तो हाल-हाल तक प्रयोग किये गये। जरीक...पीपा और कनस्तर तो हाल-हाल तक प्रयोग किये गये। जरीकेन हजारों की संख्या में बनते रहे हैं हमारे यहां!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69988910426091518132009-07-23T06:45:24.038+05:302009-07-23T06:45:24.038+05:30मुझे तेल के कनस्तरों से बने विभिन्न आकारों के पीपे...मुझे तेल के कनस्तरों से बने विभिन्न आकारों के पीपे अभी तक स्मरण हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com