tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post885303115991242780..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: बचपन में छुपा है नया साल !अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82309295871649043202009-01-14T00:29:00.000+05:302009-01-14T00:29:00.000+05:30आज पहली बार पता चला मकर सक्रांति का दूसरा और शुद्ध...आज पहली बार पता चला मकर सक्रांति का दूसरा और शुद्ध नाम....<BR/>एक कविता आपके लिए......<BR/><BR/>शब्दों का संसार.....<BR/>मिलता आपके द्वार......<BR/>हर शब्द में छुपा ज्ञान,<BR/>हर वाणी में प्यार.<BR/>क्या कहूँ? किस शब्द से,<BR/>मै खड़ा लाचार....<BR/>कुछ सिखने आया <BR/>सीधे आपके द्वार.<BR/>शब्दों से आपका प्यार..<BR/>झलकता बारम्बार. <BR/><BR/>अंकित <BR/><A HREF="http://http://pratham.net/forum/hindi-blogging/" REL="nofollow">प्रथम: हिन्दी ब्लॉग्गिंग फॉरम </A>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50788402571515625572007-08-28T20:21:00.000+05:302007-08-28T20:21:00.000+05:30कहॉ से आप ये जानकारी लाते है। बहुत अच्छा कार्य कर ...कहॉ से आप ये जानकारी लाते है। बहुत अच्छा कार्य कर रहे है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-64781652262505866252007-08-28T13:18:00.000+05:302007-08-28T13:18:00.000+05:30आपके शोध परख लेखों को किताब की शक्ल में लाये जाने ...आपके शोध परख लेखों को किताब की शक्ल में लाये जाने की जरूरत है.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82261288681729810642007-08-28T07:26:00.000+05:302007-08-28T07:26:00.000+05:30बहुत बढ़िया..बहुत बढ़िया..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-7082978135205507262007-08-28T06:51:00.000+05:302007-08-28T06:51:00.000+05:30तीन दिन के अवकाश (विवाह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य मे...तीन दिन के अवकाश (विवाह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में) एवं कम्प्यूटर पर वायरस के अटैक के कारण टिप्पणी नहीं कर पाने का क्षमापार्थी हूँ. मगर आपको पढ़ रहा हूँ. अच्छा लग रहा है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9426269967643467092007-08-28T06:36:00.000+05:302007-08-28T06:36:00.000+05:30"बात यह है कि वैदिक युग में वत्स उस शिशु को कहते थ...<B>"बात यह है कि वैदिक युग में वत्स उस शिशु को कहते थे जो वर्षभर का हो चुका हो।"</B> <BR/><BR/>यह मजेदार बात/सूत्र है समय और शैशव को जोड़ने का!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-105249653072889542007-08-28T03:10:00.000+05:302007-08-28T03:10:00.000+05:30अच्छा है, मज़ा आया. जागना सुफल हुआ.अच्छा है, मज़ा आया. जागना सुफल हुआ.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/10451076231826044020noreply@blogger.com