tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6787522366269347429..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: पिंजरे में मुनियाअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67866790476467546962007-12-29T00:56:00.000+05:302007-12-29T00:56:00.000+05:30दरअसल न दीन है न दुनियापिंजरे में फुदक रही है मुनि...दरअसल न दीन है न दुनिया<BR/>पिंजरे में फुदक रही है मुनिया ----<BR/>उस समय की स्थिति का गहराई से किया गया चित्रण है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.com