tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8204788845493156879..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: चालान और चाल-चलनअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11091066464304928202012-04-24T02:55:53.949+05:302012-04-24T02:55:53.949+05:30चालान शब्द के साथ एक नकारात्मकता जुडी है । उसी तरह...चालान शब्द के साथ एक नकारात्मकता जुडी है । उसी तरह चाल चलन भी जब अच्छा नही होता तब ही इस्तेमाल होता है । आपने इसके सभी रूप समझा दिये ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21987042687062120802012-04-20T14:22:23.927+05:302012-04-20T14:22:23.927+05:30बहुत महत्वपूर्ण . इन शब्दों मे इतिहास के ज़रूरी एवि...बहुत महत्वपूर्ण . इन शब्दों मे इतिहास के ज़रूरी एविडेंस छिपे हैं . <br />अजित जी , मैं बरसों से एक शब्द पर फँसा हूँ -- *गुरु घण्टाल* ....क्या आप बता सकते हैं इस शब्द का प्रथम रेकार्डेड प्रयोग किस ग्रंथ में , किस बर्ष मे, किस भ्षा मे हुआ था ? और हिन्दी मे पहली बार इस का प्रयोग कब और कहाँ किया है ? लोक प्रचलन को छोड- कर .अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83576981970379830282012-04-16T11:00:21.082+05:302012-04-16T11:00:21.082+05:30देखा जो 'सीधी राह' पे शैतान हट गया, ...देखा जो 'सीधी राह' पे शैतान हट गया, [Right]<br />'उलटे' से न चला तो मैं , चालान कट गया. [Left] <br /><br />आये थे 'प्रचलित' ही तरीके से जहां में,<br />'प्रतीक्षा-आरजूओं' में जीवन ये बंट गया.<br /><br /> http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-12990856974620957032012-04-16T10:57:56.317+05:302012-04-16T10:57:56.317+05:30देखा जो 'सीधी राह' पे शैतान हट गया, ...देखा जो 'सीधी राह' पे शैतान हट गया, 'राईट' <br />'उलटे' से न चला तो मैं , चालान कट गया. 'लेफ्ट' <br /><br />आये थे 'प्रचलित' ही तरीके से जहां में,<br />'प्रतीक्षा-आरजूओं' में जीवन ये बंट गया.<br />http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51647682862210474942012-04-15T11:56:59.295+05:302012-04-15T11:56:59.295+05:30चलते हुये को तो चालान ही बोला जाता था, गाड़ी पता न...चलते हुये को तो चालान ही बोला जाता था, गाड़ी पता नहीं कहाँ से आ गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39060881684793796692012-04-15T08:41:15.767+05:302012-04-15T08:41:15.767+05:30अदालत में एक शब्द का और प्रयोग होता है, 'चालान...अदालत में एक शब्द का और प्रयोग होता है, 'चालानी गार्ड'। इस में चालानी शब्द हिन्दी का है जब कि गार्ड शब्द अंग्रेजी से आया है। लेकिन 'चालानी गार्ड' शब्द पुनः हिन्दी का है। क्यों कि चालान से चालानी में रूपांतर हिन्दी या उर्दू में ही हो सकता है। <br />जो सिपाही जेल में बन्द विचाराधीन अपराधियों को पेशी करवाने के लिए अदालत लाते ले जाते हैं उन के लिए इस शब्द का प्रयोग होता है। जब अदालत किसी को अपनी अभिरक्षा/हिरासत में लेती है तो तुरंत चालानी गार्ड बुला कर उस व्यक्ति को अदालत में स्थित हवालात भिजवा देती है। बाद में उसी दिन यदि उसे मुक्त किया जाना हो तो उसे वापस अदालत में बुला कर छोड़ दिया जाता है और उसे जेल भेजा जाना हो तो अदालत उस का वारंट बना कर चालानी गार्ड को देती है। जिस के माध्यम से उस का प्रवेश जेल में होता है। बिना किसी वारंट के किसी को जेल में प्रवेश नहीं कराया जा सकता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-68071933301554444432012-04-15T08:30:15.195+05:302012-04-15T08:30:15.195+05:30"अपराधियों की अदालत में पेशी के संदर्भ में भी..."अपराधियों की अदालत में पेशी के संदर्भ में भी चालानशब्द का प्रयोग होता है । ज़ाहिर है उनका चाल-चलन ठीक नहीं होता।" <br />अजित भाई, यहाँ कुछ गलती है। अदालत में चालान शब्द का प्रयोग पुलिस/अभियोजन पक्ष द्वारा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए आरोप पत्र के लिए किया जाता है। जब अन्वेषक अन्वेषण कर परिणाम पर पहुँचता है तो वह अन्वेषण का अंतिम परिणाम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करता है। परिणाम दो तरह का हो सकता है। एक जिस में अभियुक्त के विरुद्ध कोई अपराध साबित न पाया जाए, तब उसे आम तौर पर एफ आर अर्थात् फाइनल रिपोर्ट भर कह देते हैं। हालाँकि इस शब्द में आरोप पत्र भी शामिल है। लेकिन जब अंतिम रिपोर्ट एक आरोप पत्र होती है तो उसे एफ आर कहने के स्थान पर चालान कहा जाता है। <br />इस तरह चालान का अर्थ है कि अपराध के संबंध में जो अन्वेषण चल रहा उस का परिणाम आरोप पत्र के रूप में सामने आया है और मामला अब पुलिस/अन्वेषक के हाथ से निकल कर न्यायालय के समक्ष आ गया है। इस तरह अदालत के चालान का संबंध चलन से तो है लेकिन चाल-चलन से नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76611722709125285822012-04-14T22:53:39.169+05:302012-04-14T22:53:39.169+05:30आज भी जब हम नई कार बेचते है तो डिलिवेरी चालान ही ब...आज भी जब हम नई कार बेचते है तो डिलिवेरी चालान ही बनाते है .<br />मेरे शहर के बैंक की कापी लगाने का शुक्रियाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com