tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post862600034099562280..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: संस्कीरत भाखते पोंगा पंडितअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16526197699950254842019-08-05T18:24:57.225+05:302019-08-05T18:24:57.225+05:30आप इतनी मेहनत करके लिखा धन्यवाद आप इतनी मेहनत करके लिखा धन्यवाद Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05506440903625657033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80096920597588780032019-08-05T18:23:37.102+05:302019-08-05T18:23:37.102+05:30आप इतनी मेहनत से विचार करके लिखा आप किसी पंडित से ...आप इतनी मेहनत से विचार करके लिखा आप किसी पंडित से कम नहीं Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05506440903625657033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-374621501803730062010-08-10T10:47:52.668+05:302010-08-10T10:47:52.668+05:30बहुत अच्छा लेख है. मैं पंडित शब्द की व्युत्पत्ति स...बहुत अच्छा लेख है. मैं पंडित शब्द की व्युत्पत्ति से सर्वथा सहमत हूँ. एम्.ए. में थोड़ी बहुत प्राकृत पढ़ी थी, उसके आधार पर यह व्युत्पत्ति एकदम सही है ज्ञ > ज्+ञ् > ण्ण > ण्ड . आपका लिखने का अंदाज़ भी रोचकता बनाए रखता है. नहीं तो हम एम्.ए. में निरुक्त और पालि-प्राकृत की क्लास में ज़बरदस्त बोर होते थे :-)muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60906268355694257392010-05-12T19:15:20.328+05:302010-05-12T19:15:20.328+05:30श्री अजितजी,
शुरू हुआ तो आपकी सभी पोस्ट पढ़ने के ल...श्री अजितजी,<br />शुरू हुआ तो आपकी सभी पोस्ट पढ़ने के लिए बाध्य हो गया.<br />शब्दों को निचोड़कर सार प्रस्तुत कर रहे है.<br />आपके इस कथन पर विस्तार से प्रकाश डाले "दरअसल पंडा शब्द एक अच्छा उदाहरण है यह समझने का, जिससे सिद्ध होता है कि संस्कृत के पूर्ववैदिक रूप से जन्मी प्राकृत के कई शब्दों का संस्कृतिकरण उपनिषदकाल और उसके भी बाद तक जारी रहा।"<br />क्यों न एक स्वतंत्र पोस्ट हो जाये.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20262754397107014852010-04-12T15:36:28.058+05:302010-04-12T15:36:28.058+05:30कलियुग में -
मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सो...कलियुग में - <br /><br />मारग सोइ जा कहुँ जोइ भावा। पंडित सोइ जो गाल बजावा।।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43457214349110513202010-03-05T16:36:13.996+05:302010-03-05T16:36:13.996+05:30पंडित का पंडा से नहीं, प्रज्ञा से संबंध है ।
सत्य...पंडित का पंडा से नहीं, प्रज्ञा से संबंध है । <br />सत्य वचनप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69296376906410868912010-03-05T00:53:29.799+05:302010-03-05T00:53:29.799+05:30ऐसे पोंगा पंडितों के बारे गुरू नानक देव ने लिखा है...ऐसे पोंगा पंडितों के बारे गुरू नानक देव ने लिखा है:<br />गिआनु धिआनु कछु सूझै नाही चतुरु कहावै पांडे <br />*<br />आपि न बूझै लोक बुझाए पांडे खरा सिआणा<br />*<br />झूठु न बोलि पाडे सचु कहीऐ <br /><br />बहुत संतोषजनक पोस्टBaljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-33564143954432488242010-03-04T22:59:55.213+05:302010-03-04T22:59:55.213+05:30सुचिंतित आलेख ! हमें पांडित्य वाला विचार अधिक भाया...सुचिंतित आलेख ! हमें पांडित्य वाला विचार अधिक भाया !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85645791473420500142010-03-04T17:48:45.808+05:302010-03-04T17:48:45.808+05:30@शरद कोकास
भाई, ये बाबा नहीं पंडित पुजारी ही हैं। ...@शरद कोकास<br />भाई, ये बाबा नहीं पंडित पुजारी ही हैं। पुरी के गोपीनाथमंदिर के प्रमुख पुरोहित हैं। यह लिंक देखें-http://www.zimbio.com/Shilpa+Shetty+Fans/articles/-E5-F51Ce9P/Shilpa+Shetty+Kiss+Gopinath+Deb+temple+Pujariअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60661000796723635212010-03-04T17:47:12.802+05:302010-03-04T17:47:12.802+05:30शुक्राय अनूपजी
