tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post7948458148841751975..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: टेंट भी ढीली और खीसा भी खाली...[ जेब- 2 ]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26169531829392405852008-11-06T20:50:00.000+05:302008-11-06T20:50:00.000+05:30अजीत जी, देर से आ पाने के लिए क्षमा करें। ये सूटर ...अजीत जी, देर से आ पाने के लिए क्षमा करें। ये सूटर जी का मामला समझ नहीं सका। इतना अच्छा भला नाम है इनका, (दिवाकर)फिर भी जाने क्या गड़बड़ हो गयी। खैर...<BR/><BR/>वैसे आपकी श्रृंखला की जितनी भी प्रशंसा की जाय कम ही है। आपका यह परीश्रम वाकई प्रशंसनीय है। एक और संग्रहणीय पोस्ट की बधाई।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54083081349822895172008-03-08T16:57:00.000+05:302008-03-08T16:57:00.000+05:30प्रियवर, पत्र के लिए धन्यवाद। निश्चित ही मुझे आपकी...प्रियवर, <BR/>पत्र के लिए धन्यवाद। निश्चित ही मुझे आपकी प्रतिक्रिया में उपालम्भ का संकेत मिला था। आपने स्पष्ट कर दिया तो अब कोई शिकायत नहीं है। खीसे निपोरने का अर्थ तो जानता हूं, उस पूरी प्रतिक्रिया का संदर्भ समझना चाहता था। किसी की खाली जेब के बारे में जो खीसे निपोरने वाली बात आपने कही उसमें मेरा संदर्भ ले आना आपको भी अजीब ही लगेगा । बहरहाल, मैने आपकी प्रतिक्रियाएं डिलीट कर दी थीं, उसके लिए क्षमा चाहता हूं। मेरे बेटे ने भी सुईतुर ही पढ़ा था और पत्नी ने भी। अलग अलग। आपके ब्लागर प्रोफाइल में गया था मगर वहां सूटर नहीं देखा,अलबत्ता आपका नाम ज़रूर देखा था । मगर कल की प्रतिक्रिया का संदर्भ देते हुए जो नाम सामने आया वह यही था। बहरहाल, विनम्रता से यही कहना चाहता हूं ये सब हुआ इसलिए क्योंकि बजाय मुझे निजी तौर पर सम्पर्क कर सही करने की जगह आपने उस स्थान पर यह सब लिखा जहां सिर्फ पोस्ट के गुण-दोष पर बात होनी थी। <BR/>आपका ईमेल तलाशने के लिए मैं ब्लाग पर गया था मगर मिला नहीं। फिर ब्लाग पर ही जवाब लिख दिया। मगर फिर लगा कि यह ठीक नहीं,इसलिए पूरा सिलसिले का ही विलोप कर दिया । और अब अपने दिमाग़ से भी इसे निकाल रहा हूं। आप से भी यही अपेक्षा है। <BR/>कई बार रिश्तों की शुरुआत यूं भी होती है । सफर के साथ बने रहें।<BR/>शुभकामनाओं सहितअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84563565345916213202008-03-08T15:58:00.000+05:302008-03-08T15:58:00.000+05:30श्रीमान् अजित जी , पत्र हेतु ...श्रीमान् अजित जी , <BR/> <BR/> पत्र हेतु आपका आभारी हूँ। प्रतिक्रिया वाले पृष्ठ पर ब्लॉगर नाम में सूटर दिखता है, वैसे यदि आप तनिक-भी चाहते तो मेरे ब्लॉग या प्रोफाइल से मेरा नाम पढ़ सकते थे। कदाचित् पढ़ भी चुकें हों अब तक ! सूटर के तारतम्य में मिलते-जुलते कुछ शब्द लिख दिये थे जिसके लिये आपको अन्यथा नहीं लेना चाहिये था पुनरपि आपको अगर ठेस लगा तो मुझे खेद है क्योंकि मेरा ध्येय आपको या किसी अन्य को क्लेश पहुँचाना नहीं है। <BR/><BR/>मेरी दूसरी प्रतिक्रिया का मतलब आप जानना चाहते हैं तो आपको बता दूं कि खींस निपोरने का मतलब है हँसना ! खीसा शब्द का अर्थ है जेब तो उसी से मिलते-जुलते शब्द-युग्म "खींस निपोरना" में खींस का शब्दार्थ दाँत है तथा निपोरने का तात्पर्य है दिखाना ! दाँत दिखाना अर्थात् हँसना ! आशा है कि अब संतुष्ट हो गये होंगे। यदि अभी भी आपको कोई कमी प्रतीत हो तो आप मुझे पत्र (ई-मेल) लिख सकते हैं। <BR/> श्रीमदीय<BR/> suitur अर्थात् <BR/> दिवाकर प्रताप सिंह<BR/> ( suitur@gmail.com )दिवाकर प्रताप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06302009569112820477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21601760071304061002008-03-08T08:43:00.000+05:302008-03-08T08:43:00.000+05:30AJIT JI,KHEESE PAR KHAASI JANKARI DEE AAPNE.KHEESA...AJIT JI,<BR/>KHEESE PAR KHAASI <BR/>JANKARI DEE AAPNE.<BR/>KHEESA KHAALI HO TO<BR/>AADMI KHISIYA JATA HAI. <BR/>KHEESA BHARA RAHE<BR/>TO VAH KHAAS KAHLATA HAI.<BR/>KHEESE KE KISSE KO <BR/>KHOOB BATAYA AAPNE.<BR/>KUCH BATUAE KI BAAT BHI KIJIYE,<BR/>SAFAR KE IS PADAV PAR BHI <BR/>DIL SE BADHAI LIJIYE.Dr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15975190670920151212008-03-08T06:57:00.000+05:302008-03-08T06:57:00.000+05:30तो अगले पड़ाव पर अंटी का नम्बर है?तो अगले पड़ाव पर अंटी का नम्बर है?दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com