tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3263326681525747796..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: डॉक्टर दीक्षित और चिकित्सकअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79906207356672553592007-09-03T23:23:00.000+05:302007-09-03T23:23:00.000+05:30चित चक्षु खुल गये. आभार जानकारी के लिये.चित चक्षु खुल गये. आभार जानकारी के लिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-30120145361125040752007-09-03T17:24:00.000+05:302007-09-03T17:24:00.000+05:30चालू होता है=चालू होती हैचालू होता है=चालू होती हैShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69675007695031945172007-09-03T17:23:00.000+05:302007-09-03T17:23:00.000+05:30प्रिय अजीत,आपने लिखा "मैं न भाषा विज्ञानी हूं और न...प्रिय अजीत,<BR/><BR/>आपने लिखा "मैं न भाषा विज्ञानी हूं और न ही इस विषय का आधिकारिक विद्वान। अभी तो सफर शुरू ही किया है। "<BR/><BR/>बहुत अच्छी बात है. सहस्त्रकोसी यात्रा पहले कदम से ही तो चालू होता है. लिखते रहें. यह मेरे इष्ट चिट्ठों मे से एक है क्योंकि आप काफी उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं -- शास्तफिलिप<BR/><BR/>मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,<BR/>2020 में एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार !!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54882218944414786202007-09-03T14:53:00.000+05:302007-09-03T14:53:00.000+05:30सचमुच शब्दों की उत्पत्ति, विकार तथा विकास का बहुत ...सचमुच शब्दों की उत्पत्ति, विकार तथा विकास का बहुत अच्छा और उपयोगी विवरण प्रस्तुत कर स्तुत्य सेवा कर रहे हैं। किन्तु व्याकरण के पाँच अंगों(1.वर्ण,2.शब्द, 3.पद, 4. वाक्य, 5. अर्थ) में शब्द दूसरी सीढ़ी है, जबकि पहली सीढ़ी देवनागरी लिपि के 'वर्ण' (या अक्षर) ही कालक्रम में अत्यन्त विकारग्रस्त होते होते अब तकनीकी दृष्टि से अत्यन्त जटिल(complex) हो गए हैं, जिनका पुनरुद्धार किए बिना पिछड़ापन दूर नहीं हो सकता।हरिरामhttps://www.blogger.com/profile/12475263434352801173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72045417151844526862007-09-03T14:51:00.000+05:302007-09-03T14:51:00.000+05:30सचमुच शब्दों की उत्पत्ति, विकार तथा विकास का बहुत ...सचमुच शब्दों की उत्पत्ति, विकार तथा विकास का बहुत अच्छा और उपयोगी विवरण प्रस्तुत कर स्तुत्य सेवा कर रहे हैं। किन्तु व्याकरण के पाँच अंगों(1.वर्ण,2.शब्द, 3.पद, 4. वाक्य, 5. अर्थ) में शब्द दूसरी सीढ़ी है, जबकि पहली सीढ़ी देवनागरी लिपि के 'वर्ण' (या अक्षर) ही कालक्रम में अत्यन्त विकारग्रस्त होते होते अब तकनीकी दृष्टि से अत्यन्त जटिल(complex) हो गए हैं, जिनका पुनरुद्धार किए बिना पिछड़ापन दूर नहीं हो सकता।हरिरामhttps://www.blogger.com/profile/12475263434352801173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11101222692797590052007-09-03T14:26:00.000+05:302007-09-03T14:26:00.000+05:30अच्छा तो ये बात है? मैं जानता नही था.. जानकारी बढ़ा...अच्छा तो ये बात है? मैं जानता नही था.. जानकारी बढ़ाने के लिये धन्यवाद... !!VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25417049791881441792007-09-03T08:15:00.000+05:302007-09-03T08:15:00.000+05:30बढ़िया जानकारी..बढ़िया जानकारी..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-28592287230073135072007-09-03T06:35:00.000+05:302007-09-03T06:35:00.000+05:30वाह, चित्त प्रसन्न हो गया।वाह, चित्त प्रसन्न हो गया।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36892452987524657502007-09-03T06:25:00.000+05:302007-09-03T06:25:00.000+05:30अरे वाह! कितने दीक्षित मित्र हैं और डाक्टर बैद होन...अरे वाह! कितने दीक्षित मित्र हैं और डाक्टर बैद होने से उनका दूर दूर का लेना देना नहीं है. अब मिले तब बतायेंगे कि भैया घास क्यों खोद रहे हो!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com