tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6817376545961235743..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: भूखे भजन न होई गोपालाअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28883341461187920612008-08-19T22:06:00.000+05:302008-08-19T22:06:00.000+05:30शब्दों के साथ-साथ इसमें उपवास की महिमा भी हो गई......शब्दों के साथ-साथ इसमें उपवास की महिमा भी हो गई... सोने पे सुहागा!Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65498822032931855742008-08-06T08:32:00.000+05:302008-08-06T08:32:00.000+05:30अजीत जी, ब्लॉगर.काम वालों की ब्लॉगरोल सुविधा के भर...अजीत जी, ब्लॉगर.काम वालों की ब्लॉगरोल सुविधा के भरोसे रहने के कारण आपकी यह पोस्ट छूटी जा रही थी। थोड़ी गलती मेरी भी रही जो ‘रीलोड’ विकल्प चुनने में देर कर दी।<BR/>बहरहाल, आपकी यह पोस्ट भी हमेशा की तरह ज्ञानवर्द्धक, और मजेदार रही। साधुवाद।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36161564955523448662008-08-05T03:00:00.000+05:302008-08-05T03:00:00.000+05:30अजित भाई, बहुत दिनों से ब्लाग को पढ़ता रहा हूँ यहीं...अजित भाई, बहुत दिनों से ब्लाग को पढ़ता रहा हूँ यहीं आकर संतोष पाता रहा हूँ। बाकियों से अलग कुछ ग्यान बांटता।शब्दों को जानना मानों स्वः को जाननें जैसा लगता है, मानो तूल से मूल की यात्र हो या फिर स्रष्टा से साक्षात्कार जैसा। धातुओं का जैसा अद्भुत संधान प्राचीन ऋषि वैञानिकों ने किया वैसा शायद ही किसी सभ्यता मॆं प्राप्त हो। वैदिक संस्कृत में एक शब्द है अशनाया जिसका अर्थ है भूँख, यह भूँख मात्र उदरपूर्ति के ही अर्थ में नही है ञान,लक्ष्यप्राप्ति, संतान, जीवित रहनें या फिर जैसी भी आशा आप रखते हों उन सभी में अशनाया शब्द व्याप्त है। आशा शब्द में भी वही धातु आधार में हैं। अशनाया मे अन उपसर्ग पूर्वक बना शब्द अन+अशनाया ही कालान्तर में अनशन का रुप ले बैठा,जिसका मन्तव्य भूँख प्यास रहित होकर गुरु के समीप उप+नि+षद=उपनिषद ,(गुरु के आसन से नीचे आसन पर जाननें की इच्छा की निष्ठा के साथ) पूर्वक उपवेषिनः (नीचे आसन पर अवस्थिति होना) होना ही हिन्दी का उपवास है।साधुवाद.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23128582051851497912008-08-03T12:55:00.000+05:302008-08-03T12:55:00.000+05:30आदरणीय दादा उपवास का सही अर्थ जानकर बहुत अच्छा लगा...आदरणीय दादा उपवास का सही अर्थ जानकर बहुत अच्छा लगा,धन्यवाद . शब्दों का सफर का गेटअप अब पहले से काफी इम्प्रेसिव और अच्छा लग रहा हैं.Radhika Budhkarhttps://www.blogger.com/profile/11776018648214285308noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76982354757151137802008-08-02T23:06:00.001+05:302008-08-02T23:06:00.001+05:30हमेँ तो "फराळी " भोजन बहुत पसँद है :)स - विस्तार, ...हमेँ तो "फराळी " भोजन बहुत पसँद है :)<BR/>स - विस्तार, <BR/>अच्छा आलेख है अजित भाई !<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76476516078275883672008-08-02T23:06:00.000+05:302008-08-02T23:06:00.000+05:30bahut khoob likha haibahut khoob likha haiUnknownhttps://www.blogger.com/profile/01634947543138803817noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88004004017800357252008-08-02T18:51:00.000+05:302008-08-02T18:51:00.000+05:30उपवास के अनेक फायदे है एक तो आपकी आंतो को ओर पूरे ...