tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7791233899620662256..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: माया महाठगिनी और लुटेरे, ठग, पिंडारी…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83001218675503511822010-05-20T00:14:50.055+05:302010-05-20T00:14:50.055+05:30पिंडारियों के नाम पर ही छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले ...पिंडारियों के नाम पर ही छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में िस्थत हमारे कस्बे का नाम पेंड्रा पडा है.बालमुकुन्द अग्रवाल,पेंड्राhttps://www.blogger.com/profile/15971623013147698662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15213748464121018892010-03-10T23:16:44.329+05:302010-03-10T23:16:44.329+05:30बहंत सुंदर. हालांकि इस लेख को बुकमार्क तो कई दिन प...बहंत सुंदर. हालांकि इस लेख को बुकमार्क तो कई दिन पहले कर गया था पर पढ़ आज ही पाया. सुघड़ जानकारी के लिए आभार.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29305591074780992432010-01-17T08:59:05.760+05:302010-01-17T08:59:05.760+05:30सदैव की भाति ज्ञानवर्धक और सारगर्भित प्रविष्टि । आ...सदैव की भाति ज्ञानवर्धक और सारगर्भित प्रविष्टि । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40290613599886020772010-01-15T02:10:23.654+05:302010-01-15T02:10:23.654+05:30सुशांत आप ठीक कहते हैं। दरअसल शब्द व्युत्पत्ति के ...सुशांत आप ठीक कहते हैं। दरअसल शब्द व्युत्पत्ति के संदर्भ में हम सिर्फ उसकी पृष्ठभूमि देख सकते हैं। इससे ज्यादा गहराई में गए तो यह शुद्ध इतिहास का विषय हो जाएगा। शब्दों का सफर के जरिये हमारा काम तो सिर्फ उस विषय के किन्हीं चर्चित आयामों तक पहुंचाना भर है ताकि शब्द की अर्थवत्ता और चरित्र से परिचित हुआ जा सके। इसके आगे जिसकी जितनी जिज्ञासा हो उतना ज्ञानार्जन करता जाए। तमाम रास्ते खुले हैं। कुछ और पता चले तो हमें भी बताए, जैसे आपने बताया। साझेदारी बनी रहे,सफर चलता रहे।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8539483310938736752010-01-15T02:10:07.618+05:302010-01-15T02:10:07.618+05:30कुछ लोग कहते हैं कि मराठों के अवसान के बाद उनके सि...कुछ लोग कहते हैं कि मराठों के अवसान के बाद उनके सिपाहियों का एक बड़ा वर्ग जो बेरोजगार हो गया था-और पूरे देश भर में फैला हुआ था-वहीं पिंडारी बन गया। ये वर्ग महाराष्ट्र से बाहर की जनता के लिए 'एलियन' की तरह भी था और लोग इनके लूटमार से त्रस्त भी थे। जाहिर है, लोग इन्हे पसंद नहीं करते थे-और इन सिपाहियों के लिए ठगी, लूट और चोरी के अलावा बहुत चारा भी नही... और देखेंं बचा।यूं मराठा सेना में कुछ मुसलमान भी थे, लेकिन बहुतायत तो हिंदुओं की ही थी-फिर पिंडारियों को मुस्लिम गिरोह कैसा मान लिया गया-यहां कुछ घालमेल है। अंग्रेजी दस्तावेज कहते हैं कि बिलियम बेंटिक के वक्त पिंडारियों का दमन हुआ। यूं आजादी के वक्त तक एक पिंडारी रियासत जो ज्ञात थी वो राजस्थान के कोटा या टोंक के आसपास थी जिनके अधिकांश वंशज आज बुरी हालत में रह रहे हैं। इतना तय है कि इन्हे सिर्फ मराठों के अवसान से जोड़कर देखना सही नहीं होगा-और इनकी उत्तपत्ति पहले भी रही होगी-यूं पराजित सैनिकों का चोरी-डकैती करना कोई नई बात नहीं थी-और हो सकता है पिंडारी शब्द इसी वर्ग के लिए उपयुक्त होता हो। हलांकि इस पर कुछ और शोध करने की आवश्यकता लगती है।सुशांत झाnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81488656067369048312010-01-14T17:06:56.391+05:302010-01-14T17:06:56.391+05:30बढिया जानकारी, हमेशा की तरह, हमारा श्ब्द-ज्ञान बढा...बढिया जानकारी, हमेशा की तरह, हमारा श्ब्द-ज्ञान बढाती हुई.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24588010159814353552010-01-13T22:39:03.467+05:302010-01-13T22:39:03.467+05:30वडनेरकरजी,
