tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3515940953589052371..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: सचमुच घनचक्कर था मेघदूतअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56646803943669470962012-10-13T12:11:44.993+05:302012-10-13T12:11:44.993+05:30वाकई 'घनचक्र' शब्द का सफर तो घनचक्कर टाइ...वाकई 'घनचक्र' शब्द का सफर तो घनचक्कर टाइप वाला ही रहा है। लेकिन आपने इस घनचक्र को जिस तरह रोक कर बरसा दिया है उससे जिज्ञासा की पिपासा शान्त हो गयी। धन्यवाद।जीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63258047195741249082012-10-12T11:08:05.443+05:302012-10-12T11:08:05.443+05:30निश्चय ही घनचक्कर रहा होगा मेघदूत। आपका ब्लॉग पढ़कर...निश्चय ही घनचक्कर रहा होगा मेघदूत। आपका ब्लॉग पढ़कर बहुत खुशी हुई। अच्छा लगा यह देखकर कि हिन्दी में कई अच्छे ब्लॉग लिखे और पढे जा रहे हैं।<br />हम यहाँ पहुंचे हिन्दी के अच्छे ब्लॉगों को ढूंढते हुए। हालांकि हिन्दी के ब्लॉगों की कई सूचियाँ इंटरनेट पर हैं लेकिन सर्वश्रेष्ठ भारतीय ब्लॉगों की डाइरेक्टरी की तर्ज पर इंडियन टॉप ब्लॉग्स ने हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगों को संकलित करने का काम भी हाथ में लिया है। नवम्बर में हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगों की डाइरेक्टरी आपके सामने आ जाएगी। <br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50548949305316215402012-10-12T08:40:14.894+05:302012-10-12T08:40:14.894+05:30अरे! आपने तो चक्कर में डाल दिया। महबूब की जुल्फो...अरे! आपने तो चक्कर में डाल दिया। महबूब की जुल्फों को अब 'घनचक्कर' कहना पडेगा? <br /><br />यह ठीक नहीं किया आपने।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42883406753985956712012-10-12T03:13:24.623+05:302012-10-12T03:13:24.623+05:30घन शब्द का अर्थ मराठी में तो बादल ही होता है ।
घन...घन शब्द का अर्थ मराठी में तो बादल ही होता है ।<br /><br />घन वाजे घुणघुणा <br />वारा <br />वाहे रुणझुणा<br /><br />सजल साम घन गर्जत आले बरसत आज तुषार <br />आता जीवनमय संसार ।<br />चक्र को तो आपने समझा ही दिया । बादल की तरह घूमने वाला । घनचक्कर को भूलना अब न होगा ।<br />Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80252720804561604122012-10-11T22:47:13.224+05:302012-10-11T22:47:13.224+05:30घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मनमोरा ।।घन घमंड नभ गरजत घोरा। प्रिया हीन डरपत मनमोरा ।।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8332592884407057822012-10-11T22:11:19.936+05:302012-10-11T22:11:19.936+05:30चक्कर तो आज ढंग से समझ आ गया..चक्कर तो आज ढंग से समझ आ गया..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com