tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post4015493796929744983..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: बेटा निहाल, बजरबट्टू बेहालअजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-49312041501696405792007-07-13T10:19:00.000+05:302007-07-13T10:19:00.000+05:30वटु से बेटा तो ठीक है.. मगर मैंने पाया है कि बजरबट...वटु से बेटा तो ठीक है.. मगर मैंने पाया है कि बजरबट्टू शब्द का लोकप्रिय प्रयोग बुरी नज़र से बचाने वाले एक पत्थर के अर्थ के बतौर है.. रामशंकर शुक्ल 'रसाल' के भाषा शब्द कोष में भी बजरबट्टू का अर्थ है- एक पेड़ का बीज जिसे दृष्टि दोष से बचने के लिए बच्चों को पहनाते हैं.. बजर तो साफ़ साफ़ वज्र का तद्भव है.. मगर बट्टू क्या है..? क्या वट? क्या वटन? या वटक?<BR/><BR/>मुझे तो लगता है कि यहाँ वटक ही सही है क्योंकि वटक मायने है छोटा पत्थर का ढेला..उसकी उत्पत्ति वट धातु से ही है जिसका अर्थ है.. बाँटना.. विभाजित करना.. ध्यान दीजिये.. बाँटना वट से ही आ रहा है.. तो वटक बना वो बाँट..जो चीज़ों को तौलने यानी विभाजित करने में काम आये.. जिसके लिए छोटे पत्थर के ढेलों का ही उपयोग होता रहा होगा.. और कालान्तर में हर छोटा पत्थर वटक कहलाया जाने लगा होगा.. जिसे आज हम बटा या बटिया कहते हैं.. ध्यान दें.. एक बटा दो.. और दो बटा तीन..वाला बटा भी यहीं से उपज रहा है.. तो आपके बजरबट्टू वह छोटा पत्थर है जो नज़र बचाने के काम आता है..<BR/><BR/>मगर रसाल का शब्दकोष कह रहा है कि वह एक बीज है.. अब देखिये नेट पर क्या क्या सूचना उपलब्ध है..<BR/><BR/>सूचना १) एक प्रकार के पाम या ताड़ के पेड़ का नाम भी बजर बट्टू है.. जिसके पत्तो से लोग अपने झोपड़ों की छत बनाते हैं.. और पेड़ में ३० से ८० साल बाद जब एक ही बार फल आता है,, और उसके बाद पेड़ मर भी जाता है.. ये फल ३-४ सेंटीमीटर बड़ा होता है और इसके अन्दर एक ही बीज होता है..<BR/><BR/>सूचना २) इस बीज का इस्तेमाल कुछ जनजातियां गले का हार बनाने में करती हैं.. <BR/><BR/>सूचना ३) बच्चों के गले में पहनाया जाने वाला छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण आभूषण ‘बजरबट्टू’ है.. <BR/><BR/>और फिर आखिर में रसाल जी के शब्दकोष का अर्थ पुनः याद किया जाय कि बजरबट्टू, बच्चों को नज़र लगने से बचाने का एक पत्थर है..<BR/><BR/>रह गई बात पत्थर और बीज की तो हर छोटे पत्थर को वटक या बटा कहना और हर पत्थर नुमा बीज को भी बटा कह देना शब्द की यात्रा के पड़ाव माने जा सकते हैं..<BR/><BR/>तो मित्र अजित जी.. मेरा ख्याल है कि बजरबट्टू का बट्टू.. वटुक से नहीं बल्कि वटक से आ रहा है..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15816394907299860492007-07-13T07:38:00.000+05:302007-07-13T07:38:00.000+05:30बहुत अच्छा लगता है आपका ब्लाग पढ़ना!बहुत अच्छा लगता है आपका ब्लाग पढ़ना!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81766684442951014392007-07-13T05:44:00.000+05:302007-07-13T05:44:00.000+05:30अजित जीआपका प्रशंसक हूँ. बजरबट्टू से ध्यान आया. बु...अजित जी<BR/>आपका प्रशंसक हूँ. बजरबट्टू से ध्यान आया. <BR/><BR/>बुद्धिहीन, मंदबुद्धि, कुंदबुद्धि, जड़बुद्धि, बुद्धिवंचित तो समझ में आते हैं लेकिन बुद्धू समझ में नहीं आता. बुद्धू में बुद्धि के कम होने का संकेत कहीं नहीं है. क्या गौतम बुद्ध के शिष्यों का उपहास करने के लिए हिंदू ब्राह्मणों ने बुद्धिमान के पर्यायवाची को व्यंग्य कर करके बुद्धू बना दिया...ज़रा रोशनी डालिएअनामदासhttps://www.blogger.com/profile/10451076231826044020noreply@blogger.com