इटारसी-जबलपुर रेल मार्ग पर एक पडने वाल...वडनेरकरजी, <br />इटारसी-जबलपुर रेल मार्ग पर एक पडने वाले एक रेलवे स्टेशन का नाम घाट पिंडरई है जो पिंडारियों का ही एक प्राचीन गाँव माना जाता है । उधर दतिया जिले में इन्दरगढ से सटा एक गाँव भी ठगों के गाँव के रूप में कुख्यात रहा है । कहा जाता है कि लाल बुझक्खड इसी गाँव का था । बातों ही बातों में अपने शिकार का सर्वस्व लूट लेने की कला इस गाँव वासियों के लिये गौरव का प्रतीक थी । <br /><br />गप्पी और बातों में कुशल ठगों की अभी भी कमी नही । पढ लिख लेने के बाद तो ये ठग सफेदपोशी के कारण अधिक अबूझ और अव्यक्त हो गये हैं । यदि तुलसीदास जी अब मानस की रचना करते तो सर्वप्रथम इन्ही की वन्दना करते । ठगों की संसद को समेकित प्रणाम !rdsaxenahttp://rdsaxena.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81230361636879882042010-01-13T20:29:38.939+05:302010-01-13T20:29:38.939+05:30लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाए...लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19997366618464325472010-01-13T20:03:11.582+05:302010-01-13T20:03:11.582+05:30हे विठ्ठल! पाण्डुरंग से पिंडारी! भगवान कहां से कहा...हे विठ्ठल! पाण्डुरंग से पिंडारी! भगवान कहां से कहां चलते हैं शब्दों में!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39239728237359603732010-01-13T17:01:38.698+05:302010-01-13T17:01:38.698+05:30नई जानकारी मुताबिक पिंडारियों की अंग्रेजों के साथ ...नई जानकारी मुताबिक पिंडारियों की अंग्रेजों के साथ लड़ाई पर आधारत अनिल शरमा ने एक फिल्म बनाई हैं जिसका नाम है "वीर" जो इस २२ जनवरी को रिलीज होगी.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85586231532142459772010-01-13T16:46:36.973+05:302010-01-13T16:46:36.973+05:30१.ठग और स्थगन का आप ने बहुत अच्छा मेल बिठाया, धन्य...१.ठग और स्थगन का आप ने बहुत अच्छा मेल बिठाया, धन्यवाद.<br />२.पंजाबी में एक 'मोमोठ्गना'(जो मीठी बातों से भ्रमा ले)शब्द है, क्या यह हिंदी में भी है? इसमें मोमो का क्या भाव हुआ? क्या यह मोम से कुछ जुड़ा है?<br />३. ठग तो अंग्रेजी में भी थग(THUG) और थगरी (THUGGERY) के रूप में खूब प्रचलत शब्द हैं, लेकिन अर्थ कुछ बदल गए.यहाँ thug खूंखार व्यक्ति, या हत्यारा हो गया.<br />४. इसका एक सुजाति अंग्रेजी शब्द है स्तेगोसौरुस stegosaurus जो एक प्रकार का डिनोसौर है. इसमें steg 'स्थग' जैसे ही ढकने वाले भाव देता है.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44206870050466415172010-01-13T15:23:15.523+05:302010-01-13T15:23:15.523+05:30महाराष्ट्र मे अभी भी ठग के लिये कहीं कहीं पिंडारी ...महाराष्ट्र मे अभी भी ठग के लिये कहीं कहीं पिंडारी मुहावरे के रूप मे प्रचलित है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13411767275605700542010-01-13T15:09:43.763+05:302010-01-13T15:09:43.763+05:30Very Nice, I hope i read ur blog regular baseVery Nice, I hope i read ur blog regular baseTaarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56618801162502528882010-01-13T14:06:39.505+05:302010-01-13T14:06:39.505+05:30शानदार पोस्ट है अजित भैय्या ,....मैंने पढ़ा था ...शानदार पोस्ट है अजित भैय्या ,....मैंने पढ़ा था की पिंडारी मराठो की फ़ौज की अवैतनिक सिपाही थे ,और अपना गुजारा लूट मार कर किया करते थे..abcdhttps://www.blogger.com/profile/01654266851862904586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49562305469114430152010-01-13T13:32:31.295+05:302010-01-13T13:32:31.295+05:30आजादी के पहले बुंदेलखंड और खासतौर से सागर जिले में...आजादी के पहले बुंदेलखंड और खासतौर से सागर जिले में पिंडारियों का जबर्दस्त आतंक था। उन्होंने यहां कई बार खूनखराबा और लूटपाट किया।Sanjay Kareerhttp://www.dailyhindinews.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-33406979957606188362010-01-13T10:13:05.257+05:302010-01-13T10:13:05.257+05:30छुप कर जो प्यार करते है ! क्या वोह भी ठगी है?
