tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post710672872475621096..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: आलूबड़ा और बड़ का पेड़…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16306648948956798832010-06-01T12:21:44.779+05:302010-06-01T12:21:44.779+05:30बहुत अच्छा - वडा- बड़ा.
मूल वट चारो तरफ विधमान है...बहुत अच्छा - वडा- बड़ा.<br /><br />मूल वट चारो तरफ विधमान है.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60068268894203893402010-05-31T20:22:29.299+05:302010-05-31T20:22:29.299+05:30वड़ा से वटिका की रिश्तेदारी खूब है। सुबह पेट गड़बड...वड़ा से वटिका की रिश्तेदारी खूब है। सुबह पेट गड़बड़ था, और सिर दर्द भी वटिका का प्रयोग किया। इसलिए इस आलेख पर निगाह गई भी तो आलूबड़ा पढ़ कर छोड़ दिया। अब दिन भर निराहार रहने पर लगी भूख में इसे पढ़ रहा हूँ। सिलबट्टा और खरल विजया का स्मरण करा रहे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63681288355799862010-05-31T18:49:07.987+05:302010-05-31T18:49:07.987+05:30सुबह की बानगी , शाम को खाई, प्रेरणात्मक जानकारी.
...सुबह की बानगी , शाम को खाई, प्रेरणात्मक जानकारी.<br /><br />इसको 'बड़ा' बना दिया इन्सान की भूख ने, <br />'आलू' वगरना ज़ेरे ज़मीं खाकसार था.<br />--------------------------------------------------------------<br /><br /># छोटा नही पसंद, 'बड़ा' खा रहे है हम,<br /> खाके, पचाके 'छोटा' ही बतला रहे है हम<br /><br />...देखिये और भी अशआर.........http://aatm-mnthan.com परMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32774228550598017702010-05-31T18:21:12.860+05:302010-05-31T18:21:12.860+05:30वड़े के बारे में मेरी मां एक बुझौनी बुझाती है-
पह...वड़े के बारे में मेरी मां एक बुझौनी बुझाती है-<br /><br />पहले था वह मर्द-मर्द<br />मर्द से नारि कहाया<br />घाव बर्छी का खाया<br />सात समुंदर तैर आया<br />मर्द का मर्द कहाया।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10006335459197113942010-05-31T12:59:15.446+05:302010-05-31T12:59:15.446+05:30ज़ुबान का खेल था...दिमाग कभी लगाया ही नही ! आज अन्...ज़ुबान का खेल था...दिमाग कभी लगाया ही नही ! आज अन्दर बहुत खोजा...घिसाई का मामला था निशान तक नही मिले ! आपसे अनुमति की प्रत्याशा मे कापी पेस्ट कर मेमोरी मे डाल लिया है!उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91182358643903968202010-05-31T08:00:39.022+05:302010-05-31T08:00:39.022+05:30बढ़िया जानकारी!बढ़िया जानकारी!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22000880511544025472010-05-31T07:06:32.064+05:302010-05-31T07:06:32.064+05:30बबुत खूब जानकारीबबुत खूब जानकारीShekhar Kumawathttps://www.blogger.com/profile/13064575601344868349noreply@blogger.com