tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8497603719584902290..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: मीन-मेख निकालना…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-7961670101472446192010-01-19T06:00:29.536+05:302010-01-19T06:00:29.536+05:30देखिये ! विद्वतापूर्ण टिप्पणियों-प्रतिटिप्पणियों क...देखिये ! विद्वतापूर्ण टिप्पणियों-प्रतिटिप्पणियों को संयुक्त कर आलेख पढ़ना कितना आह्लादकारी है । <br />बहुत ज्ञानवर्द्धन हुआ ! आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26806681964376144132010-01-15T07:55:55.284+05:302010-01-15T07:55:55.284+05:30अरविंदजी,
मैं इस विषय का जानकार नहीं हूं मगर पढ़ा...अरविंदजी, <br />मैं इस विषय का जानकार नहीं हूं मगर पढ़ा है कि भारतीयों को नक्षत्र ज्ञान था और राशि ज्ञान उन्हें अरबों-यूनानियों से मिला, इस धारणा का महामहोपाध्याय पाण्डुरंग वामन काले ने पुरजोर विरोध किया है और विद्वत्तापूर्वक उन्हें भारतीय मूल का सिद्ध किया भी है। धर्मशास्त्र का इतिहास नामक ग्रंथ श्रंखला के चौथे खण्ड में इसकी विवेचना भी है। कभी देखियेगा। अवसर मिला तो यहां देने का प्रयास करूंगा।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14867754727729207602010-01-15T05:30:50.974+05:302010-01-15T05:30:50.974+05:30दरअसल १२ राशियाँ हमारी देशज मूल की नहीं हैं .वैदि...दरअसल १२ राशियाँ हमारी देशज मूल की नहीं हैं .वैदिक मूल के २७ नक्षत्र हैं (एक और बाद में जुड़ा अभिजित ) -राशियाँ बाद में यूनान /अरबी मूल से आयी और प्रक्षिप्त हईं ! कैप्रिकार्न दरअसल एक मिथकीय पशु है जिसका मुंह बकरे का और पूंछ मछली की है -यह एक मिथकीय समुद्री प्राणी है जिसका मेल मानव पूर्वजों ने एक आकाशीय तारक युति /रचना से जोड़ दिया -मेष एक आक्रामक भेड़ा है -मकर राशि में इस तरह मगरमच्छ का चित्रांकन नहीं है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78433927831558835302010-01-15T00:39:46.776+05:302010-01-15T00:39:46.776+05:30वाह, सुन्दर जानकारी. कमाल कर रहे हो भी..हम लोग ग्य...वाह, सुन्दर जानकारी. कमाल कर रहे हो भी..हम लोग ग्यानी होते जा रहे है फ़ोकट में. बधाई..लगे रहे. बड़ा कम हो रहा है यह.girish pankajhttps://www.blogger.com/profile/16180473746296374936noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-465687972097098702010-01-14T23:27:10.683+05:302010-01-14T23:27:10.683+05:30@अरविंद मिश्र
नहीं साहेब। इसकी मुझे जानकारी आपने ह...@अरविंद मिश्र<br />नहीं साहेब। इसकी मुझे जानकारी आपने ही कराई। देखा तो चौंका। तस्वीर भी इसीलिए हटा दी। इस पर आप प्रकाश डालें कि मकर का जलचर से रिश्ता ज्योतिष में है या नहीं। दोनो हथिलियों को मिलाने से जो चिन्ह बनता है उसे भी मकर-मुद्रा कहा गया है। पर मकर का चिह्न बारह राशियों में वैसा कोई चिह्न क्यों नहीं है। जानना चाहता हूं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14730746067241617762010-01-14T22:46:46.446+05:302010-01-14T22:46:46.446+05:30अजित जी, मीन के मामले में तो मैं भी अरविन्द जी से ...