tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post2581342136822406724..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: आबादी को अब्रे-मेहरबां की तलाश...[चमक-ऊष्मा-प्रकाश]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55078814239360699022008-09-17T04:54:00.000+05:302008-09-17T04:54:00.000+05:30प पर ज्ञानधारा बही-आनन्द पूर्वक ग्रहण कर लिया.प पर ज्ञानधारा बही-आनन्द पूर्वक ग्रहण कर लिया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67793009782394720292008-09-16T19:05:00.000+05:302008-09-16T19:05:00.000+05:30पानी के इतने रंग ...बहुत बढ़िया पर नन्हे बच्चो को...पानी के इतने रंग ...बहुत बढ़िया पर नन्हे बच्चो को हम मम बोलना क्यूँ सिखाते हैं ..पानी शब्द से कैसे जुडा है यह ?रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24837861596300750852008-09-16T13:54:00.000+05:302008-09-16T13:54:00.000+05:30वाकई कई रंग है....वाकई कई रंग है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84161382596641097522008-09-16T13:48:00.000+05:302008-09-16T13:48:00.000+05:30पानी रे पानी... तेरा रंग कैसा? आज कई रंग दिखे...पानी रे पानी... तेरा रंग कैसा? आज कई रंग दिखे...Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75473105505208113972008-09-16T09:24:00.000+05:302008-09-16T09:24:00.000+05:30अजित जी,शब्दों की समझ की पारदर्शी चमकहर बार नुमाया...अजित जी,<BR/>शब्दों की समझ की पारदर्शी चमक<BR/>हर बार नुमायां होती है सफ़र में <BR/>पानी की तरह....! और जब सफ़र <BR/>अब्रे मेहरबां की मानिंद पेश आता है <BR/>तब लगता है कि हर बार कहीं दूर <BR/>बरस जाने वाले बादल आज <BR/>घर-द्वार-आँगन में आकर बरसे पड़े हैं...सच !!<BR/>==================================<BR/>शुक्रिया इस पानीदार पोस्ट के लिए.<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-92177398061569282492008-09-16T08:58:00.000+05:302008-09-16T08:58:00.000+05:30रू का मतलब भी चेहरा ही होता है। मेरा ख़याल है कि आ...रू का मतलब भी चेहरा ही होता है। मेरा ख़याल है कि आबरू का मतलब लक्षणामूलक ना होकर अभिधेय वाला है। क्योंकि वीर्य खोने से चेहरे की कांति भी जाती है।सोनूhttps://www.blogger.com/profile/15174056220932402176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2754128533828841142008-09-16T04:58:00.000+05:302008-09-16T04:58:00.000+05:30प के बारे में जानकर ज्ञान की प्यास बुझ गई. लेकिन ...प के बारे में जानकर ज्ञान की प्यास बुझ गई. लेकिन ये प्यास है बड़ी... शुक्रिया.Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45128981621023287972008-09-16T04:53:00.000+05:302008-09-16T04:53:00.000+05:30अब्र की तरह मराठी में भी बादलों के लिये अभ्र शब्द ...अब्र की तरह मराठी में भी बादलों के लिये अभ्र शब्द का प्रयोग होता है । निरभ्र आकाश बहुत ही आम प्युक्त होने वाला शब्द है । और अब्दाली शब्द का भी स्त्रोत अब्द ही है ?<BR/>हमेसा की तरह रोचक ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6539463310934729082008-09-16T00:41:00.000+05:302008-09-16T00:41:00.000+05:30प का बड़ा विस्तार है। जीवन के लिए सब से पहले पानी ...प का बड़ा विस्तार है। <BR/>जीवन के लिए सब से पहले पानी ही खोजा जाता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com