tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post114508001749153912..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: मोहर की मुखमुद्रा [सिक्का-8]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9591886856450377662009-01-04T05:03:00.000+05:302009-01-04T05:03:00.000+05:30शानदारशानदारVivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8410817061834712062009-01-04T02:05:00.000+05:302009-01-04T02:05:00.000+05:30बहुत जानकारी बढाई है आपने हमारी मुद्रा जगत को खूब ...बहुत जानकारी बढाई है आपने हमारी मुद्रा जगत को खूब समेटा है अजित भाई -लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31799862503902008082009-01-04T01:40:00.000+05:302009-01-04T01:40:00.000+05:30बहुत ही अच्छी जानकारी है.बहुत ही अच्छी जानकारी है.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82284838889133619292009-01-03T23:02:00.000+05:302009-01-03T23:02:00.000+05:30आपका शुक्रिया. हमारा भी कुछ आप जैसा ही विचार था, ब...आपका शुक्रिया. हमारा भी कुछ आप जैसा ही विचार था, बस ब्लॉग की दुनिया में नया होने के कारण ब्लॉग सम्बन्धी कुछ परम्पराओं का पालन नहीं कर पाते हैं. आप सबकी सलाह, विचार का हमेशा स्वागत है.राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23291057855274735072009-01-03T19:29:00.000+05:302009-01-03T19:29:00.000+05:30अँगूठाछापों की अँगूठीछाप का सफर रोचक एवं ज्ञान वर्...अँगूठाछापों की अँगूठीछाप का सफर रोचक एवं ज्ञान वर्धक है। कभी काषार्पण और निष्क के उद्भव और विकास से भी अवगत करानें की कृपा करें।सुमन्त मिश्र ‘कात्यायन’https://www.blogger.com/profile/14324507646856271888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24557306680542611852009-01-03T19:15:00.000+05:302009-01-03T19:15:00.000+05:30bhai vaah yahan hai asli sikko ki khanak...bhai vaah yahan hai asli sikko ki khanak...डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91196146902094461812009-01-03T16:46:00.000+05:302009-01-03T16:46:00.000+05:30@विष्णु बैरागी@स्मार्ट इंडियनमालवी कहावत में सिक्क...@विष्णु बैरागी<BR/>@स्मार्ट इंडियन<BR/>मालवी कहावत में सिक्के की खनक सुनवाने का शुक्रिया भैया। सिक्के पर लिखा जा चुका है। सफर की पहली कड़ी में। यह करीब साल भर पहले लिखी गई थी। मगर इसे फिर संशोधित इसी श्रंखला में शामिल करूंगा। अनुराग भाई कैश के भारतीय उद्गम के बारे में भी लिख चुका हूं सफर में। मगर निश्चिंत रहे, इस श्रंखला में भी उसका उल्लेख अवश्य होगा। सफर में बने रहें। शुक्रिया...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19368245787976827922009-01-03T16:37:00.000+05:302009-01-03T16:37:00.000+05:30@रंजनआपकी तरह किसी वक्त मुझे सिक्कों का शौक था मगर...@रंजन<BR/>आपकी तरह किसी वक्त मुझे सिक्कों का शौक था मगर उसे कभी पूरा नहीं कर पाया। एक उम्र के बाद किताबों से दोस्ती होती चली गई। पुस्तकों का संग्राहक हूं अब तो। यह श्रंखला पसंद आ रही है इसका शुक्रिया। यहां रोजमर्रा के उन सभी शब्दों के बारे में जानकारियां जुटाने का प्रयास चलता रहेगा जिन्होने अन्य भाषा-परिवारों से आकर हिन्दी को समृद्ध किया है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11153924575577673672009-01-03T14:07:00.000+05:302009-01-03T14:07:00.000+05:30बहुत अच्छी जानकारी मिली ............काफ़ी कुछ आपने...बहुत अच्छी जानकारी मिली ............काफ़ी कुछ आपने बताया मुद्रा के बारे में....आपका बहुत बहुत धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/17320191855909735643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-60082653800244728922009-01-03T12:54:00.000+05:302009-01-03T12:54:00.000+05:30श्रंखला बहुत रोचक है. कौडी, दमड़ी, रुपया, अशर्फी सब...श्रंखला बहुत रोचक है. कौडी, दमड़ी, रुपया, अशर्फी सब देखा मगर सिक्के का उद्गम या तो मुझसे या आपसे छूट गया है. कृपया उसके बारे में विस्तार से बताएं. इस सन्दर्भ में यह बताना भी ज़रूरी है की अंग्रेजी कैश का उद्गम भी भारतीय ही है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41220798817783355422009-01-03T11:04:00.000+05:302009-01-03T11:04:00.000+05:30हमेशा कि ही तरह उपयोगी.. मै तो इस पूरी श्रृखला के ...हमेशा कि ही तरह उपयोगी.. मै तो इस पूरी श्रृखला के प्रिन्ट ले अपने सिक्का संग्रह के साथ रखने वाला हूँ.. <BR/><BR/>आभारAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85117348548289690652009-01-03T09:01:00.000+05:302009-01-03T09:01:00.000+05:30आप 'सिक्का' पर श्रृंखला निरन्तर किए हुए हैं तो ए...आप 'सिक्का' पर श्रृंखला निरन्तर किए हुए हैं तो एक सूचना का उपयोग कहीं न कहीं कर लीजिएगा ।<BR/>मालवा में जब कोई, किसी को खूब भली-बुरी कहता है (या कि गालियां देता है) तो कहा जाता है - 'उसने फलां-फलां को खूब सिक्के सुनाए ।'<BR/>शायद, 'भली-बुरी' (या कि गालियां) जिस अन्दाज में कही जाती हैं, वह बडा 'खनकदार' होता है ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43787533693262236772009-01-03T08:30:00.000+05:302009-01-03T08:30:00.000+05:30लाजवाब. जानकारी परक श्रंखला मे घणा आनन्द आ रहा है...लाजवाब. जानकारी परक श्रंखला मे घणा आनन्द आ रहा है.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71986996553100017532009-01-03T06:34:00.000+05:302009-01-03T06:34:00.000+05:30कौडी ,आना , अशर्फी मुद्रा का सफर पढ़ रहा हूँ . मुद...कौडी ,आना , अशर्फी मुद्रा का सफर पढ़ रहा हूँ . मुद्रा पर आपकी मोहर लगी हुई जान पड़ती हैdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-670106062534527142009-01-03T05:27:00.000+05:302009-01-03T05:27:00.000+05:30मोह सारा हर लियामोहर पियातभी तो मंदी के घर गयावहां...मोह सारा हर लिया<BR/>मोहर पिया<BR/>तभी तो मंदी के घर गया<BR/>वहां जाकर घिर उर गया।<BR/><BR/>इसीलिए तो गये साल में<BR/>चारों ओर मंदी पसर गया<BR/>मोहर मो हर मोह हरा<BR/>पिया पिया पिया जिया।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65096558395833336792009-01-03T04:19:00.000+05:302009-01-03T04:19:00.000+05:30क्या बात है जी माल के मुकद्दमे एक सिरे निपटाते जा ...क्या बात है जी माल के मुकद्दमे एक सिरे निपटाते जा रहे हो ! अच्छा लगा !विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.com