अजित जी, मीन के मामले में तो मैं भी अरविन्द जी से सहमत हूँ। लेकिन मेख से मेखला का सम्बन्ध जोड़ना उचित नहीं लगता। मीन-मेष की आपने जो ज्योतिषीय व्याख्या आपने की है वही मुझे भी ज्ञात थी। राशि चक्र के यही नाम रोमन/ग्रीक ज्योतिष में भी मिलते हैं। आप मिलान करेके देख सकते हैं। मीन का समानार्थक pieces है। अनसन से सम्बंधित जानकारी के लिये आभार।अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’https://www.blogger.com/profile/12844841063639029117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-220215819879311022010-01-14T22:16:16.722+05:302010-01-14T22:16:16.722+05:30@मकर का अर्थ मगर लिखा है मगर चित्र में कहीं मगर नह...@मकर का अर्थ मगर लिखा है मगर चित्र में कहीं मगर नहीं है -इसे भी क्या व्याख्यायित करेगें?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49049531568937980662010-01-14T21:26:54.468+05:302010-01-14T21:26:54.468+05:30@बलजीत बासी
आप सही कह रहे हैं। सुबह से गहराई से स...@बलजीत बासी <br />आप सही कह रहे हैं। सुबह से गहराई से सोच रहा हूं इस पर। निश्चित ही किसी और ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे और फिर इसका पुनर्लेखन करेंगे। साझेदारी का यही सुख है। पंजाबी वाले मुहावरे में जो रेख है वह संस्कृत रूप में न होकर देशज रूप ही है जो पंजाबी, अवधी, बृज, हिन्दी आदि जबानों में समान रूप स एक ही है। दूसरे पंजाब में बरास्ता उर्दू फारसी लफ्जों का प्रयोग दीगर इलाकों की तुलना में कुछ अधिक है और हिन्दी शब्दों के साथ उसके युग्मों के और उदाहरण भी हो सकते हैं। मगर मीन तत्सम रूप में ही है। इसीलिए उसके साथ मेख अटपटा लगता है। <br /><br />दूसरा तर्क स्मृति का है। अलग अलग क्षेत्रों में मीन-मेख से जुड़े स्मृतिसंदर्भ एक ही तरफ इशारा कर रहे हैं, जिसकी अनदेखी सिर्फ इसलिए की जाए क्योंकि एक अन्य तार्किक आधार मौजूद है, ठीक नही होगा। <br />इस पर विचार करना चाहिए।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16169414062800475302010-01-14T20:07:18.053+05:302010-01-14T20:07:18.053+05:30मीन मेख की व्याख्या अपने बुजुर्गों से मैं ने भी आप...मीन मेख की व्याख्या अपने बुजुर्गों से मैं ने भी आप जैसी ही सुनी थी. लेकिन अरविंद मिश्र की व्याख्या के साथ साथ अपना मुहावरा ' रेख में मेख डालना/ मारना' (किस्मत पलट देना) रखने से उलझन पड़ गई. इस मुहावरे में भी फारसी संस्कृत का मेल हो रहा है. वैसे आपका यह कहना कि 'मेख मीन' का 'मीन मेख' में बदलना मुख-सुख कारण है, भी क्या कुछ सरल सी व्याख्या नहीं? आप पुनर-विचार करें.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42794409020706019112010-01-14T19:42:35.624+05:302010-01-14T19:42:35.624+05:30अजित भैय्या की जय हो...शानदार जानकारीअजित भैय्या की जय हो...शानदार जानकारीabcdhttps://www.blogger.com/profile/01654266851862904586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69314921405771750502010-01-14T19:19:52.950+05:302010-01-14T19:19:52.950+05:30मैं तो हर पोस्ट आपकी पढता हूं और पुस्तिका पर कुछ श...<i> <b> मैं तो हर पोस्ट आपकी पढता हूं और पुस्तिका पर कुछ शब्दों को , उनकी व्याख्या को नोट करता हूं ।