tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6338692591827606249..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: [नामपुराण-11] घुड़दौड़ वाले वाजपेयीजीअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65379134316351010172010-05-03T09:58:53.013+05:302010-05-03T09:58:53.013+05:30अश्व पहले जिताए जाते थे,
अब तो बस वे गिनाये* जाते ...अश्व पहले जिताए जाते थे,<br />अब तो बस वे गिनाये* जाते है,<br />थी वफ़ा उनकी 'वाज' में शामिल,<br />माल-ओ-ज़र से रिझाए जाते है.<br /><br />*Horse Trading<br />-mansoor ali hashmi <br />http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17318712999447255182010-05-03T09:50:08.684+05:302010-05-03T09:50:08.684+05:30यज्ञं और रैलियों पर आप और द्विवेदी जी से सहमत !
अ...यज्ञं और रैलियों पर आप और द्विवेदी जी से सहमत !<br />अजित भाई क्या सत्रह के अंक की स्वीकार्यता / अर्थ / सिग्निफिकेंस आदि के विषय में कुछ अधिक जानकारी मिल सकेगी ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27143822744292745292010-05-03T09:34:15.764+05:302010-05-03T09:34:15.764+05:30ज्ञान और बढ़ा आज भी ।ज्ञान और बढ़ा आज भी ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34888941519590711262010-05-03T09:01:53.212+05:302010-05-03T09:01:53.212+05:30बहुत जानकारी भरी पोस्ट .दिनेशजी ने जो कहा सोचने ला...बहुत जानकारी भरी पोस्ट .दिनेशजी ने जो कहा सोचने लायक है .किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63583098215993710732010-05-03T07:01:58.470+05:302010-05-03T07:01:58.470+05:30वाजपेई के साथ यज्ञ शब्द की विवेचना बहुत सटीक रही!वाजपेई के साथ यज्ञ शब्द की विवेचना बहुत सटीक रही!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37183267637569588392010-05-03T03:23:59.347+05:302010-05-03T03:23:59.347+05:30पढ़कर द्विवेदी जी खूब याद किया. :)पढ़कर द्विवेदी जी खूब याद किया. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81987000562281387872010-05-03T01:05:16.600+05:302010-05-03T01:05:16.600+05:30बहुत खूब अजीत जी...शुक्रिया!!!बहुत खूब अजीत जी...शुक्रिया!!!Barthwalhttps://www.blogger.com/profile/10624244011547494333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49239873123326361112010-05-03T00:25:04.779+05:302010-05-03T00:25:04.779+05:30बहुत सही कहा द्विवेदी जी। आज की रैलियां अतीत के रा...बहुत सही कहा द्विवेदी जी। आज की रैलियां अतीत के राजसूय, दिग्विजय, वाजपेय, अग्निष्टोम, अश्वमेध जैसे आयोजनों का ही बदला हुआ रूप हैं। मर्म दोनो का एक ही है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24035578529138887212010-05-03T00:10:14.802+05:302010-05-03T00:10:14.802+05:30आज मुझे लगा कि मैं कल विनोद में की गई अपनी टिप्पणी...आज मुझे लगा कि मैं कल विनोद में की गई अपनी टिप्पणी एक पोस्ट पहले ही कर गया। <br />"बाद में यह यज्ञ शासक की सार्वभौम सम्राट बनने की इच्छापूर्ति का जरिया बने।"<br />इस पंक्ति को पढ़ कर राजनेताओं द्वारा की जा रही दिल्ली और लखनऊ की रैलियाँ याद आ गईँ।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com