tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6867644988307331305..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: ऋषि कहो, मुर्शिद कहो, या कहो राशिद [संत-7]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43639190571158980422009-02-21T22:03:00.000+05:302009-02-21T22:03:00.000+05:30ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपक...ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपकी पिछली पोस्ट भी आज पढ़ी ....आप बेहद मेहनत कर रहें हैं ...लेख पढ़ कर हमारा ज्ञान वर्धन होरहा है ....एक बात बताएं फिर मुरीद शब्द भीतो है उसका इस शब्द परिवार से कोई नाता है क्याविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73639137923047309032009-02-21T22:01:00.000+05:302009-02-21T22:01:00.000+05:30ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपक...ऋषि rishi या मुर्शिद शब्द की रोचक जान कारी ....आपकी पिछली पोस्ट भी आज पढ़ी ....आप बेहद मेहनत कर रहें हैं ...लेख पढ़ कर हमारा ज्ञान वर्धन होरहा है ....एक बात बताएं फिर मुरीद शब्द भीतो है उसका इस शब्द परिवार से कोई नाता है क्याविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73774677508108165892009-02-18T15:50:00.000+05:302009-02-18T15:50:00.000+05:30क्या ऋण का कोई रिश्ता इस ऋ से है । वैसे ही ऋचा का ...क्या ऋण का कोई रिश्ता इस ऋ से है । वैसे ही ऋचा का ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66184835700944539772009-02-17T23:06:00.000+05:302009-02-17T23:06:00.000+05:30@आरडी सक्सेना रमेश भाई, रिसर्च की ऋषि से व्युत्पत...<B>@आरडी सक्सेना</B> <BR/>रमेश भाई, रिसर्च की <B>ऋषि</B> से व्युत्पत्तिमूलक रिश्तेदारी नहीं। रिसर्च का मूल शब्द तो दरअसल सर्च है। इसमें <B> रि (RE-SEARCH)</B> उपसर्ग के तौर पर लगा है। यह अंग्रेजी का प्रचलित उपसर्ग है जो फिर से, पुनरावृत्ति या दोबारा के अर्थ में प्रयोग होता है। रिएक्ट, रिपीट, रिकैप, रिफॉर्म जैसे दर्जनों शब्द हैं जो इस उपसर्ग की मदद से बने हैं। <BR/><BR/>आपको चौका याद आया तो बता दें की इस शब्द की व्युत्पत्ति पर हम करीब दो साल पहले पोस्ट प्रकाशित कर चुके हैं <A HREF="http://shabdavali.blogspot.com/2008/04/1.html?showComment=1234891620000#c1954514442072016883" REL="nofollow">चौमासे में चौकन्ना चौकीदार </A>अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5617380484558954042009-02-17T22:34:00.000+05:302009-02-17T22:34:00.000+05:30@राधिका बुधकर अरु नाम का कुछ विशिष्ट अर्थ शब्दकोशो...@राधिका बुधकर <BR/><B>अरु</B> नाम का कुछ विशिष्ट अर्थ शब्दकोशों में तो नहीं मिला। अरू तो वैसे भी स्नेह-संबोधन या पैटनेम है प्रिय आरोही का। ...और आरोही की व्युत्पत्ति के आधार पर एक स्वतंत्र पोस्ट लिख चुका हूं...<A HREF="http://shabdavali.blogspot.com/2008/03/blog-post_28.html" REL="nofollow">रूखेपन की रिश्तेदारियां </A>सो अरू का मूल भी तो वहीं हुआ जो आरोही का है :)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83168806851578365862009-02-17T22:09:00.000+05:302009-02-17T22:09:00.000+05:30'ॠ' से चले, ॠषि से मिले, रुश्द* पा गये,रस्ते में र...'