इसका आनंद ही अलग होता है </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62142743666093337922010-01-14T17:07:39.005+05:302010-01-14T17:07:39.005+05:30महाठगनी लुटेरे ठग वाली पोस्ट भी आज पढी अब मीन मेख...महाठगनी लुटेरे ठग वाली पोस्ट भी आज पढी अब मीन मेख क्या निकालूँ दोनो पोस्ट बहुत ही अच्छी हैं दोनो शब्द अक्सर ही बोले जाते हैं धन्यवाद मकर संक्राँति की शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72816518591395435412010-01-14T14:03:01.804+05:302010-01-14T14:03:01.804+05:30शायद, छिन्द्रान्वेषण की जगह छिद्रान्वेषण होना चाहि...शायद, छिन्द्रान्वेषण की जगह छिद्रान्वेषण होना चाहिए।सोनूhttps://www.blogger.com/profile/15174056220932402176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59659455555489737512010-01-14T11:15:31.684+05:302010-01-14T11:15:31.684+05:30बलजीत भाई,
यह मुहावरा पंजाबी में होगा। वैसे जहां त...बलजीत भाई,<br />यह मुहावरा पंजाबी में होगा। वैसे जहां तक समझ रहा हूं इस मेख का रिश्ता उससे नहीं है।<br />वह मेख लकीर डालने, बनाने, छेदने, तराशने वाले मेख से आ रहा है। फारसी का शब्द है। संस्कृत मेखला यानी श्रंखला।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20668668848184052692010-01-14T11:06:11.901+05:302010-01-14T11:06:11.901+05:30@अरविंद मिश्र
अरविंद भाई,
शुक्रिया। आपकी बताई व्या...@अरविंद मिश्र<br />अरविंद भाई,<br />शुक्रिया। आपकी बताई व्याख्या भी तार्किक है , मगर बचपन से सुना यह अर्थ ही सही लग रहा है। मेख या मेखला का हड्डी के तौर पर अर्थ संस्कृत-हिन्दी के किसी कोश में नहीं दिखा। अगर इसके आसपास की ध्वनियां भी इस अर्थ में होतीं तो भी काम चल जाता। फारसी में जरूर मेख शब्द होता है कील, कांटे के अर्थ में। मगर मीन जैसे तत्सम और मेख जैसे फारसी शब्द के मेल से इस मुहावरे की व्युत्पत्ति की तुलना में देशज शब्दों वाली और सामाजिक परम्परा से मेल खाती व्याख्या मुझे ठीक लगी। इसके साथ ही यह व्याख्या अपने बुजुर्गों से मैने सुनी भी है। जो अर्थ-संदर्भ हमारी स्मृतियों में दर्ज उससे भी व्युत्पत्ति और विवेचना प्रभावित होती है। हालांकि यह भी सही है कि आपकी व्याख्या वाला संदर्भ भी इसमें ज़रूर जाना चाहिए। दिलचस्प और वजनदार है। सही कहा, पुनर्लेखन ज़रूरी है:)<br /><br />मेखला का हड्डी वाला संदर्भ कहीं मिले तो ज़रूर बताइये।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67854746239379420252010-01-14T09:21:03.680+05:302010-01-14T09:21:03.680+05:30ok, thanksok, thanksसंजय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/12255878761091728878noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49997276293189433702010-01-14T09:17:23.953+05:302010-01-14T09:17:23.953+05:30ओह ...बेहतरीन.....मन मुग्ध हो गया मेरा...अपने आस-प...ओह ...बेहतरीन.....मन मुग्ध हो गया मेरा...अपने आस-पास के बिखरे शब्दों मे इतना कुछ छिपा होता है जानकार बेहद ही अच्छा लगता है...आपका हृदय से आभारी हूँ...!Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62571813952355651272010-01-14T09:11:53.668+05:302010-01-14T09:11:53.668+05:30मीन-मेख निकालने का अर्थ था किसी भी कार्य या उस के ...