tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post11200055803061803..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: विरही ब्लॉगर, नाहक दुंद मचाय रे....अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51891508174065550682007-09-21T21:25:00.000+05:302007-09-21T21:25:00.000+05:30ऐसा होता है जब लिखने की इच्छा नहीं होती तो लेख मैन...ऐसा होता है जब लिखने की इच्छा नहीं होती तो लेख मैनेजमेंट होता है। लेख मैनेजमेंट मतलब दिमाग में जो भी है उसे जैसे-तैसे मैनेज कर के लिख दिया जाए। खैर होता है लेकिन जम गया मामला।manish joshihttps://www.blogger.com/profile/15204678102509498042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29379835836797346072007-09-20T21:17:00.000+05:302007-09-20T21:17:00.000+05:30आज पहली बार आये पर आपका लेखन अच्छा लगा, अब कल सारे...आज पहली बार आये पर आपका लेखन अच्छा लगा, अब कल सारे पुराने लेख पढ़ने पड़ेंगे। <BR/>दुनिया से जुड़ने वाली बात से मैं भी सहमत हूँ, टिप्प्णी की बात दूसरे नंबर पर रही, कितने ही ऐसे रिश्ते बन गये हैं लोगों से कि एक दिन बात ना करें तो खाली खाली लगता है। <BR/>www.nahar.wordpress.comसागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45057744065829189142007-09-20T12:11:00.000+05:302007-09-20T12:11:00.000+05:30बहुत सही लिखा आपने कि ब्लॉगिंग का मातलब टिप्पणी ही...बहुत सही लिखा आपने कि ब्लॉगिंग का मातलब टिप्पणी ही पाना नहीं बल्कि दुनिया से जुड़ना है!<BR/><BR/><BR/>ब्लॉगरोल में जगह देकर आपने मेरी इज़्ज़त बढ़ाई इसलिए मैं आभारी हूं!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34285701418307249312007-09-20T12:10:00.000+05:302007-09-20T12:10:00.000+05:30जल्दी ही मैं कमेंट्स डाट काम खोल रहा हूं। कमेंट के...जल्दी ही मैं कमेंट्स डाट काम खोल रहा हूं। कमेंट के साइज के हिसाब से चार्ज करुंगा। पर कंपटीशन समीरलाल जी से है, फोकटी में इतना किये दे रहे हैं कि हमरे को कोई पूछ ही नहीं ना रहा है।ALOK PURANIKhttps://www.blogger.com/profile/09657629694844170136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63997246949077376522007-09-20T10:52:00.000+05:302007-09-20T10:52:00.000+05:30अजित जी आप भी चल पढे टिप्पणी महिमा बखान मार्ग पर ?...अजित जी आप भी चल पढे टिप्पणी महिमा बखान मार्ग पर ?Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29070863603627980222007-09-20T10:31:00.000+05:302007-09-20T10:31:00.000+05:30टिप्पणी और ब्लॉगिंग का चोली -दामन का साथ है। :)मिल...टिप्पणी और ब्लॉगिंग का चोली -दामन का साथ है। :)<BR/>मिले तो :) और ना मिले तो :(<BR/> पर जैसा की आपने कहा कि ब्लॉगिंग का मतलब दुनिया से जुड़ना है तो हम इसे बिल्कुल सही समझते है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9393234552086229832007-09-20T09:11:00.000+05:302007-09-20T09:11:00.000+05:30ब्लॉगिंग का मतलब दुनिया से जुड़ना है। सही कहा। टिप...ब्लॉगिंग का मतलब दुनिया से जुड़ना है। सही कहा। टिप्पणियां वगैरह तो बाई-प्रोडक्ट हैं। फिर भी आज के जमाने में मार्केटिंग की अपनी अहमियत है। आप बहुमूल्य चीज लेकर टहलते रहिए। जब तक उसे मार्केट नहीं करेंगे, लोग उसके बारे में कैसे जानेंगे?अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-511818348887675842007-09-20T08:46:00.000+05:302007-09-20T08:46:00.000+05:30ब्लागरोल देख लिया आपका. :)आलेख भी अच्छा लगा.टिप्पण...ब्लागरोल देख लिया आपका. :)<BR/><BR/>आलेख भी अच्छा लगा.<BR/><BR/>टिप्पणी आ भी गई आपके द्वारे. :)<BR/><BR/>ऐसे ही लिखते रहें और सार्थक विमर्श में हिस्सा लेते रहें.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56634081526603815322007-09-20T06:43:00.000+05:302007-09-20T06:43:00.000+05:30धन्यवाद इस आलेख के लिये.धन्यवाद इस आलेख के लिये.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.com