tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7918893702524886930..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: जड़ से बैर , पत्तों से यारीअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59793505290311343342008-07-14T06:17:00.000+05:302008-07-14T06:17:00.000+05:30जड़ बुद्धि और बुद्धि की जड़ों में भेद करने के उदाह...जड़ बुद्धि और बुद्धि की जड़ों में भेद करने के उदाहरण मुझे नहीं मिल रहे,<BR/>सहायता करें, अजित जी !डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45643438554662716562008-07-11T11:57:00.000+05:302008-07-11T11:57:00.000+05:30किशोरावस्था से आपको पढे जा रहा हूँ, शुरुआत प्रिंट ...किशोरावस्था से आपको पढे जा रहा हूँ, शुरुआत प्रिंट से हुई थी. एक रजिस्टर भी बनाया, जयपुर से बीकानेर और बीकानेर से फ़िर जयपुर घर बदलने के चक्कर में वह खो गया. अब इन्टरनेट पर आपको पाकर ऐसा लगता हैं वह खोया रजिस्टर मिल गया हैं. फर्क बस इतना हैं की पहले आपको पढ़ कर, उसे मैं अपडेट करता था, अब यह काम आप ख़ुद मेरे लिए कर रहे हैं. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !अमित पुरोहितhttps://www.blogger.com/profile/08550735129503789849noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31368842455844506212008-07-10T20:38:00.000+05:302008-07-10T20:38:00.000+05:30शब्दों के सफ़र का एक साल पूरा होने की बधाई, दुआ करत...शब्दों के सफ़र का एक साल पूरा होने की बधाई, दुआ करते हैं कि इस ब्लोग की जड़े दूर दूर तक फ़ैलेगीं और शब्दों का सफ़र आसमान से टक्कर लेगा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26962412487695854252008-07-10T15:26:00.000+05:302008-07-10T15:26:00.000+05:30जड़ की जड़ता तो समझ गए.. एक निराला के 'ताक कमसिनवा...जड़ की जड़ता तो समझ गए.. एक निराला के 'ताक कमसिनवारि' पर भी व्याख्या लिख डालिए, बहुत मन है पढने का.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14544142209776950062008-07-10T09:34:00.000+05:302008-07-10T09:34:00.000+05:30अब समझ आया, आप जड़ से ही अर्थ खींच कर लाते हैं और ...अब समझ आया, आप जड़ से ही अर्थ खींच कर लाते हैं और वट शाखाओं की तरह फैलाते हैं। फिर जड़ निकाल कर जमीन में घुसा देते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2477045180309021352008-07-10T09:02:00.000+05:302008-07-10T09:02:00.000+05:30इसी तरह खुद को प्रतिष्ठित करने या दूसरे को नुकसान ...इसी तरह खुद को प्रतिष्ठित करने या दूसरे को नुकसान पहुंचाने, पूरी तरह नष्ट कर देने के अर्थ.....<BR/><BR/>अजीत भाई !<BR/>धन्यवाद देता हूँ , आपकी विद्वता को , जड़ शब्द के तीनो अर्थ समझाते हुए, आपके संदेश मे समाज के लिए मार्मिक संदेश भी छिपे है ! आपका यह लेख समाज के कटु पहलुओं को भी उजागर कर रहा है ! दिखने में नीरस शब्दों का सफर अपने आप में समाज के लिए धरोहर है ! <BR/>अपने अपने ब्लाग को आगे ले जाने की होड़ में लगे हम लेखको के लिए आपकी सौम्यता आदरणीय है !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54912319084261890762008-07-10T09:00:00.000+05:302008-07-10T09:00:00.000+05:30बहुत अच्छी जानकरी देते हैं आप शब्दों के संसार की श...बहुत अच्छी जानकरी देते हैं आप शब्दों के संसार की शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16437272249072672092008-07-10T08:54:00.000+05:302008-07-10T08:54:00.000+05:30कृपा कर'के'जड़ को'की'जड़ पढ़ें.आभारचन्द्रकुमारकृपा कर'के'जड़ को'की'जड़ पढ़ें.<BR/>आभार<BR/>चन्द्रकुमारDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8176095159476445922008-07-10T08:51:00.000+05:302008-07-10T08:51:00.000+05:30जड़-मति भी पढ़े तो सुजान हो जाए,शब्दों की दुनिया के...जड़-मति भी पढ़े तो सुजान हो जाए,<BR/>शब्दों की दुनिया के जड़ से जुड़ जाए.<BR/>जड़ना हो जीवन में जगमग नगीना<BR/>इतना ही कहता हूँ सफर में वो आए.<BR/>=============================<BR/>जड़ भरत की जानकारी भी रोमांचकारी है. <BR/>अजेय शब्द साधक को बार-बार बधाई !<BR/><BR/>शुभ भावनाओं सहित<BR/>डा.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.com