ॠ' से चले, ॠषि से मिले, रुश्द* पा गये,<BR/>रस्ते में राह्ज़न थे तो राहबर भी मिल गये,<BR/>पश्चिम के रास्ते से भी, इरानो अरब से,<BR/>भारत जो पहुंचे, हमको गुरुवर भी मिल गये।<BR/><BR/>*रुश्द= गुरु की सीख [हिदायत]Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45928704893533145022009-02-17T21:59:00.000+05:302009-02-17T21:59:00.000+05:30@अभिषेक ओझाऋत्विज के बारे में सही कह रहे हैं। इसका...@अभिषेक ओझा<BR/>ऋत्विज के बारे में सही कह रहे हैं। इसका रिश्ता ऋत् से ही है। यज्ञकर्म के पुरोहित के लिए ऋत्विज शब्द का प्रयोग होता रहा है। इसके कई प्रकार भी सुने हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65018356356986014212009-02-17T21:09:00.000+05:302009-02-17T21:09:00.000+05:30ज्ञानवर्धक,रोचक पोस्ट।ज्ञानवर्धक,रोचक पोस्ट।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32044295048508001572009-02-17T20:53:00.000+05:302009-02-17T20:53:00.000+05:30आपके इस लेख से मेरे सोच को बल तो मिला लेकिन दुविधा...आपके इस लेख से मेरे सोच को बल तो मिला लेकिन दुविधा भी बढ़ी | मै अभी तक बच्चो को ऋषि का अर्थ आधुनिक सन्दर्भ में रिसर्च स्कोलर के समतुल्य बताता रहा | ऋषि और रिसर्च में ध्वनिसाम्य होने से वह सहज स्वीकार्य भी हो गया परन्तु बात ठिकाने पर थी नहीं | नज़दीक अवश्य रही होगी | सहज जिज्ञासा है कि क्या रिसर्च का ऋषि से कोई रिश्ता रहा होगा ? <BR/><BR/>इधर आज अचानक चौके में भोजन का अवसर मिला तो बरबस बालपन याद आ गया | तब के लोग और तब के सोच अब कहाँ ? याद आता रहा कि तब दो दो चौके हुआ करते थे | पकाने का ऊंचा और भोजन करने का नीचा | फिर कुलबुलाहट हुई कि जाने कि चौके का मूल किधर है ? ( अभी जान लें बाद में तो यह शब्द लुप्त हो ही जायेगा चौका संस्कृति की तरह ! ) <BR/><BR/>तय हुआ कि एनसायक्लोपीडिया रेफर किया जाए सो अब यह शब्द आपके हवाले | <BR/><BR/>आपका कृत्य भी ऋषि परम्परा का ही तो अंश हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84549088660184085872009-02-17T16:40:00.000+05:302009-02-17T16:40:00.000+05:30वाह दादा यह सफर बहुत पसंद आया . साथ ही यह जानने की...वाह दादा यह सफर बहुत पसंद आया . साथ ही यह जानने की इच्छा भी हो गई की क्या फ़िर अरु नाम का भी कुछ विशिष्ट अर्थ होगा?RADHIKAhttps://www.blogger.com/profile/00417975651003884913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44772504853267069182009-02-17T15:50:00.000+05:302009-02-17T15:50:00.000+05:30@ज्ञानदत्त पांडेसही तो समझ रहे हैं आप ज्ञानदा। हमन...@ज्ञानदत्त पांडे<BR/>सही तो समझ रहे हैं आप ज्ञानदा। हमने भी तो यही लिखा है कि <B>"ऋत् जिसके मायने हुए पावन pavan प्रथा या उचित प्रकार से "</B> अर्थात किसी बात का विनियमन।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-58339431737414714542009-02-17T14:46:00.000+05:302009-02-17T14:46:00.000+05:30मैं समझता था कि ॠत का अर्थ नैसर्गिक नियम से है। इन...मैं समझता था कि ॠत का अर्थ नैसर्गिक नियम से है। इन्हें जानने वाला ऋषि!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60006658600085153292009-02-17T14:36:00.000+05:302009-02-17T14:36:00.000+05:30ऋत्विज शब्द भी ऋषि और ऋत से कहीं का कहीं सम्बंधित ...