tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post8671095617648917441..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: दिल चीज़ क्या है…नाचीज़ क्या है…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28975008419831573082016-10-13T21:55:20.672+05:302016-10-13T21:55:20.672+05:30Mansoor AliSeptember 20, 2011 at 11:21 PM
पूछा उसन...Mansoor AliSeptember 20, 2011 at 11:21 PM<br />पूछा उसने 'किस' लिए आये हो ! बतलाओ ज़रा ?<br />जब बताया ! गाल पर इक ज़ोर का थप्पड़ जड़ा !<br />आज 'शब्दों के सफ़र' में राज़ ये हम पर खुला,<br />किस लिए 'किस' को समझना; 'kiss', हमें महंगा पड़ा !!<br />-----------------------------------------------------------------<br />"वाह! क्या चीज़ है" ये बोला था,<br />तिसपे, उनसे निकाह कर डाला,<br />घर में तब, अब तो सिर पे बैठी है,<br />हमको 'नाचीज़' उसने कर डाला. <br /><br />http://aatm-manthan.inMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-87196991352895120562012-09-16T16:00:29.517+05:302012-09-16T16:00:29.517+05:30In ke liye " dar" ka istemal hota hai.
A...In ke liye " dar" ka istemal hota hai.<br />AzharAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79239580118971011582011-09-26T04:14:43.327+05:302011-09-26T04:14:43.327+05:30इस नाचीज ने आपकी यह पोस्ट पढी और महसूस किया कि आप...इस नाचीज ने आपकी यह पोस्ट पढी और महसूस किया कि आप केवल ब्लॉग जगत की ही नहीं, भारतीय साहित्य जगत की नायाब चीज हैं।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72245489180553157092011-09-21T23:46:54.269+05:302011-09-21T23:46:54.269+05:30चीनी में 'शूइ', जापानी में 'हो' या...चीनी में 'शूइ', जापानी में 'हो' या 'कता' जैसा कुछ भी मिला 'हू' के लिए, सोचा यहाँ लिख मारूँ।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26081175927799405822011-09-21T23:37:39.961+05:302011-09-21T23:37:39.961+05:30इसे पढ़ते समय ही इतालवी में 'who' के लिए &...इसे पढ़ते समय ही इतालवी में 'who' के लिए 'che' या 'chi' शब्द हैं, गूगल ट्रांशलेशन से पता चला। और 'सी एच ई' का उच्चारण भी 'के' है यानि हमारी भोजपुरी का शब्द 'के' इतालवी तक में है। इसे भी उच्चारण करवा के देख लिया वहीं। बढ़िया लगा। महत्वपूर्ण। और फिर देर से आया इस पर। अब अनुसरणकर्ता बन गया हूँ। इसलिए जल्दी आ जाऊंगा। वस्तु और वस् धातु के खेल आसान होते हुए खयाल नहीं आये थे कभी। हाँ बस्त से चकबस्त की याद आई।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38321510062856740692011-09-21T18:17:23.779+05:302011-09-21T18:17:23.779+05:30बहुत दिनों बाद यात्रा में सम्मिलित होने,ज्ञान संवर...बहुत दिनों बाद यात्रा में सम्मिलित होने,ज्ञान संवर्धन का सुअवसर मिला...<br /><br />अपार आनंद आया...<br /><br />बहुत बहुत आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88560967889079953382011-09-21T05:11:31.946+05:302011-09-21T05:11:31.946+05:30आप भी बडी पहुंची हुई चीज़ हैं। धन्यवाद!आप भी बडी पहुंची हुई चीज़ हैं। धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1394710428734857412011-09-21T02:37:43.773+05:302011-09-21T02:37:43.773+05:30बहुत मेहनत की लगती है, बहुत दूर तक गए हैं. यह एक स...बहुत मेहनत की लगती है, बहुत दूर तक गए हैं. यह एक संयोग की ही बात लगती है कि फ्रांसीसी chose का अर्थ भी thing अथवा चीज़ है. यह लातीनी causa (cause) से बना है. मूल भाव कानूनी कारवाई के लिए उठाया 'मुद्दा' है. काज़ शब्द हमारी भाषाओँ में भी आ गया है. कुछ और रोमांस भाषाओँ जैसे इतालवी, स्पैनिश आदि और पुर्तगाली में भी चीज़ के अर्थों में इसी से विकसित शब्द मिलते हैं. Baljit BasiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39112258940166546842011-09-20T23:21:34.962+05:302011-09-20T23:21:34.962+05:30पूछा उसने 'किस' लिए आये हो ! बतलाओ ज़रा ?
