tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post1904359211673043127..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: माई नेमिज खान बहादुर पठान [1]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15063739125703608062010-02-20T04:47:43.499+05:302010-02-20T04:47:43.499+05:30आलेख बेहतरीन है ......शब्द खान क्षेत्र विशेष में ल...आलेख बेहतरीन है ......शब्द खान क्षेत्र विशेष में लीडर के लिए इस्तेमाल होता रहा है है....रही बात पठान की तो वैसे भी जातियां धर्मों से अलग मानी जाती हैं कई मामलों में धर्म से ऊपर भी....पूरा अफगानिस्तान बौध ही रहा है और फिर मुसलमान हुआ बहुसंख्यक पठान आबादी मुसलमान हो गयी..............<br />अब मुझ से पूछिये मै कौनसा पठान तो मै बताऊंगा इसाजई युसुफजई.....और मेरी इस उपजाति का इस्लाम से कोई लेना देना नहीं.....मै अपने पूर्वजों की गौरव गाथाओं मुझे कहीं इस्लाम नहीं दीखता.......ध्यान रहे इस्लाम १४०० साल पुराना मज़हब है और जातियां उससे पहले की <br /> न जाने कितने खान यहां हैं। सब चंगेज़ से ही रिश्ता जोड़ना चाहते हैं जो न मुसलमान था <br />मुसलमान होना या ना होना मायने नहीं रखता.... चंगेज़ या तैमुर से अपना रिश्ता जोड़ने वाले लोग जातीय आधार पर उनसे रिश्ते जोड़ते हैं और गलत भी नहीं.......बहुसंख्यक पठान बौध्य से मुसलमान हुए हैं........पठानों की जनम स्थली अफगान है और हर पठान खुद को वहां से जोड़ता है........पठानों के यहाँ अक्सर उनकी उपजाति पूछी जाति है.....गौर करने वाली बात है अकबर खान बुगती का बयान "हम हजारो साल से पठान १४०० सालों से मुसलमान और महज़ ६० साल से पाकिस्तानी हैं" ज़ाहिर है इस्लाम के पूर्व पठान किसी और धर्म के अनुयायी होंगेEP Adminhttps://www.blogger.com/profile/15274052540330540379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83918131153685761232010-02-15T21:01:32.271+05:302010-02-15T21:01:32.271+05:30गज़ब की जानकारी . खान भाई भी काफी सफ़र करके यहाँ प...गज़ब की जानकारी . खान भाई भी काफी सफ़र करके यहाँ पहुचे है.और अभी भी सफ़र हे कर रहे है.किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-92232424970684761052010-02-15T00:10:47.789+05:302010-02-15T00:10:47.789+05:30अजित भाई , आज की यह पोस्ट इस अर्थ में महत्वपूर्ण ह...अजित भाई , आज की यह पोस्ट इस अर्थ में महत्वपूर्ण है कि यह इतिहास के बारे में बहुत सारी भ्रांतियाँ दूर करती है । केवल नाम से जाति और धर्म का अन्दाज़ लगाने वाले और धर्म के नाम पर विधर्मियों से घृणा करने वाले लोगों को यह इतिहास ज़रूर पढ़ना चाहिये । बहुत सारे प्रचलित शब्दों की उत्पत्ति की जानकारी यहाँ मिलती है । खदान के अर्थ में प्रयुक्त किये जाने वाले खान पर भी प्रकाश डालिये ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66018301115785006972010-02-14T20:14:00.565+05:302010-02-14T20:14:00.565+05:30आप हमेशा ही अच्छी जानकारी देते हैं | खान का प्रयोग...आप हमेशा ही अच्छी जानकारी देते हैं | खान का प्रयोग कहीं- कहीं जो हिन्दू से मुसलमान बने उनके साथ यानी रोटी खाकर ( रोटी और बेटी का व्यवहार बांटा ) उनके लिए भी उपयोग होता है | क्या यह सही है आप ही बता सकते हैं |विजय प्रकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17982982306078463731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21932651409479075692010-02-14T12:39:52.896+05:302010-02-14T12:39:52.896+05:30तो दूसरा भाग भी लिख डालें... तीन साल इंतजार नहीं क...तो दूसरा भाग भी लिख डालें... तीन साल इंतजार नहीं करूंगा।Sanjay Kareerhttp://www.dailyhindinews.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71002687720198885722010-02-14T04:57:23.041+05:302010-02-14T04:57:23.041+05:30संजय भाई,
दिनभर भागमभाग रही। खान शब्द पर लिखना बी...संजय भाई, <br />दिनभर भागमभाग रही। खान शब्द पर लिखना बीते तीन सालों से मेरी सूची में था। कुछ दिनों पहल गीत चतुर्वेदी और विजय से चर्चा के दौरान भी यही बात आई थी कि इस पर लिखा जाना चाहिए। बस, तभी लगा कि अब लिखते हैं। मेरे हिसाब से इस पर जितने गंभीर काम की गुंजाईश थी, उसे फिल्मी खान ने खा लिया है। <br />खैर, ब्लाग पर लगातार संपादन और परिष्कार की गुंजाईश रहती है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28374055722402348242010-02-13T21:04:18.603+05:302010-02-13T21:04:18.603+05:30जानकारी रोचक है...जानकारी रोचक है...डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51675386466321056062010-02-13T18:36:48.950+05:302010-02-13T18:36:48.950+05:30अजीत भावू ,