आपकी प्यारी टिप्पणियां आज की उपलब्ध...शुक्राय अनूपजी<br />आपकी प्यारी टिप्पणियां आज की उपलब्धि और भविष्य की एफडी हैं। <br />आपका अनुमान सही है। एक साथ कई पोस्ट पर काम चलता है। अलग अलग संदर्भों को खंगालते हुए। एक एक कर पोस्ट पूरी होती चलती हैं। इसी क्रम में वेल्युएडिशन भी होता है और सतत संपादन भी चलता है। वर्तनी की कतिपय गलतियां और वाक्यों की असंबद्धता इसी का परिणाम है। <br />अंदाज़न एक पोस्ट पर चार-पांच घंटे खर्च हो जाते हैं। <br /><br />सफर में आनंद है। आप सबकी मौजूदगी से समय का पता नहीं चलता:)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4873273750711670142010-03-04T11:33:57.839+05:302010-03-04T11:33:57.839+05:30रूसी का ज्नान, संस्कृत का ज्ञान और अंग्रेजी का नोन...रूसी का ज्नान, संस्कृत का ज्ञान और अंग्रेजी का नोन दरअसल एक ही मूल के हैं। ज्ञा से बना ज्ञान। <br /><br /><br />ये मुझे बहुत रोचक लगा .<br />शुक्रियाकिरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69854793276602507412010-03-04T11:08:58.925+05:302010-03-04T11:08:58.925+05:30गूढ़ जानकारी है.गूढ़ जानकारी है.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1175769156812735422010-03-04T10:26:38.906+05:302010-03-04T10:26:38.906+05:30जानकारी के लिए किया गया अथक प्रयास प्रशंसनीय है ....जानकारी के लिए किया गया अथक प्रयास प्रशंसनीय है . <br />धन्यवादApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49553709873453099972010-03-04T10:08:21.084+05:302010-03-04T10:08:21.084+05:30बहुत विस्त्रित जानकारी है । धन्यवादबहुत विस्त्रित जानकारी है । धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84661956555345308662010-03-04T09:07:42.364+05:302010-03-04T09:07:42.364+05:30प्रज्ञित से पंडित का उद्भव ठीक लग रहा है । लेकिन अ...प्रज्ञित से पंडित का उद्भव ठीक लग रहा है । लेकिन अब यह पंडित सिर्फ पूजा-पाठ करवाने वाले पुरोहित तक सीमित होकर रह गया है । और बिना पंडित कहलाये भी लोग पांडित्य का लाभ ले रहे हैं । ऐसे पंडित गली गली मिल जायेंगे । ( चित्र मे दर्शाये गये पंडित नही बाबा या गुरू कहलाते है ) । बचपन मे हम भी सोचते थे कि अपने नाम के साथ इसे लगायेंगे फिर ज्ञात हुआ कि कि यह उपाधि जनता देती है और उसके लिये वैसे कार्य करने पडते है , विद्याध्ययन करना पडता है ..तबसे यह विचार त्याग दिया ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31178114063406350232010-03-04T08:57:40.218+05:302010-03-04T08:57:40.218+05:30अनूप शुक्ल जी ने सही विश्लेषण किया है आपकी कोशिशो ...अनूप शुक्ल जी ने सही विश्लेषण किया है आपकी कोशिशो का.Kudos to you.<br /><br />अब पंडितजी पर कुछ बोलने के लिए तो झानार्जन करना पड़ेगा.फिलहाल शिल्पा शेट्टी पर ही जिसकी प्यारी तस्वीर आपने लगा रखी है:-<br /><br />गोरे* के साथ में जिसे हगना** हुआ नसीब,<br />पंडित जी ने गले लगा उद्धार कर दिया.<br /><br />*Richard Gere<br />** HuggingMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71819308740938192042010-03-04T08:03:12.088+05:302010-03-04T08:03:12.088+05:30भाई अजितजी! आपका काम अद्भुत है। आज बहुत दिन बाद तस...भाई अजितजी! आपका काम अद्भुत है। आज बहुत दिन बाद तसल्ली से आपका लेख पढ़ा!आनन्द आया।<br /><br />शब्दों की व्युत्पत्ति बताने के अलावा सबसे खास बात जो है आपके लेखन में वह यह कि बताने का अंदाज रोचक है और नजर निरपेक्ष। <br /><br />इस तरह का लेख लिखने में कम से कम चार-पांच घंटे तो लग जाते होंगे सिलसिलेवार बात कहने में और लिखने में।<br /><br />धन्य है आपकी लगन! <br /><br />जै हो जै हो।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70374943425220347402010-03-04T06:16:25.465+05:302010-03-04T06:16:25.465+05:30साबित सा हुआ पंडित विरादरी नहीं उपाधि हैसाबित सा हुआ पंडित विरादरी नहीं उपाधि हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21581588085445629262010-03-04T06:03:19.597+05:302010-03-04T06:03:19.597+05:30कुछ हद तक पंडित की सही परिभाषा ....
आभार ...!!कुछ हद तक पंडित की सही परिभाषा ....<br />आभार ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com