tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post2949723210186041958..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: बेजी बताएं, हम सुनें ....[बकलमखुद-32]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39639190905120817632010-08-05T09:46:34.745+05:302010-08-05T09:46:34.745+05:30पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.पढ़ कर बहुत अच्छा लगा.Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51690942553563524172008-05-12T17:16:00.000+05:302008-05-12T17:16:00.000+05:30kitna kavyatmak hai aap ka aapne bare me lekh .......kitna kavyatmak hai aap ka aapne bare me lekh ....sab kuchh ridam me.n...!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89694305134703627882008-05-12T12:38:00.000+05:302008-05-12T12:38:00.000+05:30वाह! बहुत सुन्दर स्मृति लेखन....अच्छा लगा.वाह! बहुत सुन्दर स्मृति लेखन....अच्छा लगा.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75020599055960939062008-05-12T12:34:00.000+05:302008-05-12T12:34:00.000+05:30अजित जी ने अपने ब्लॉग में बुलाया और पूरा बचपन बिछा...अजित जी ने अपने ब्लॉग में बुलाया और पूरा बचपन बिछा कर हम भी जम गये....आप सबके अपनेपन और स्नेह का आभार....अजित जी का खासतौर पर...।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88521609347752733872008-05-12T10:04:00.000+05:302008-05-12T10:04:00.000+05:30बेमतलब , बेहिसाब हँसने वाली लड़की को अपनी याददाश्त ...बेमतलब , बेहिसाब हँसने वाली लड़की को अपनी याददाश्त पर इतना फक्र !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16813142445925113552008-05-12T05:02:00.000+05:302008-05-12T05:02:00.000+05:30बेहद भावभरी, मुखरित, अभिव्यक्ति भरा पहला परिचय बेज...बेहद भावभरी,<BR/> मुखरित, अभिव्यक्ति भरा पहला परिचय बेजी जी के बचपन का पढ रहे हैँ ,:-) मुस्कुरा रहे हैँ और पुन: अजित भाई को सराह रहे हैँ !<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85275588427220762242008-05-12T00:05:00.000+05:302008-05-12T00:05:00.000+05:30बेहतरीन शुरुआत! आगे की कड़ियों का इंतजार है।बेहतरीन शुरुआत! आगे की कड़ियों का इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-74744592716706860712008-05-11T23:46:00.000+05:302008-05-11T23:46:00.000+05:30वाह, बेजी यहाँ भी. क्या बात है!!!रावतभाटा में तो ह...वाह, बेजी यहाँ भी. क्या बात है!!!<BR/><BR/>रावतभाटा में तो हमारा भी बचपन गुजरा है डैम पर. बड़ी सुनहरी यादें साथ हैं.<BR/><BR/>लिखो-पढ़ रहे हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17338567028323689892008-05-11T22:56:00.000+05:302008-05-11T22:56:00.000+05:30'बक़लम ख़ुद' पर आज तक जो भी कुछ पढ़ा है उस सारे के स...'बक़लम ख़ुद' पर आज तक जो भी कुछ पढ़ा है उस सारे के सारे में यह एक अलग से नज़र आने वाला बयान है. बेहतरीन शुरुआत की है आपने अपने जीवन की दास्तान की. <BR/><BR/>इस आत्मकथ्य के शुरुआती दो पैराग्राफ़ विश्व साहित्य की किसी भी कालजयी रचना के पहले दो पैराग्राफ़ हो सकते हैं. कृपया आराम आराम से बताएं.<BR/><BR/>बहुत सारे लोग जानना चाहते हैं बहुत सारा कुछ आपसे.<BR/><BR/>फ़िलहाल इस पहली किस्त के लिये ... पता नहीं क्या क्या ... यानी बेहतरीनतम ...<BR/><BR/>अपने मुरीदों में मुझे भी शामिल करें .<BR/><BR/>शुक्रिया आपका भी अजित भाई!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32946485351646627552008-05-11T21:47:00.000+05:302008-05-11T21:47:00.000+05:30ज़िंदगी के सफ़र की सुकूनदेह शुरुआत। आगे के ठौर पर...ज़िंदगी के सफ़र की सुकूनदेह शुरुआत। आगे के ठौर पर नज़रें टिकी हैं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15026564146356612842008-05-11T18:56:00.000+05:302008-05-11T18:56:00.000+05:30एक से बढ़कर एक बढ़िया कवितायें लिखने वाली बेजी जी ...एक से बढ़कर एक बढ़िया कवितायें लिखने वाली बेजी जी को हमेशा जानने की इच्छा सब की होगी ही. खासकर इसलिए भी कि इतने शानदार विचार और इतनी बढ़िया सोच पैदा कैसे होती है? ये बकलमख़ुद पढ़ कर कुछ-कुछ समझ आ रहा है.<BR/><BR/>शानदार शख्सियत के बारे में पढ़कर बहुत खुशी हुई. अगली कड़ी का बेसब्री से इंतजार है. <BR/><BR/>अजित भाई, धन्यवाद.