tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3309833285502428297..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: गरारे, खर्राटे, गार्गल और गर्गअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79231284935809321552010-05-25T13:05:28.265+05:302010-05-25T13:05:28.265+05:30@ अली साहब
गरारे पर तो अब क्या गुस्ताखी करू.........@ अली साहब <br />गरारे पर तो अब क्या गुस्ताखी करू.......पाजामे को लपेट रहा हूँ...<br />बकौल उर्दू के एक हिन्दू शायर जनाब एन.बी.सीन नाशाद :-<br /><br />"दो चार किताबे पढी, बने अल्लामा,<br />इस्तिंजा किया गीला रहा पाजामा."<br /><br />वैसे, मैरे इस पोस्ट पर कुछ और भी तास्सुरात थे- जो अजित भाई के पास डिपोजिट है.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44407403252907236842010-05-25T11:23:50.430+05:302010-05-25T11:23:50.430+05:30अच्छी पोस्ट ! मेरा ख्याल था कि मंसूर साहब उस '...अच्छी पोस्ट ! मेरा ख्याल था कि मंसूर साहब उस 'गरारे' पर शेर कहेंगे जो पहना जाता है :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40556134015838835062010-05-25T11:17:37.839+05:302010-05-25T11:17:37.839+05:30This comment has been removed by the author.उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16681951794146825962010-05-24T15:48:46.692+05:302010-05-24T15:48:46.692+05:30ऋषि,गोत्र,गरारा,खर्राटा....ओह कहा से कहाँ तक...वाह...ऋषि,गोत्र,गरारा,खर्राटा....ओह कहा से कहाँ तक...वाह !!!<br />लाजवाब रोमांचक विवेचना...<br /><br />ज्ञानवर्धन करने हेतु बहुत बहुत आभार...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24188241694131942792010-05-24T09:21:04.420+05:302010-05-24T09:21:04.420+05:30अच्छा किया गरारा की याद दिला दी । ठंड लग गयी है ।अच्छा किया गरारा की याद दिला दी । ठंड लग गयी है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19313260458748725332010-05-24T08:35:59.442+05:302010-05-24T08:35:59.442+05:30गर्ग से सांड किस तरह निकला,
अब मुझे जा के ये समझ आ...गर्ग से सांड किस तरह निकला,<br />अब मुझे जा के ये समझ आया,<br />चुन के भेजा था 'गाय' को हमने,<br />'अब' जो देखा तो 'गर्ग' वह निकला.Mansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50805493035790797612010-05-24T07:33:36.861+05:302010-05-24T07:33:36.861+05:30सारगर्भित जानकारी प्रस्तुत की है। पहली बार आना हुआ...सारगर्भित जानकारी प्रस्तुत की है। पहली बार आना हुआ है आपके ब्लॉग पर... लगता है बार-बार आना पड़ेगा....अतुल्यnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-68473542641720332372010-05-24T02:00:14.311+05:302010-05-24T02:00:14.311+05:30गरारा शब्द का ही गरारा हो गया गर्र..याने तर!! आभार...गरारा शब्द का ही गरारा हो गया गर्र..याने तर!! आभार!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com