tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post4077658503574043863..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: गुपचुप गोलगप्पा और पानी बताशा [खानपान-10]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-41409007314498814732019-03-27T22:11:47.343+05:302019-03-27T22:11:47.343+05:30आगरा की चाट मशहूर है।आगरा और आसपास के क्षेत्र में...आगरा की चाट मशहूर है।आगरा और आसपास के क्षेत्र में गोल गप्पे को पड़ाके के नाम से भी जाना जाता है।अनूप शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13496496816171509162012-06-28T16:13:14.966+05:302012-06-28T16:13:14.966+05:30भई आपकी पोस्ट पढ़कर तो मैंने आज ही श्रीमती जी से गो...भई आपकी पोस्ट पढ़कर तो मैंने आज ही श्रीमती जी से गोलगप्पे की फरमाइश कर दिया है।Dr. Vindhyeshwari Prasad Tripathihttps://www.blogger.com/profile/07155941835948921851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-72077621685020400422010-07-15T14:29:00.146+05:302010-07-15T14:29:00.146+05:30अति उत्तम , शब्दों का क्या खूब प्रयोग किया हेअति उत्तम , शब्दों का क्या खूब प्रयोग किया हेआँटीhttp://www.mastiya.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-26892926160076070942009-05-03T21:31:00.000+05:302009-05-03T21:31:00.000+05:30khatti mithi post se hamara to pet bhar jata hai l...khatti mithi post se hamara to pet bhar jata hai lekin patidev khane ka intjar kar rahe hai.<br /> golgappe hamare yaha suji me sare masale or meetha soda milakar gol sancho wale tave par tal kar bhi banae jate hai. pani puri se kafi bhinn hai par nam wahi kam aata haiकिरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89032724601025874522009-04-28T20:52:00.000+05:302009-04-28T20:52:00.000+05:30यहाँ-वहां के गोलगप्पे अक्सर बीमार कर देते हैं...बे...यहाँ-वहां के गोलगप्पे अक्सर बीमार कर देते हैं...बेहतर है कि ये घर पर बनाये जाएँ और जलजीरे के साथ पेट भर खाए जाएँ.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59666949327666800902009-04-28T10:51:00.000+05:302009-04-28T10:51:00.000+05:30Atyant swadist raha yah safar.Atyant swadist raha yah safar.sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69014468464906633952009-04-28T01:26:00.000+05:302009-04-28T01:26:00.000+05:30अजित भाई! दो महीने पहले बिजनौर के एक गाँव में दो र...अजित भाई! दो महीने पहले बिजनौर के एक गाँव में दो रुपये के पांच खाए थे. वहां इन्हें "पानी पटाखा" बताया जा रहा था. पानी बताशा भी कहाँ जाता हैं मगर शायद केवल बिजनौर शहर में. दिल्ली को छोड़ एक दूसरे महानगर में रहना हुआ तो खिलाने वाले ने इसे "पानी पूरी" कह दिया था. अपने इतने सालों के प्यारे "गोल गप्पे" को "पानी पूरी( चाहे पूरा)" कहने में शर्म और दर्द का अद्भुत मेल महसूस हुआ.<br /><br />आज भी जितने गोल गप्पे खाते हैं, उस से दुगुना पानी पी जाते हैं.<br /><br />इस अद्भुत खोमचा पकवान का बनाव (आटा, सूजी, हरद मिला इत्यादि), इसे खिलाने का तरीका (साथ के साथ या प्लेट में परोस के) , इसकी भरावट (उबले आलू, चना, गरमअ-गरम छोले इत्यादि) और इस के ख़ास तत्त्व "पानी" की प्रकृति (सोंठ के साथ, पुदीने का प्रयोग, ठंडा इत्यादि) भी स्थानानुसार बदलती रहती है. पर ये अलग पोस्ट/ब्लॉग का विषय है.<br /><br />गोलगप्पे खिलाने का बहुत बहुत शुक्रिया.विनय (Viney)https://www.blogger.com/profile/06583804414637549559noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21401443490345641262009-04-27T23:26:00.000+05:302009-04-27T23:26:00.000+05:30बम्बई के एल्को आर्केड बान्द्रा माकेट के बाहर बर्फी...बम्बई के एल्को आर्केड बान्द्रा माकेट के बाहर बर्फीले तीखे पानी से भरे ये गोलगप्पे तो करीना भी खाती है ऐसा सुना है बहुत स्वादिष्ट पोस्ट !<br />स स्नेह,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-78585721856006872572009-04-27T22:33:00.000+05:302009-04-27T22:33:00.000+05:30हम्म बचपन में हमने भी खूब खाए है और अब भी पसंद है....हम्म बचपन में हमने भी खूब खाए है और अब भी पसंद है. <br /><br />इसे जयपुर में पताशी, भोपाल में पानी पूरी और बंगाल में फुचका कहते भी सुना है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23653417856253622012009-04-27T20:21:00.000+05:302009-04-27T20:21:00.000+05:30जी इस पोस्ट को पढ़ कर किसी कवि के कहे कि इतनी नाज़ुक...जी इस पोस्ट को पढ़ कर किसी कवि के कहे कि इतनी नाज़ुक है कि बच्चे के हाथ में भी दे सकते हैं लगा , गप्प के बारे में एक और अर्थ प्रचलित है ढींगे हांकना के सन्दर्भ में . कुछ प्रकाश डालेंMAYURhttps://www.blogger.com/profile/07342867687077320304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35995815539499705832009-04-27T20:18:00.000+05:302009-04-27T20:18:00.000+05:30बहुत मुंह में पानी लाने का इंतजाम है पोस्ट में! :-...बहुत मुंह में पानी लाने का इंतजाम है पोस्ट में! