tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7399584176395226048..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: नन्हा कातो, महंगा बिकेगा...अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6719914829278508302008-05-15T20:51:00.000+05:302008-05-15T20:51:00.000+05:30आप का काम बंटी हुई दुनिया को जोड़ने के लिए अच्छा स...आप का काम बंटी हुई दुनिया को जोड़ने के लिए अच्छा सीमेंट सिद्ध हो सकता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4709389261994925732008-05-15T18:41:00.000+05:302008-05-15T18:41:00.000+05:30अजित जी,शब्दों के धागों को भी आपबहुत चित्त देकर का...अजित जी,<BR/>शब्दों के धागों को भी आप<BR/>बहुत चित्त देकर कातते हैं.<BR/>ऐसा नन्हा कातना भावों के राम की <BR/>गाहकी के लिए बड़े काम की चीज़ है.<BR/>============================<BR/>ऐसी कताई के दीवानों को ही चदरिया<BR/>बुनने और ज्यों की त्यों धर देने की कला <BR/>रास आती है.... है न ?<BR/>आभार<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4728623747409774382008-05-15T17:56:00.000+05:302008-05-15T17:56:00.000+05:30क से कतरनी से लेकर, त से तकली तक पुरा छान मारा आपन...क से कतरनी से लेकर, त से तकली तक पुरा छान मारा आपने... हर बार की तरह बेहद ज्ञानवर्धक !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46926786908813890922008-05-15T16:41:00.000+05:302008-05-15T16:41:00.000+05:30बहुत बढ़िया काते, लेकिन मेरी मेल का जवाब अबतक नहीं...बहुत बढ़िया काते, लेकिन मेरी मेल का जवाब अबतक नहीं दिए।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.com