ऋत्विज शब्द भी ऋषि और ऋत से कहीं का कहीं सम्बंधित तो होगा ही? ऋत्विज शब्द कई बार मिला अभी एक धार्मिक किताब पढ़ते हुए.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65576176771818748892009-02-17T13:25:00.000+05:302009-02-17T13:25:00.000+05:30ऋषि के ऋ से कई शब्द भारोपीय परिवार में पनपे है ये ...ऋषि के ऋ से कई शब्द भारोपीय परिवार में पनपे है ये जानना मज़ेदार रहा.आभार के साथ ये जिज्ञासा भी रख रहा हूँ कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में इससे व्युत्पन्न शब्द कौन कौन से है जो इसके समीप का अर्थ रखते है.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69064912492655328192009-02-17T13:19:00.000+05:302009-02-17T13:19:00.000+05:30वाकई दिलचस्प जानकारी हैवाकई दिलचस्प जानकारी हैडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55219181363901951052009-02-17T12:48:00.000+05:302009-02-17T12:48:00.000+05:30जै हो ऋषि वडनेरकर की जो हमें रोज शब्दों की राह बता...जै हो ऋषि वडनेरकर की जो हमें रोज शब्दों की राह बताता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36326490145297360822009-02-17T11:44:00.000+05:302009-02-17T11:44:00.000+05:30वाकई बहुत ही लाजवाब जानकारी दी आपने.रामराम.वाकई बहुत ही लाजवाब जानकारी दी आपने.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-61813658329720922462009-02-17T11:09:00.000+05:302009-02-17T11:09:00.000+05:30बस जी बस मज्जा आ गया.. इसे तो मैं बहुत जबरदस्त ही ...बस जी बस मज्जा आ गया.. इसे तो मैं बहुत जबरदस्त ही कहूँगा..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3502926291151195912009-02-17T10:11:00.000+05:302009-02-17T10:11:00.000+05:30ऋ अक्षर की व्याख्या समझ आई!रोचक जानकारी है.धन्यवाद...ऋ अक्षर की व्याख्या समझ आई!<BR/>रोचक जानकारी है.धन्यवाद.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43488619171817846932009-02-17T08:34:00.000+05:302009-02-17T08:34:00.000+05:30इस सफर ने तो शब्द-संसार को अधिक जानने की राह बताई ...इस सफर ने तो शब्द-संसार को <BR/>अधिक जानने की राह बताई है हम सब को.<BR/>==================================<BR/>आभार<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84102465876706021192009-02-17T08:24:00.000+05:302009-02-17T08:24:00.000+05:30अब समझ पडा कि ऋषियों, मुनियों, पीरों, मुर्शिदों की...अब समझ पडा कि ऋषियों, मुनियों, पीरों, मुर्शिदों की बातें आसानी से पल्ले क्यों नहीं पडती। 'ऋ' की बनावट की क्लिष्टता से ही समझ लेनी चाहिए थी यह बात। लेकिन समझाई आपने।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26416045339759900212009-02-17T08:12:00.000+05:302009-02-17T08:12:00.000+05:30ऋषि के बाहाने खूब राह दिखाई आपने इस महत्वपूर्ण सम्...ऋषि के बाहाने खूब राह दिखाई आपने इस महत्वपूर्ण सम्बन्ध की. वैसे तो यह सारी श्रंखला ही बहुत उपयोगी है परन्तु, इस बार की कड़ी मुझे ख़ास पसंद आयी. धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59276068984755923162009-02-17T05:49:00.000+05:302009-02-17T05:49:00.000+05:30ऋ से इतने रिश्ते-आभार जानकारी का.ऋ से इतने रिश्ते-आभार जानकारी का.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com