tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7618419947059499209..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: बर्ताव, आचरण और व्यवहारअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-321112909951470922013-03-07T17:07:28.881+05:302013-03-07T17:07:28.881+05:30गजब की जानकारी गजब की जानकारी travel ufohttps://www.blogger.com/profile/15497528924349586702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8582640194723393282013-03-07T14:47:01.417+05:302013-03-07T14:47:01.417+05:30बढिया। जिस तरह एक-एक शब्द को पकड कर उसकी बखिया उध...बढिया। जिस तरह एक-एक शब्द को पकड कर उसकी बखिया उधेडते चलते हैं, वह वाकई काबिले तारीफ है। मैं तो आज तक 'बर्ताव' को उर्दू शब्द समझता था। जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14370986718371822732013-03-06T12:55:30.670+05:302013-03-06T12:55:30.670+05:30आचार विचार भी चलने या विचरने की क्रिया से ही जुडा ...आचार विचार भी चलने या विचरने की क्रिया से ही जुडा मालूम होता है । मन का विचरना यानि विचार ?<br /><br />बत्ती के अर्थ मे मराठी में वात प्रयोग किया जाता है । वाट याने तो रास्ता ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-61087300798935486092013-03-06T08:57:31.598+05:302013-03-06T08:57:31.598+05:30आचरण कई बर्तावों का समुच्चय है..आचरण कई बर्तावों का समुच्चय है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com