tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6172808747545416719..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: डॉटर यानी दूध दुहनेवाली बिटिया…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69503241954908279442010-07-23T06:11:30.846+05:302010-07-23T06:11:30.846+05:30एक सम्पूर्ण सुन्दर पोस्ट .एक सम्पूर्ण सुन्दर पोस्ट .आशुतोष कुमारhttps://www.blogger.com/profile/17099881050749902869noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2317908891714275982010-07-22T21:22:56.731+05:302010-07-22T21:22:56.731+05:30हम्म ...रोचक जानकारी.हम्म ...रोचक जानकारी.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-18113169830567725042010-07-22T20:16:38.656+05:302010-07-22T20:16:38.656+05:30Nice Post
क्या कहूँ आपकी सभी पोस्टें बेहतरीन होती ...Nice Post<br />क्या कहूँ आपकी सभी पोस्टें बेहतरीन होती हैं<br /><br /><br />----<br /><a href="http://vinayprajapati.wordpress.com" rel="nofollow">तख़लीक़-ए-नज़र</a><br /><a href="http://techprevue.blogspot.com" rel="nofollow">तकनीक-दृष्टा</a><br /><a href="http://prajapativinay.blogspot.com" rel="nofollow">चाँद, बादल और शाम</a><br /><a href="http://pinkbuds.blogspot.com" rel="nofollow">गुलाबी कोंपलें</a><br /><a href="http://thevinayprajapati.blogspot.com" rel="nofollow">The Vinay Prajapati</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44000926878495006302010-07-22T17:13:14.375+05:302010-07-22T17:13:14.375+05:30मराठी में भी बाई शब्द सम्मानसूचक है। मराठी में भाभ...मराठी में भी बाई शब्द सम्मानसूचक है। मराठी में भाभी को वहिनी कहते हैं। यह भी भगिनी से ही बना है। भाई की पत्नी के साथ भी बहन जैसे रिश्ते की कल्पना मराठी समाज का विशिष्ट सांस्कृतिक आधार है।... यह तो बहुत अछि बात है लेकिन <br />... उत्तरप्रदेश में बाई शब्द बेहद अपमानजनक समझा जाता है... <br />... ...अद्भुत है आपका शब्दों का सफ़र, दैनिक भास्कर में भी आपके लेख आते है, रोमांचित करते हैं आपकी शब्द शैली और शब्द की पकड़ प्रभावपूर्ण होती है,<br />हार्दिक शुभ कामनाकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90119277924567389202010-07-22T14:02:08.879+05:302010-07-22T14:02:08.879+05:30दूध दुहने वाली डॉटर आज अंतरिक्ष में उड़ान भरने लगी ...दूध दुहने वाली डॉटर आज अंतरिक्ष में उड़ान भरने लगी है.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36851703659375465532010-07-22T12:38:15.864+05:302010-07-22T12:38:15.864+05:30अजित जी, शब्दों को मठ कर घी निकालना कोई आपसे सीखे!...अजित जी, शब्दों को मठ कर घी निकालना कोई आपसे सीखे!<br /><br />'छेड़ा-छेड़ी' करते हमने 'छोरा-छोरी' देखे, <br />'दुग्ध वाहिनी' का 'दोहन' कर 'जोड़ा-जोड़ी' देखे,<br />'झुऊ-झूर' की व्युत्पत्ति से पोरया-पोरी देखे,<br />'घी' कि ख़ातिर इस जग की सब दौड़ा-दौड़ी देखे. <br /><br />'दुख्तर' को 'अख्तर' कह कर हम 'ऊपर' भी पहुंचाते,<br />और 'बिरादर' कह पुत्तर को सर पे है बिठलाते. <br /><br />-mansoorali hashmiMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24355069020211127352010-07-22T11:31:04.142+05:302010-07-22T11:31:04.142+05:30बहुत ही अद्भुत शब्द यात्रा |मालवी में माँ को &quo...बहुत ही अद्भुत शब्द यात्रा |मालवी में माँ को "बई,"निमाड़ी में माँ को "बाई "और राजस्थान में माँ को "बाईजी "कहा जाता है |ये बात अलग है की अब सब लोग ज्यादातर मम्मी ही कहने लगे है |<br />निमाड़ में छोरा को " पोरया "और छोरी को "पोरई "कहते है |<br />आपकी शब्द यात्रा इतनी विराट है उसमे और कोई गुंजाईश ही नहीं है फिर भी कुछ प्रचलित और निमाड़ मालवा से सम्बन्ध है तो लिख दिए है |<br />आभारशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9491442114545106082010-07-22T08:58:25.283+05:302010-07-22T08:58:25.283+05:30राजस्थान में लड़का लड़की को टाबुर कज टाबरी कहा जात...राजस्थान में लड़का लड़की को टाबुर कज टाबरी कहा जाता है. यह भी आप के शावरक से ही निकला लगता है. हमेशा की तरह रोचक यात्रा.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-33293495041991564882010-07-22T08:50:11.448+05:302010-07-22T08:50:11.448+05:30बहुत ख़ूब। बिहार में, ख़ास कर भोजपुरी में 'छौंड़ा...बहुत ख़ूब। बिहार में, ख़ास कर भोजपुरी में 'छौंड़ा (छोकरा), छौंड़ी (छोकरी) कहते हैं।Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-789612254379154452010-07-22T08:48:27.842+05:302010-07-22T08:48:27.842+05:30This comment has been removed by the author.Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11050281244725257362010-07-22T08:16:58.523+05:302010-07-22T08:16:58.523+05:30छोरा फारसी मूल का लगता था। दुहिता सारी संस्कृतियों...छोरा फारसी मूल का लगता था। दुहिता सारी संस्कृतियों में एक ही मूल से उत्पन्न शब्द है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76011889540371082512010-07-22T08:02:16.434+05:302010-07-22T08:02:16.434+05:30अद्भुत होता है सफर शब्दों का !!अद्भुत होता है सफर शब्दों का !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com