tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1879006757728328914..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: चंदू , चंदन और चांदनी [चन्द्रमा-1]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31651906974048607292008-11-10T23:15:00.000+05:302008-11-10T23:15:00.000+05:30नूरजहाँ की नफीस सोच समझ के हम कायल होते जा रहे हैं...नूरजहाँ की नफीस सोच समझ के हम कायल होते जा रहे हैं ..गुलाब का इतर भी नूरजहाँ ने बनवाया और फर्श संदली भी .. और चांदनी शब्द भी बहुत प्रिय हैलावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-61820003960398835302008-11-10T18:25:00.000+05:302008-11-10T18:25:00.000+05:30चंदन और चाँद दोनों की शीतलता धीरे-धीरे हम भी समझ र...चंदन और चाँद दोनों की शीतलता धीरे-धीरे हम भी समझ रहे हैं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54159620966533931502008-11-10T11:25:00.000+05:302008-11-10T11:25:00.000+05:30चन्दन, चांद और चांदनी का समान गुणी समझ आया। धन्यवा...चन्दन, चांद और चांदनी का समान गुणी समझ आया। <BR/>धन्यवाद।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26726737330009107482008-11-10T09:04:00.000+05:302008-11-10T09:04:00.000+05:30विष्णु वैरागी जी से सहमत ! आपकी मेहनत को सलाम अजित...विष्णु वैरागी जी से सहमत ! आपकी मेहनत को सलाम अजित भाई !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80168614817900461142008-11-10T09:02:00.000+05:302008-11-10T09:02:00.000+05:30फर्श पर चांदनी और छत पर भी !कमाल है भाई !....आज तो...फर्श पर चांदनी और छत पर भी !<BR/>कमाल है भाई !....आज तो आपने <BR/>हमें हमारे नाम के गिर्द <BR/>और कितनी बातें हैं,<BR/>भली भांति समझा दिया है !<BR/>काश ! जीवन भी वैसा ही बन सके !!<BR/>=============================<BR/>आभार अजित जी<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62593764700864279702008-11-10T07:29:00.000+05:302008-11-10T07:29:00.000+05:30आप कई भ्रम तोड रहे हैं और कई भ्रम निर्मित कर रहे ह...आप कई भ्रम तोड रहे हैं और कई भ्रम निर्मित कर रहे हैं । एक 'चन्द' (उर्दू) ('कम' का समानार्थी होने के कारण) मलिनता, खिन्नता और दुख पैदा करता हे और दूसरा 'चन्द' (आपका चन्द) चमक, प्रसन्नता और खुशी देता है ।<BR/>आपके परिश्रम को सलात ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50654591481215109772008-11-10T07:03:00.000+05:302008-11-10T07:03:00.000+05:30आभार, ज्ञानवर्धन के लिए.आभार, ज्ञानवर्धन के लिए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com