tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3552615378701888187..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: घोड़ी को पानी दिखाना [बकलमखुद-89]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44050353294799110082009-11-22T17:32:59.203+05:302009-11-22T17:32:59.203+05:30प्रेम वहीं छूट गयी! ये होता है नुकसान जगह बदलने का...प्रेम वहीं छूट गयी! ये होता है नुकसान जगह बदलने का।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27865267877183134982009-06-30T17:24:44.107+05:302009-06-30T17:24:44.107+05:30Very Interesting documnt of the customs nd rituals...Very Interesting documnt of the customs nd rituals of goo old days !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82700019759978488792009-06-17T12:11:58.051+05:302009-06-17T12:11:58.051+05:30कहते हैं शब्द हो तो बहते पानी जैसा , इसे पढ़कर बस ...कहते हैं शब्द हो तो बहते पानी जैसा , इसे पढ़कर बस यह कहना ही सही प्रतीत हो रहा है . <br />अगली किश्त की प्रतीक्षा बेसब्री से रहेगीSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43942770745872280422009-06-16T20:41:51.158+05:302009-06-16T20:41:51.158+05:30बाकलम खुद के द्वारा सरदार का सफ़र बांधे हुए है बहु...बाकलम खुद के द्वारा सरदार का सफ़र बांधे हुए है बहुत ही रोचकdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-972040950733210962009-06-16T17:36:27.271+05:302009-06-16T17:36:27.271+05:30रोचक रहा यह ..बहुत बढ़िया लिख रहे हैं आपरोचक रहा यह ..बहुत बढ़िया लिख रहे हैं आपरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73006318888817961612009-06-16T13:54:56.846+05:302009-06-16T13:54:56.846+05:30बढिया सँस्मरण लिखा है।अगली कड़ी की भी प्रतीक्षा है ...बढिया सँस्मरण लिखा है।अगली कड़ी की भी प्रतीक्षा है .परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11413464998605218492009-06-16T13:34:32.614+05:302009-06-16T13:34:32.614+05:30बचपन सबने जिया होता है, पर संस्मरणों को तरतीबवार य...बचपन सबने जिया होता है, पर संस्मरणों को तरतीबवार याद करना और उन्हें झाड़-पोंछ कर सजाना महत्वपूर्ण है। ऐसा करते हुए बासी स्मृतियों के नए आयाम खुलते हैं। कुछ संदर्भ बेहतर रुप में रिफ्रेश होते हैं, कुछ नए विश्लेषण भी जुड़ते हैं। कई यादें खुशनुमा रूप में फिर सुरक्षित हो जाती हैं। मेरे साथ ऐसा होता है...<br />बढ़िया श्रंखला चल रही है दिनेश भाई...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40404635045141828592009-06-16T11:16:02.359+05:302009-06-16T11:16:02.359+05:30रोचक संस्मरण.
सफर अच्छा चल रहा है।रोचक संस्मरण.<br />सफर अच्छा चल रहा है।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38003874813207279302009-06-16T10:46:36.219+05:302009-06-16T10:46:36.219+05:30बहुत ही रोचक संस्मरण |
एक बात है ,गाँव se जुडे सस्...बहुत ही रोचक संस्मरण |<br />एक बात है ,गाँव se जुडे सस्मरण में इतनी आत्मीयता क्यों होती है ?<br />बहुत सुन्दर पोस्ट <br />बधाईशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38713475323861658342009-06-16T09:08:53.075+05:302009-06-16T09:08:53.075+05:30वकील साब की तारीफ़ के लिये शब्द नही है मेरे पास्।शु...वकील साब की तारीफ़ के लिये शब्द नही है मेरे पास्।शुद्ध लेखन और ईमानदार लेखन्।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45854090071064129712009-06-16T08:38:20.933+05:302009-06-16T08:38:20.933+05:30बहुत दिल्चस्प बहाव है. शुभकामनाएं.
रामराम.बहुत दिल्चस्प बहाव है. शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53470004282426641102009-06-16T08:20:53.716+05:302009-06-16T08:20:53.716+05:30पसंद आया ,अगली कड़ी की भी प्रतीक्षा है .पसंद आया ,अगली कड़ी की भी प्रतीक्षा है .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20502691488801532652009-06-16T07:41:20.842+05:302009-06-16T07:41:20.842+05:30दीनेश भाई जी आपने बहुत ही बढिया सँस्मरण लिखा है - ...दीनेश भाई जी आपने बहुत ही बढिया सँस्मरण लिखा है - मेरी भी राय है आप इसे छपवायेँ <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-12335985648598645222009-06-16T06:34:58.475+05:302009-06-16T06:34:58.475+05:30अगले मंगलवार तक का सब्र करना पड़ेगा । पैंट पहनने की...अगले मंगलवार तक का सब्र करना पड़ेगा । पैंट पहनने की तीव्र इच्छा बालमन का सहज स्वभाव प्रदर्शित करती है । कब पहनना हुआ, यह तो अगले मंगलवार तक के लिये स्थगित । <br />आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-51680720651382198652009-06-16T05:53:32.210+05:302009-06-16T05:53:32.210+05:30साहित्य देखना हो तो ब्लॉग पढ़ॉ। अब मैं यह बेहिचक क...साहित्य देखना हो तो ब्लॉग पढ़ॉ। अब मैं यह बेहिचक कह सकता हूँ। ग़जब की रवानी है ! इसे छ्पवाइये।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com