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57473702395572513172008-05-11T18:47:00.000+05:302008-05-11T18:47:00.000+05:30सभी की तरह मैं भी जानना चाहता हूँ, आपको। रावतभाटा ...सभी की तरह मैं भी जानना चाहता हूँ, आपको। रावतभाटा मेरे घर से चालीस किलोमीटर है। अनेक बार हो आया हूँ। जब आप का बकलम पढ़ रहा था तो मुझे आरएपीपी के क्वार्टर याद आ रहे थे। इतने नजदीक है आप का जन्मस्थान। जान कर अपने आप नजदीकी रिश्ते की नदी बहने लगती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2071714448300513112008-05-11T18:09:00.000+05:302008-05-11T18:09:00.000+05:30आपका बुना हुआ पढ़ना और पढ़ कर गुनना सदा ही भाता है--...आपका बुना हुआ पढ़ना और पढ़ कर गुनना सदा ही भाता है-- यहाँ तो और भी भा रहा है-शुभकामनाएंपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83134701181496572702008-05-11T16:31:00.000+05:302008-05-11T16:31:00.000+05:30बेहतरीन प्रस्तुति है. बेजी जी की कविताओं की सी मधु...बेहतरीन प्रस्तुति है. बेजी जी की कविताओं की सी मधुर सरस बहती हुई. आनंद आ गया. संघर्षों से बने जीवन में प्रेरणा के बीज होते हैं जो पढने वाले को नवीन उत्साह से भर देते हैं.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6296414177898184632008-05-11T15:15:00.000+05:302008-05-11T15:15:00.000+05:30ये वाली बेजी तो बहुत चुलबुली है.ये वाली बेजी तो बहुत चुलबुली है.अनामदासhttps://www.blogger.com/profile/10451076231826044020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34639165347165121752008-05-11T15:13:00.000+05:302008-05-11T15:13:00.000+05:30बेजी से बात करके और मिलकर जितना आनन्द आता है, यहाँ...बेजी से बात करके और मिलकर जितना आनन्द आता है, यहाँ पढ़कर तो आनन्द कई गुना बढ़ रहा है. आगे की कडियों का बेसब्री से इंतज़ार है.मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79393174077288886502008-05-11T14:30:00.000+05:302008-05-11T14:30:00.000+05:30पीली नीली आग वाला गहरे हरे रंग का स्टोव। =========...पीली नीली आग वाला गहरे हरे रंग का स्टोव। <BR/>=================================<BR/>गहरे लाल रंग के ड्रम में मैने कितने तूफान देखे। लहरों का उठना,गिरना.....सू्र्योदय....किश्ती का डूब जाना...किनारे लगना...रौशनी का पानी में उछल कूद करना।<BR/>=================================<BR/>अपने में, अपने से, सच में ,सपने में खुश। <BR/>=================================<BR/>इन पंक्तियों में काव्यात्मा बोल-सी रही है.<BR/>बकलमखुद के सिलसिले का गुनगुनाता हुआ पड़ाव.<BR/>=================================<BR/>सन्जीत, है सटीक कही बात बुनने की ,<BR/>कहानी बुन गई अब ज़रूरत है सुनने की .<BR/>आभार अजित जी.<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15462449894681597432008-05-11T14:04:00.000+05:302008-05-11T14:04:00.000+05:30बेजी की कविताएं पढ़कर अक्सर सोचता हूं कि वह कविताएं...बेजी की कविताएं पढ़कर अक्सर सोचता हूं कि वह कविताएं लिखती नही बल्कि बुनती हैं…<BR/><BR/>अब उन्हे जानने मिल रहा है यह खुशी की बात है।<BR/>शुक्रियाSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27745683833770353932008-05-11T13:24:00.000+05:302008-05-11T13:24:00.000+05:30बहुत खूब, लिखती रहे. अच्छा लग रहा है आपके बारे में...बहुत खूब, लिखती रहे. अच्छा लग रहा है आपके बारे में जानकरAbhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49905264665066638502008-05-11T12:48:00.000+05:302008-05-11T12:48:00.000+05:30वाह वाह जी. आपको बारे में जानने की इच्छा कई दिनों ...वाह वाह जी. आपको बारे में जानने की इच्छा कई दिनों से थी.अजीत जी का धन्यवाद आपसे रूबरू कराने के लिये.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17609765793546183012008-05-11T12:44:00.000+05:302008-05-11T12:44:00.000+05:30इन्हें जानने की इच्छा बहुत दिनों से थी..अच्छा किया...इन्हें जानने की इच्छा बहुत दिनों से थी..<BR/>अच्छा किया जो आपने इन्हें भी यहाँ ला दिया.. :)<BR/>चैन से पढ़ कर फिर टिपियता हूँ..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com