tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post3795904218143084979..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: थमते रहे ग्राम, बसते रहे नगर [आश्रय-27]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44245402803732631962010-01-27T12:59:28.104+05:302010-01-27T12:59:28.104+05:30बहुत मेहनत करते है. बधाई और लिखते रहें .........हम...बहुत मेहनत करते है. बधाई और लिखते रहें .........हम पड़ते रहें<br />मानिकmanikhttp://www.apnimaati.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69385956477466348832010-01-26T20:26:42.474+05:302010-01-26T20:26:42.474+05:30शानदार पोस्ट अजित भैय्या ..शानदार पोस्ट अजित भैय्या ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65653682546907612002010-01-26T12:40:56.073+05:302010-01-26T12:40:56.073+05:30गणतंत्र-दिवस की मंगलमय शुभकामना...गणतंत्र-दिवस की मंगलमय शुभकामना...समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42820418162036873482010-01-26T06:40:05.054+05:302010-01-26T06:40:05.054+05:30बहुत बढ़िया!
नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया पर...बहुत बढ़िया!<br /><br />नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान । <br />सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥<br /><br />गणतन्त्र-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34811429992615707112010-01-26T05:48:26.705+05:302010-01-26T05:48:26.705+05:30माप-तौल के भाव वाले 'तुल्' धातु से 'ट...माप-तौल के भाव वाले 'तुल्' धातु से 'टोल' या 'टोली' समूह के अर्थ कैसे विक्स्त हुए होंगे, क्रप्या बताएं.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63226615814901892312010-01-26T02:33:24.087+05:302010-01-26T02:33:24.087+05:30शानदार पोस्ट अजित भैय्या ..शानदार पोस्ट अजित भैय्या ..abcdhttps://www.blogger.com/profile/01654266851862904586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-40508514773978038502010-01-26T02:29:48.032+05:302010-01-26T02:29:48.032+05:30आपका ब्लॉग मुझे बेहद पसंद है और गूगल रीडर पर पढता ...आपका ब्लॉग मुझे बेहद पसंद है और गूगल रीडर पर पढता हूँ ... मेरे नेट में समस्या है कि ब्लागस्पाट का कोई भी ब्लॉग नहीं खुलता है आज किसी और का नेट मांग कर लाया हूँ आपका ब्लॉग देखने के लिए <br />बहुत ही उपयोगी और पसंदीदा ब्लग़ है मेराPadm Singhhttps://www.blogger.com/profile/17831931258091822423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72392393982482505762010-01-25T18:16:00.947+05:302010-01-25T18:16:00.947+05:30दो दिन से सर्वर डाउन था आज मुश्किल से आपको पढ़ पाय...दो दिन से सर्वर डाउन था आज मुश्किल से आपको पढ़ पाया हूँ फिलहाल इतना ही कहूंगा !<br />अच्छा आलेख !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55587203196221549442010-01-25T17:33:22.593+05:302010-01-25T17:33:22.593+05:30नगरी नेरा नागल सब याद रहेगा क्यों कि मेरे शहर का न...नगरी नेरा नागल सब याद रहेगा क्यों कि मेरे शहर का नाम नंगल है। ये पोस्ट भी याद हो गयी धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66488696641427440032010-01-25T12:57:47.021+05:302010-01-25T12:57:47.021+05:30द्विवेदी जी,
टिप्पणी और जानकारी का बहुत शुक्रिया।
...द्विवेदी जी,<br />टिप्पणी और जानकारी का बहुत शुक्रिया।<br />यह व्युत्पत्ति वामन शिवराम आपटे के शब्दकोश में दी गई है। गव्यान ग्रामः का संदर्भ बहुत ज्ञानवर्धक और महत्वपूर्ण है। आज प्रचलित कई शब्द मूलतः पूर्ववैदिक पशुपालक समाज से निकले शब्दों का ही रूपांतर हैं। गोष्ठ, गवेषणा, गोकुल आदि। यूरोपीय भाषाओं में भी ऐसा ही है। लार्ड और लेडी का रिश्ता लोफ़ से भी है। यहां अन्नदाता और अन्नपूर्णा वाला भाव ही है। ताकतवर, मुखिया, महान, भद्र, शिष्ट, सभ्य जैसे भाव तो बाद में विकसित हुए हैं। <br />आभारअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25820178681972553502010-01-25T12:52:27.468+05:302010-01-25T12:52:27.468+05:30bhai wadnerkrji
gram ki vyutpatti gras dhatu se ka...bhai wadnerkrji<br />gram ki vyutpatti gras dhatu se kahin padhi-suni nahin hai. han gram ka vyutpattigat arth samuh avashya bataya gaya hai. vedon men bhi gay dhundhne vale dal ke liye "gavyan gramah" kaha gaya hai.राकेश नारायण द्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35326361478558188342010-01-25T07:09:48.591+05:302010-01-25T07:09:48.591+05:30ये चलन राजस्थान और गुजरात रहा है की व्यक्ति से पूछ...ये चलन राजस्थान और गुजरात रहा है की व्यक्ति से पूछा जाता है की मूलतः कहाँ का है वो.ख़ास गाँव कौनसा है या मूल वतन कौनसा है.<br /><br />बड़नगर गुजराती नागरों का घर रहने के कारण भी जाना जाता है, वडनेर वडनेरकरों से भी.<br /><br />नेर से नगर का रिश्ता पहली बार जाना. शुक्रिया.sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5097261231073564202010-01-25T06:46:58.979+05:302010-01-25T06:46:58.979+05:30नगर अचल है इसलिए नगर है . आज ही पता चलानगर अचल है इसलिए नगर है . आज ही पता चलाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17017520653753352742010-01-25T00:27:12.511+05:302010-01-25T00:27:12.511+05:30बस्ती..बस्ती, नगरी-नगरी,
गाता जाए बंजारा,
दिल से द...बस्ती..बस्ती, नगरी-नगरी,<br />गाता जाए बंजारा,<br />दिल से दिल के मिले इक तारा...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15939003499928949732010-01-24T23:10:51.520+05:302010-01-24T23:10:51.520+05:30सुंदर व्याख्या।सुंदर व्याख्या।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com