उपवास के अनेक फायदे है एक तो आपकी आंतो को ओर पूरे पाचन तंत्र को आराम मिल जाता है .दूसरा आपकी आत्मिक शुद्धी हो जाती है .......ये सिर्फ़ इंसान की सोच है...वैजानिक तौर पर भी जब आप कोई positive vibe सोचते है ,आपके शरीर की कुछ ग्रन्थिय उसी के अनुकूल हारमोन secrete करती है.डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21988675471710788252008-08-02T18:34:00.000+05:302008-08-02T18:34:00.000+05:30पोस्ट दमदार है और गेट-अप के प्रयोग भी!पोस्ट दमदार है और गेट-अप के प्रयोग भी!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51876290304912061112008-08-02T18:31:00.000+05:302008-08-02T18:31:00.000+05:30हमारी कुमाऊंनी बोली में 'उपवास' का कम 'व्रत' शब्द ...हमारी कुमाऊंनी बोली में 'उपवास' का कम 'व्रत' शब्द का ज़्यादा प्रयोग होता है. और कोई आदमी बिना किसी धार्मिक आस्था वगैरह के लिए दूसरों को और अपने आसपास वालों को परेशान करने के लिए खाना खाना बन्द कर देता है तो उसे 'लंगण' रखना कहते हैं.<BR/><BR/>हम कुमाऊंनी पंत, पांडे, जोशियों का मूलस्थान महाराष्ट्र ही माना है कई विद्वानों ने. आपने एक और प्रमाण दिया - फलाहार के लिए मराठी वाला शब्द 'फराल' ही हमारे यहां चलता है. <BR/><BR/>अनीता जी ने फ़ास्ट का उद्गम पूछा है. अंग्रेज़ी शब्द 'Fast' एक एंग्लो-सैक्सन शब्द 'faest' से माना जाता है जिसका अर्थ हुआ 'सुदृढ़' अथवा 'बंधा हुआ'. ख़ास बंधे हुए समयान्तराल में भोजन न करने को 'faesten' कहा गया यानी 'to hold oneself from food'. बाइबिल में उपवास रखने के कई उद्धरण पाए जाते हैं और ईसाई धर्म में इसे प्रभु के पास पहुंचने का एक मार्ग भी बताया है. पिछले क़रीब १५० वर्षों से यूरोप में यह परम्परा लुप्त हो चुकी है.<BR/><BR/>बढ़िया पोस्ट अजित भाई!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90220277080048187272008-08-02T16:01:00.000+05:302008-08-02T16:01:00.000+05:30अजीत जी ,उपवास के बारे आप ने बहुत बिस्तार से समझाय...अजीत जी ,उपवास के बारे आप ने बहुत बिस्तार से समझाया, ओर साथ साथ आज के बारे मे भी बताया,एक बात ओर जब हम उपवास रखते हे उस दिन का खाना दान मे देना चाहिये, लेकिन उस आज के बारे भी आप ने अपने लेख मे लिख कर हम सब की आंखे खोली. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13616195863009488732008-08-02T15:25:00.000+05:302008-08-02T15:25:00.000+05:30उपवास शब्द के बारे में रोचक जानकारी दी है आपने आपक...उपवास शब्द के बारे में रोचक जानकारी दी है आपने <BR/>आपको बहुत बहुत धन्यवाद.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4282588762220112832008-08-02T13:37:00.000+05:302008-08-02T13:37:00.000+05:30अजीत जी भारतीय भाषाओं में तो उपवास या उपास समझ में...अजीत जी भारतीय भाषाओं में तो उपवास या उपास समझ में आया एक जैसे है लेकिन रमजान या रोजा अरबी में है क्या, और अग्रेजी में उपवास को फ़ास्ट क्युं बोला जाता है इस पर भी थोड़ा प्रकाश डालिएAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1334995877729263582008-08-02T12:59:00.000+05:302008-08-02T12:59:00.000+05:30किसी विशेष लक्ष्य का , संकल्प का सतत अहसास कराता ...किसी विशेष लक्ष्य का , संकल्प का सतत अहसास कराता है उपवास . मन मनमौजी होता है ख़ास<BR/>अवसर पर नियंत्रण में मदद उपवास ही करता है .लक्ष्य विहीन उपवास आजकल ज्यादा चलन में है<BR/>आपने सही अर्थ रखा उपवास का. मानव इश्वर के करीब तब ही हो पायेगा जब वो अपने अन्दर समाहित अवगुणों से मुक्त न हो .