बस ऐसे ही शब्द ज्ञान की ' खान '...अजीत भावू ,<br />बस ऐसे ही शब्द ज्ञान की ' खान ' पर ही तो हम आप पर फ़िदा हैं.<br />बस सफ़र जारी रहे...........धन्यवाद .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8130376915508855092010-02-13T17:14:20.725+05:302010-02-13T17:14:20.725+05:30बड़ी ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी है। आभार।बड़ी ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी है। आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70608254921769465192010-02-13T13:51:47.181+05:302010-02-13T13:51:47.181+05:30बहुत अच्छी जानकारी दी आपने. धन्यवाद.बहुत अच्छी जानकारी दी आपने. धन्यवाद.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85299408722980262532010-02-13T11:34:22.360+05:302010-02-13T11:34:22.360+05:30सुन्दर सामयिक विषय चयन/चिंतन...उम्मीद है कुछ ज्ञान...सुन्दर सामयिक विषय चयन/चिंतन...उम्मीद है कुछ ज्ञानचक्षु खुल जायेंगे!उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75093678395119420132010-02-13T10:32:45.896+05:302010-02-13T10:32:45.896+05:30बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70768628005549632212010-02-13T08:59:51.940+05:302010-02-13T08:59:51.940+05:30एक और खोज भरा और समयोचित लेख, बस कपाट ही खोल रहा ...एक और खोज भरा और समयोचित लेख, बस कपाट ही खोल रहा है. धर्म के नाम पर संकीर्ण राजनीती करने वाले लोग कभी इतिहास को नहीं समझते. अजित जी ने खान शब्द कि व्योत्पति स्पष्ट कर दी है लेकिन मान लो खान शब्द का संबंध शुद्ध रूप से इस्लाम से ही जुड़ा है, तो भी ऐसी राजनीती का बहुधा भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए. पंजाब के जट्टों के बेशुमार गोत पाकिस्तानी मुसलमानों वाले ही हैं, संधू, रंधावा,चहल आदि. <br />'खानखाना' ने तो मेरे मन में हेरवा(nostalgia) पैदा कर दिया. यह पंजाब में मेरे गाँव के पास ही एक गाँव है और मैं इसे कई बार देख चुका हूँ. इसका संबंध अकबर के नौं रत्नों में से एक अब्दुर रहीम खानखाना से जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि रहीम इस गाँव में १५५६-१६२७ तक रहे और उनके नाम पर इस गाँव का नाम पड़ा. अब्दुर रहीम खानखाना ने बाबर के संसमरण का तुर्की से फारसी में अनुवाद किया. वह खुद भी कवी और ज्योत्षी थे. मुस्लमान होते हुए वह कृषण के भक्त थे.<br />रहीम के कुछ दोहे:<br />रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटके,<br />टूटे से फिर न जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाये.<br />रहिमन वे नर मर चुके, जे कहू मंगन जाही,<br />उनते पहेले वे मुए, जिन मुख निकसत नहीं.<br />कहा जाता है कि रहीम के तुलसी दस से भी कनिष्ठ सम्बन्ध थे.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79208223561700028042010-02-13T08:21:22.852+05:302010-02-13T08:21:22.852+05:30शब्दों की खान!शब्दों की खान!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37774999376175294002010-02-13T07:59:58.063+05:302010-02-13T07:59:58.063+05:30नई जानकारी लिए सामयिक और सार्थक लेख।नई जानकारी लिए सामयिक और सार्थक लेख।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48134228003256815572010-02-13T06:32:50.014+05:302010-02-13T06:32:50.014+05:30खान-बखान बेहतरीन है ।
आभार ।खान-बखान बेहतरीन है । <br />आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30548829570340955052010-02-13T05:24:50.356+05:302010-02-13T05:24:50.356+05:30मान गए ख़ान का ये बखान...
जय हिंद...मान गए ख़ान का ये बखान...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90137764207933213282010-02-13T03:22:50.761+05:302010-02-13T03:22:50.761+05:30टीवी पर खान-खान सुनकर कान पक गए... अब यहां भी खान...टीवी पर खान-खान सुनकर कान पक गए... अब यहां भी खान साहब आ गए!!! लेकिन सच कहूं तो इस खान चर्चा ने मजा बांध दिया। बहुत शानदार।Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.com