आसन ...छुप कर जो प्यार करते है ! क्या वोह भी ठगी है?<br />आसन त्याग देते है! क्या वोह भी ठगी है??<br />यूँही करोड़ों दान मैं मिलते नहीं जनाब,<br />'कोड़ा' को जो पिलाए 'मधु' वोह भी ठगी है.<br /> --------------------------<br />अब स्थगन की बात में मसलो का हल छुपा,<br />अब तो है राहगीर सरे आम भी लुटा,<br />पेशे से ठग थे उनका सफाया भी हो गया,<br />लेकिन सफ़ेद पोशो से नहीं पिंड है छुटा.<br />---------------------------------------<br />-मंसूर अली हाशमीMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-7029605257713863142010-01-13T09:49:23.580+05:302010-01-13T09:49:23.580+05:30अजित जी, पिंडारी ग्लेशियर के नामकरण के बारे में क...अजित जी, पिंडारी ग्लेशियर के नामकरण के बारे में क्या कहते हैं आप?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48880663597792076582010-01-13T09:37:57.219+05:302010-01-13T09:37:57.219+05:30बढियां जानकारीबढियां जानकारीVivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73416049421051747382010-01-13T09:17:26.299+05:302010-01-13T09:17:26.299+05:30पिंडारी के लिए यह व्याख्या ही सब से तर्कसंगत प्रती...पिंडारी के लिए यह व्याख्या ही सब से तर्कसंगत प्रतीत होती है। "पिंडारी मूलतः फौज के लश्करी अर्थात भारवाहक थे यानी सेना के साजो-सामान को ढोने वाले हथियारों के जखीरे की सार-संभाल करनेवाले श्रमजीवी। जो भारी और मेहनत का काम करें, वे पिंडारी।"दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-10404463168895895932010-01-13T08:57:51.394+05:302010-01-13T08:57:51.394+05:30बढियां जानकारी , ठगी की यह परम्परा आज भी क...बढियां जानकारी , ठगी की यह परम्परा आज भी कायम है .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15225111515159143922010-01-13T08:15:34.028+05:302010-01-13T08:15:34.028+05:30बुकमार्क कर लिया है. बाद में पढ़ता हूं.बुकमार्क कर लिया है. बाद में पढ़ता हूं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11062364625291099132010-01-13T07:33:54.506+05:302010-01-13T07:33:54.506+05:30अजित जी,
मुझे तो आज अमेरिका ही दुनिया का सबसे बड़ा...अजित जी,<br />मुझे तो आज अमेरिका ही दुनिया का सबसे बड़ा ठग नज़र आता है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56076625562147447852010-01-13T07:21:59.935+05:302010-01-13T07:21:59.935+05:30आज पता चला संसद बार बार स्थगित क्यों होती है . स्थ...आज पता चला संसद बार बार स्थगित क्यों होती है . स्थग व्यक्तियों के समूह के बैठने की जगह को तो संसद नहीं कहते है कही ?dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com