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90745535654186851402009-04-27T17:57:00.000+05:302009-04-27T17:57:00.000+05:30पानी बताशा का नाम सुनकर मुँह में पानी आ गया तो आपक...पानी बताशा का नाम सुनकर मुँह में पानी आ गया तो आपके यहाँ आ गए और ढेर सारी जानकारी लेकर जा रहे है। सच इस पानी बताशा का स्वाद ही कुछ और है।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46910209711173442122009-04-27T16:40:00.000+05:302009-04-27T16:40:00.000+05:30कानपुर का चौक बाजार इसी पानी पुरी के लिए प्रसिद्ध ...कानपुर का चौक बाजार इसी पानी पुरी के लिए प्रसिद्ध है .... पहले तो हर दूसरी शाम को जाते थे पानी पूरी खाने सब पीछे छुट गया ..आज आपने पुराने दिन याद दिला दिए जब हम दोनों पानी पूरी खाने की शर्त लगाते थे और जाने कितनी पानी पूरी खा जाते थे ...पुराने दिनों की याद ताज़ा करने के लिए शुक्रिया ..Gaurav Misrahttps://www.blogger.com/profile/04478457371042437275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75350341363196089162009-04-27T15:10:00.000+05:302009-04-27T15:10:00.000+05:30@मुनीश
बंगाली फुचका की जानकारी के लिए शुक्रिया मुन...@मुनीश<br />बंगाली फुचका की जानकारी के लिए शुक्रिया मुनीश भाई...अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90844879934055940442009-04-27T14:43:00.000+05:302009-04-27T14:43:00.000+05:30haridwar ki chat wali gali yaad aa gayi. Chaat se ...haridwar ki chat wali gali yaad aa gayi. Chaat se yaad aaya. Iska kya arth hai? aajkal bore aadmi ko chaat kehne ka prachalan bhi hai.Saurabhhttps://www.blogger.com/profile/11427441800005347076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3917335894079625022009-04-27T12:50:00.000+05:302009-04-27T12:50:00.000+05:30अजी ये तो हमारी भी पसंदीदा चीज है इसीलिए लपक के आ ...अजी ये तो हमारी भी पसंदीदा चीज है इसीलिए लपक के आ गए।<br /><br />बात गुपचुप से शुरु कर कहां से कहां तक पहुंच गई, बहुत कुछ समझ में आ गया।<br />शुक्रिया।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32305285824387935542009-04-27T12:37:00.000+05:302009-04-27T12:37:00.000+05:30आज शाम ४:३० बजे इस पोस्ट का प्रायोगिक परिक्षण किया...आज शाम ४:३० बजे इस पोस्ट का प्रायोगिक परिक्षण किया जायेगा :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-38093302882328213902009-04-27T10:36:00.000+05:302009-04-27T10:36:00.000+05:30लड़कियों की तो कमजोरी होती है गुपचुप यानि पानी बता...लड़कियों की तो कमजोरी होती है गुपचुप यानि पानी बतासे ..जानकारी का धन्यवाद.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69133753451205144102009-04-27T10:32:00.000+05:302009-04-27T10:32:00.000+05:30This comment has been removed by the author.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54059636830129313672009-04-27T10:13:00.000+05:302009-04-27T10:13:00.000+05:30कृपया खान पान के बारे मे शाम को ही लिखा करे सुबह -...कृपया खान पान के बारे मे शाम को ही लिखा करे सुबह -सुबह पढ़ कर मुँह मे पानी आता है . और आज तो गोलगप्पों की तो बात ही क्या करे . मय फोटो के चर्चा तो और जीभ को लपलपाती है .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19309623980257358112009-04-27T10:01:00.000+05:302009-04-27T10:01:00.000+05:30सालों से गपागप गुपचुप खाते आ रहे हैं पर आज पता चल ...सालों से गपागप गुपचुप खाते आ रहे हैं पर आज पता चल रहा है कि गुपचुप,गुपचुप क्यों कहलाता है।मज़ा आ गया ऐसा लगा शाम को किसी ठेले पर खड़े होकर गुपचुप गडप कर रहे हो।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59528033223971639222009-04-27T08:59:00.000+05:302009-04-27T08:59:00.000+05:30अजित जी,
आजकल अपना सुबह का नाश्ता
इधर ही हो जाता ह...अजित जी,<br />आजकल अपना सुबह का नाश्ता<br />इधर ही हो जाता है...लेकिन <br />'पकाने के पहले के भराव' और <br />'खाते वक्त के भराव' का फ़र्क <br />किस तरह 'कच + पूरिया' यानी कचौरी और<br />'पानीपुरी' को अलगाता है, यह हम आज ही समझे. सच...!<br />============================================<br />आभार<br />डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81270930701858125162009-04-27T08:11:00.000+05:302009-04-27T08:11:00.000+05:30इन बंगाल, तिस इस कॉल्ड'फुचका'!इन बंगाल, तिस इस कॉल्ड'फुचका'!मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77096387374535040032009-04-27T07:50:00.000+05:302009-04-27T07:50:00.000+05:30भाई हमने कल ही इनका आनंद लिया है और इस बारे में जा...भाई हमने कल ही इनका आनंद लिया है और इस बारे में जानकर और अच्छा लगा.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-75720437026783152802009-04-27T07:13:00.000+05:302009-04-27T07:13:00.000+05:30सफर ने सुबह सुबह मुहँ में पानी ला दिया!सफर ने सुबह सुबह मुहँ में पानी ला दिया!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com