tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post5901923460607821426..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: आगे ख़ंदक, पीछे खाईअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2706524548476721212010-02-22T22:24:56.827+05:302010-02-22T22:24:56.827+05:30संस्कृत से ही शब्द निकले और अब संस्कृत ही एछिक ह...संस्कृत से ही शब्द निकले और अब संस्कृत ही एछिक हो गईdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2981865340793049272010-02-22T22:01:21.705+05:302010-02-22T22:01:21.705+05:30सदैव की भांति अतिसुन्दर ज्ञानवर्धक शब्द विवेचना......सदैव की भांति अतिसुन्दर ज्ञानवर्धक शब्द विवेचना...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24676517351962845322010-02-22T17:17:34.655+05:302010-02-22T17:17:34.655+05:30अलमारी के खानों (हिस्सों ) के बारे में क्या ख्याल...अलमारी के खानों (हिस्सों ) के बारे में क्या ख्याल है ? हमारे यहाँ इन खानों को खन भी बोलते है . इसके अलावा मकानों की मंजिलो को भी खन के नाम से बोला जाता है.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24352245893254880912010-02-22T14:47:11.519+05:302010-02-22T14:47:11.519+05:30ांअपके ग्यान के साथ साथ ग्यानदत्त जी की टिपनी बहुत...ांअपके ग्यान के साथ साथ ग्यानदत्त जी की टिपनी बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89228651976801880072010-02-22T13:11:37.111+05:302010-02-22T13:11:37.111+05:30badhiya !!
tabhi kai shahro ke naam sheoganj.kis...badhiya !!<br />tabhi kai shahro ke naam sheoganj.kishnganj aadi hai.किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40530440397187046902010-02-22T12:16:25.605+05:302010-02-22T12:16:25.605+05:30कभी सोचता था कि खन्दक का खुन्दक से कोई रिश्ता है। ...कभी सोचता था कि खन्दक का खुन्दक से कोई रिश्ता है। अगर है तो यह कहा जा सकता है कि ब्लॉगजगत बहुत खन्दकी है! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59810480145545737132010-02-22T10:42:58.200+05:302010-02-22T10:42:58.200+05:30अजित भाई
ख़न्दक से मिलता जुलता एक लफ्ज़ है ख़द...अजित भाई <br />ख़न्दक से मिलता जुलता एक लफ्ज़ है ख़द / ख़द्द जिसका मतलब है भूमि के भीतर दरार / गर्त और ... रुख़सार ! अब दोनों ही ठिकाने ...ज़ाहिर है इंसान यहां बसते हैं निगाहें वहां ! और भी ज्यादा बड़प्पन से काम लिया जाये तो कहिये धरती के रुखसारों पर इंसानों नें आसरे बनाये हैं !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75273612758141339572010-02-22T08:39:22.369+05:302010-02-22T08:39:22.369+05:30अजित भाई..याद आया हमारे यहाँ पुरातत्व मे जो खन्दक ...अजित भाई..याद आया हमारे यहाँ पुरातत्व मे जो खन्दक खोदी जाती है उसे ' निखात ' कहते हैं ( अंग्रेजी मे trench) इसके उद्भव पर भी प्रकाश डालिये ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13672796825162992262010-02-22T08:36:20.204+05:302010-02-22T08:36:20.204+05:30पुरातत्ववेत्ता को आपकी यह खुदाई वाली पोस्ट पसन्द आ...पुरातत्ववेत्ता को आपकी यह खुदाई वाली पोस्ट पसन्द आई । कहाँ कहाँ से उत्खनन कर आप यह जानकारी जुटाते हैं । हाँ लेकिन यह खुदाई ,खुदा की खुदाई से अलग है.. जनता इस बात का ध्यान रखे ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13450753054228618532010-02-22T07:25:45.168+05:302010-02-22T07:25:45.168+05:30हिमाचल का 'कोटखाई' और पंजाब का 'खाई फे...हिमाचल का 'कोटखाई' और पंजाब का 'खाई फेमे की' नगर तो मैंने देखे हुए हैं, और भी कई हैं.<br />पंजाबी में खाई को खतान भी बोलते हैं खास तौर पर सड़कों के साथ साथ वाले.<br />छत की दो शहतीरिओं के बीच वाले हिस्से को 'खण' बोलते हैं.<br />पंजाबी में 'खड' का मतलब भी खाई होता है. खड आम शब्द है.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-64392984654805078662010-02-22T06:44:25.335+05:302010-02-22T06:44:25.335+05:30आभार इस ज्ञानसागर का....आभार इस ज्ञानसागर का....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75261653024145761422010-02-22T06:20:01.552+05:302010-02-22T06:20:01.552+05:30नहीं अदा जी कंधार गंधार का तद्भव है.नहीं अदा जी कंधार गंधार का तद्भव है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10491099117656799182010-02-22T04:25:12.917+05:302010-02-22T04:25:12.917+05:30वाह !!
सही बताया आपने भी खंड, कंद, गंज की व्युत्पत...वाह !!<br />सही बताया आपने भी खंड, कंद, गंज की व्युत्पत्ति और अर्थ..<br />'कान्धार' भी क्या इसी श्रेणी में आएगा..?<br />बस एक बात आई मन में तो पूछ लिया है..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com