...पूछा उसने 'किस' लिए आये हो ! बतलाओ ज़रा ?<br />जब बताया ! गाल पर इक ज़ोर का थप्पड़ जड़ा !<br />आज 'शब्दों के सफ़र' में राज़ ये हम पर खुला,<br />किस लिए 'किस' को समझना; 'kiss', हमें महंगा पड़ा !!<br />-----------------------------------------------------------------<br />"वाह! क्या चीज़ है" ये बोला था,<br />तिसपे, उनसे निकाह कर डाला,<br />घर में तब, अब तो सिर पे बैठी है,<br />हमको 'नाचीज़' उसने कर डाला. <br /><br />http;//aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66272779595837412982011-09-20T19:24:27.344+05:302011-09-20T19:24:27.344+05:30Ajit Wadanerkar travels through labyrinthine deeps...Ajit Wadanerkar travels through labyrinthine deeps of languages to discover the roots of a word he seeks to explain. The journey for him must be arduous, but as he takes us through the same route, we feel like driving around for pleasure. He unfolds the word's meaning and reveals its roots as if he knew it like his close friend. The explanations do not at all sound far-fetched.शिवशंकर जायसवालnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78005139440524614012011-09-20T17:44:12.898+05:302011-09-20T17:44:12.898+05:30विस्तृत जानकारी दे दी आभार ..विस्तृत जानकारी दे दी आभार ..रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-76331827204320201952011-09-20T12:59:52.421+05:302011-09-20T12:59:52.421+05:30आपकी इस पोस्ट का सफ़र भी बेहद दिलचस्प लगा... आजकल ...आपकी इस पोस्ट का सफ़र भी बेहद दिलचस्प लगा... आजकल अपनी ईरानी दोस्त की सोहबत में फ़ारसी अपने आप ही सीखने को मिल रही है क्यों कि उन्हें और कोई भाषा नहीं आती... उनके साथ बात करते हुए 'क' से जुड़ा एक किस्सा यह कि हिन्द कब जा रही हूँ पूछने के लिए जब 'केह' लगाया तो समझ नहीं आया था.... 'केह' वक्त...? बहुत मुश्किल से कई दिनों के बाद समझ पाए 'केह' मायने 'कब' होता हैं.... 'from ' के लिए 'अज़' तो पता चल गया.... अभी तक 'in' के लिए न समझा पा रही हूँ न पता चल रहा है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37185177898388667542011-09-19T19:16:08.807+05:302011-09-19T19:16:08.807+05:30क्या बात है, यह भी क से ही प्रारम्भ होता है।क्या बात है, यह भी क से ही प्रारम्भ होता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37432691484489742712011-09-19T17:25:57.260+05:302011-09-19T17:25:57.260+05:30भाई आप क्या चीज़ हो ! कहाँ से इतनी जानकारी जुटा कर...भाई आप क्या चीज़ हो ! कहाँ से इतनी जानकारी जुटा कर लाते हो . <br />बहुत बढ़िया .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-74489127950091640182011-09-19T14:34:19.827+05:302011-09-19T14:34:19.827+05:30एक सामान्य शब्द 'चीज' की इतनी लम्बी यात...एक सामान्य शब्द 'चीज' की इतनी लम्बी यात्रा रही है, यह जानकर विस्मय भी हुआ हर्ष भी कि एक महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.com