अवगुण से दूर रहने में सहायता प्रदान करती है उपवास .भले ही हम इसकी सहायता ले या न ले .<BR/>उपवास का उपहास बनाया जा रहा है .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80702950305243521632008-08-02T10:52:00.000+05:302008-08-02T10:52:00.000+05:30बड़ी उपयोगी जानकारी दी आपने.अपने समीप आने से आत्म ...बड़ी उपयोगी जानकारी दी आपने.<BR/>अपने समीप आने से <BR/>आत्म शुद्धि की ललक <BR/>उत्पन्न हो जाने से <BR/>और अपने से, अपनी <BR/>पहचान हो जाने से <BR/>चरितार्थ हो जाता है उपवास<BR/>ऐसा विद्वानों ने कहा है.<BR/>==============================<BR/>...अजित जी...सई बखत भी सई है !<BR/>आपका<BR/>चन्द्रकुमारDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35336271329994914762008-08-02T09:48:00.000+05:302008-08-02T09:48:00.000+05:30उपवास पर ही नहीं लिंक संथरा पढ़ना भी अच्छा लगा..शुक...उपवास पर ही नहीं लिंक संथरा पढ़ना भी अच्छा लगा..शुक्रियाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26139917045156273072008-08-02T09:44:00.000+05:302008-08-02T09:44:00.000+05:30उपवास शब्द के बारे में रोचक जानकारी दी है आपने ....उपवास शब्द के बारे में रोचक जानकारी दी है आपने ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14627887806000291332008-08-02T08:40:00.000+05:302008-08-02T08:40:00.000+05:30आप ने उपवास की शाब्दिक व्याख्या कर दी है। पर शरीर-...आप ने उपवास की शाब्दिक व्याख्या कर दी है। पर शरीर-शोधक, विकार-मुक्ति, मन-नियंत्रण के इस पर्व को सामाजिक और आयुर्विज्ञानी व्याख्या की आवश्यकता भी है। कोई विद्वान साथी इस काम को कर सकता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32813618788965098572008-08-02T07:24:00.000+05:302008-08-02T07:24:00.000+05:30बहुत अच्छा लिखा है, आज कल मै भी सोमवार का उपवास र...बहुत अच्छा लिखा है, आज कल मै भी सोमवार का उपवास रख रहा हूँ। रूऋPramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46196742988389517832008-08-02T00:53:00.000+05:302008-08-02T00:53:00.000+05:30upwas ka arth shayad Ishwar ke nikat rahana bhi ho...upwas ka arth shayad Ishwar ke nikat rahana bhi ho jisme aap khana peena bhi tyag dete hon jisse ishwar ki aradhana nirbadh ho sake. waise hamesha ki tarah badhiya post.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11449311983072820782008-08-02T00:26:00.000+05:302008-08-02T00:26:00.000+05:30बात को जोड़ते हुए - शायद सभी धर्मों में अन्न-त्याग...बात को जोड़ते हुए - शायद सभी धर्मों में अन्न-त्याग, मानव की आत्म निर्भरता की पुष्टि से कहीं जुड़ा है - कि शरीर आदी न हो कामनाओं ही का - तो नए सन्दर्भ में किसी भी आदत को छोड़ना उपास हो सकता है कि नहीं - अन्न ही क्यों [ !!] - दूसरा ईसाईयों में दरअसल ईस्टर के पहले के चालीस दिन भी उपासे के होते हैं - किंवदंती के अनुसार जिस समय ईसा ने शैतान के प्रलोभन से परे रखा था - मरुभूमि में रह कर - बाकी ख़बर मेल में मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59798269523536646832008-08-01T22:48:00.000+05:302008-08-01T22:48:00.000+05:30वाकई सही लिखा है आपनेवाकई सही लिखा है आपनेE-Guru Mayahttps://www.blogger.com/profile/12729323621462813564noreply@blogger.com