tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7008992330158291885..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: कृष्ण की गली मेंअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82130448458878203642007-09-14T20:55:00.000+05:302007-09-14T20:55:00.000+05:30बढ़िया ज्ञानार्जन हुआ, मित्र.बढ़िया ज्ञानार्जन हुआ, मित्र.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10150226265873208012007-09-14T12:54:00.000+05:302007-09-14T12:54:00.000+05:30अच्छी जानकारी है "कृष्ण" पर। एक ख़ामख़्वाह का ख़्याल ...अच्छी जानकारी है "कृष्ण" पर। एक ख़ामख़्वाह का ख़्याल - कृष्ण माने काला। विज्ञान के अनुसार काला रंग हमें तब नज़र आता है, जब कोई तल प्रकाश सोख लेता है और वापिस परावर्तित नहीं करता। अंतरिक्ष में ब्लैकहोल भी काला होता है। दिखता नहीं है। लेकिन इसका पता इससे चलता है कि हर चीज़, प्रकाश व पिण्ड आदि इसकी तरफ़ खिंचे चले आते हैं। यानी कि यह तीव्र आकर्षण का केन्द्र होता है। शायद इसीलिए कृष्ण भी पुराणों में श्यामवर्ण और आकर्षक उल्लिखित हैं। शायद श्यामवर्ण और आकर्षण का गहरा नाता है।Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77303763584235931742007-09-14T11:49:00.000+05:302007-09-14T11:49:00.000+05:30अच्छा है - कृष्ण ग्वाले भी हैं और हलवाहे भी.अच्छा है - कृष्ण ग्वाले भी हैं और हलवाहे भी.Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com