मीन-मेख निकालने का अर्थ था किसी भी कार्य या उस के प्रारूप को अंतिम बार जाँच लेना। लेकिन हमारे यहाँ तो जैसे हर कोई वैद्य है वैसे ही हर कोई ज्योतिषी भी है। मीन-मेख निकाल कर अपनी महत्ता स्थापित करना चाहता है। तो अब इस ने मुहावरे का रूप ग्रहण कर लिया है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67031984768768220722010-01-14T09:04:00.708+05:302010-01-14T09:04:00.708+05:30आ गया फिर -आपकी विवेचना के तो क्या कहने ! मगर मैं ...आ गया फिर -आपकी विवेचना के तो क्या कहने ! मगर मैं मत्स्य विभाग में होने के नाते अपने अर्थबोध को भी स्पष्ट करना चाहूँगा -<br />मीन का मतलब मछली और मेख का अर्थ हड्डी ( मेखला ) -दरअसल बहुत सी मछलियों की हड्डियां इतनी महीन होती हैं कि उनके संजाल को ढूँढने में बहुत ध्यान और सूक्ष्मता के साथ प्रेक्षण करना पड़ता है -अर्थ निकला -सूक्ष्म विवेचन ! तो सामान्य मामलों में भी मीन मेख निकालने के प्रवृत्ति का स्वभावतः निषेध किया जाता है -क्या फालतू मीन मेख निकाल रहे हो ?-(मतलब इसकी आवश्यकता ही नहीं है ) <br />एक बात और अपने मकर का अर्थ मगर लिखा है मगर चित्र में कहीं मगर नहीं है -इसे भी क्या व्याख्यायित करेगें? मैं फिर लौटता हूँ तब तक ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50978804324518916422010-01-14T08:15:31.178+05:302010-01-14T08:15:31.178+05:30आपकी प्रत्येक पोस्ट शब्द सम्पदा में वृध्दि करत...आपकी प्रत्येक पोस्ट शब्द सम्पदा में वृध्दि करती है। आप अपने इस परिश्रम को पुस्तकाकार देने पर विचार अवश्य करें।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-14302096987143595122010-01-14T07:31:12.687+05:302010-01-14T07:31:12.687+05:30एक बात बताऊँ अजित जी -जरा मीन का सीधा अर्थ मछली सम...एक बात बताऊँ अजित जी -जरा मीन का सीधा अर्थ मछली समझ लें फिर पुनः इस पोस्ट का पुनर्लेखन करना चाहें ! <br />अभी जरा जल्दी में हूँ विस्तृत बात होगी !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70098010625779619042010-01-14T07:26:15.732+05:302010-01-14T07:26:15.732+05:30मीन मेख ....... मुहावरो के अर्थ शब्दो के अर्थ से क...मीन मेख ....... मुहावरो के अर्थ शब्दो के अर्थ से कितने बदल जाते हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47852867461939037192010-01-14T05:39:34.620+05:302010-01-14T05:39:34.620+05:30वाह अजित भाई, मीन मेख की व्याख्या और सन्दर्भ पढ़कर...वाह अजित भाई, मीन मेख की व्याख्या और सन्दर्भ पढ़कर आनंद आ गया.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41729295389826055962010-01-14T05:03:31.073+05:302010-01-14T05:03:31.073+05:30इस में तो कोई मीन मेख नहीं हो सकती. अच्छा होता हाथ...इस में तो कोई मीन मेख नहीं हो सकती. अच्छा होता हाथ लगते रेख में मेख डालना की भी व्याख्या कर देते.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32886792361049916472010-01-14T05:01:39.823+05:302010-01-14T05:01:39.823+05:30मीन मेष और मीन मेख...हम्म!! आभार इस ज्ञानवर्धन का!...मीन मेष और मीन मेख...हम्म!! आभार इस ज्ञानवर्धन का!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com