tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post4411952453157263668..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: बेजी का पसंदीदा पड़ौस-ब्लागजगत [बकलमखुद-38]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37516094552241228432008-05-28T01:11:00.000+05:302008-05-28T01:11:00.000+05:30अरे ! इस में तो हमारा नाम भी आ गया ....:-)अच्छा लि...अरे ! इस में तो हमारा नाम भी आ गया ....:-)<BR/>अच्छा लिखा है ....अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-11327510949943082642008-05-22T00:38:00.000+05:302008-05-22T00:38:00.000+05:30वाह बेजी जी मजा़ आगया । आपको पढ कर ऐसा लगता है जेस...वाह बेजी जी मजा़ आगया । आपको पढ कर ऐसा लगता है जेसे एक प्रवाह में बहे जा रहे हों । अगले कडी में समापन की बात उदास कर गई। आपको और अजित जी को बहुत बहुत बधाई ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25997004674293887082008-05-21T16:09:00.000+05:302008-05-21T16:09:00.000+05:30sach kaha aap ne aap ki yaddashta bahut achchhi ha...sach kaha aap ne aap ki yaddashta bahut achchhi hai...kuchh bhi to nahi chhutane diya aapne..parents,bhai, frnds, spouse kids sab ko shamil karte hue bhi pravah nahi rukne diya..really it's amazing.... dil se kah rahi hu.n<BR/><BR/>aur ha.n mamata ji ki tarah apna naam dekha kar khushi bhi hui aur ashcharya bhi kyo ki kabhi laga hi nahi ki hame vo beji janti bhi ho.ngi jinki koi bhi kavita mujhase nahi chhutatiकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88696446299469424282008-05-20T23:27:00.000+05:302008-05-20T23:27:00.000+05:30नामों की सूची दम साध कर पढ़ रहा था. लगा कि अपन तो '...नामों की सूची दम साध कर पढ़ रहा था. लगा कि अपन तो 'आदि-इत्यादि' में निबट जायेंगे! लेकिन नहीं, बेजी जी ने बचा लिया. मारे खुशी के खुराक बढ़ गयी और 8 रोटियाँ ज्यादा खा गया. हाहाहा!विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81775657065242472582008-05-20T18:11:00.000+05:302008-05-20T18:11:00.000+05:30इतनी बिजी लाईफ होते हुए भी ब्लोगिंग का इतना खूबसूर...इतनी बिजी लाईफ होते हुए भी ब्लोगिंग का इतना खूबसूरत सफर कैसे तै किया आपने, मुझे तो यही सोच कर हैरानी हो रही है,लेकिन फिर सोचती हूँ,कुछ करने का जूनून हो तो शायेद कुछ भी नामुमकिन नही होता..आप अपने इस सफर को ऐसे ही खूबसूरती से जारी रखें और नई नही मंजिलें तलाश करती रहें,खुदा से बस यही दुआ है (आमीन)एक सफर का आगाज़ (शुरुआत) मैंने भी किया है ,देखें कहाँ तक चल पाते हैं...rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82010775231614823212008-05-20T18:03:00.000+05:302008-05-20T18:03:00.000+05:30बेजी जी किसी वजह से आप की पिछ्ली पोस्ट पहले नहीं प...बेजी जी किसी वजह से आप की पिछ्ली पोस्ट पहले नहीं पढ़ पायी थी आज पढ़ी, आप के जयसन और हमारे विनोद मुझे काफ़ी कुछ एक जैसे लगे शायद इस लिए कि दोनों केरल से हैं। आप की हर पोस्ट में कुछ न कुछ ऐसा पाया जो मुझे आश्चर्यचकित कर गया, इस पोस्ट में भी आप के पसंदीदा ब्लोगरस की लिस्ट में अपना नाम देख कर हैरान हूँ। अगर आप की पिछली पोस्ट्स से आप के व्यक्तित्व के बारे में कुछ अंदाजा न होता तो मान लेती कि सिर्फ़ ओपचारिकता निभाने के लिए आप ने उन सब के नाम यहां डाल दिए जो आप की पोस्ट्स पर टिपिया कर गये पर अब आप को जानने के बाद ऐसा नहीं लगता कि सिर्फ़ इस कारण से आप कोई नाम अपनी लिस्ट जोड़ेगी। खैर किसी को हम पंसद आये तो सुखद अनुभूति तो होती ही है और इसके लिए हम शुक्रगुजार हैं पर असली खुशी हमें तब होगी जब हमारी दोस्ती आप से भी ऐसी हो जाए जैसी मिनाक्षी जी से हो गयी है। उस दिन के इंतजार में…………Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-84546030888996765242008-05-20T17:58:00.000+05:302008-05-20T17:58:00.000+05:30अंदाज-ए-बयाँ बहुत पसन्द आयाअंदाज-ए-बयाँ बहुत पसन्द आयाAbhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-35320621250460711782008-05-20T14:42:00.000+05:302008-05-20T14:42:00.000+05:30जयसन जी के बारे में और जानना अच्छा लगा. सशक्त व्यक...जयसन जी के बारे में और जानना अच्छा लगा. सशक्त व्यक्तित्व हैं, आपको बहुत बधाई. जोबि के ब्लौग्स भी देखे. टेक्नोलोजी ब्लॉग काफ़ी इंटरेस्टिंग लगा. लिंक के लिए धन्यवाद. बिटिया बहुत प्यारी है.<BR/><BR/>लिस्ट में अपना भी नाम देखकर थोड़ा आश्चर्य और बहुत हर्ष हुआ.<BR/><BR/>अजित जी को फिर से धन्यवाद. अभी तक के सभी बकलमख़ुद बड़े रोचक रहे हैं. ऐसा कंसेप्ट ही अपने आप में अनूठा है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85989664633100220942008-05-20T14:08:00.000+05:302008-05-20T14:08:00.000+05:30क्या बात है!चलिए खुशी हुई कि हमारा भी नाम शामिल है...क्या बात है!<BR/>चलिए खुशी हुई कि हमारा भी नाम शामिल है।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-54803713566366750192008-05-20T13:07:00.000+05:302008-05-20T13:07:00.000+05:30बकलमखुद पर मेरी टिप्पणियों ने खुशी बाँटी इतना पढ़न...बकलमखुद पर मेरी टिप्पणियों ने खुशी बाँटी <BR/>इतना पढ़ना सब बहुत कुछ पा लेने के समान है.<BR/>=================================<BR/>ऐसे दौर में जब हर शख्स अपनी ही दुनिया में <BR/>मशगूल हो .....खुशी की साझेदारी का<BR/>आपने बक़ायदा नोटिस लिया <BR/>इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है ?<BR/>===================================<BR/>.......पर, अजित जी इस संवाद <BR/>और सहभागी आयोजन के <BR/>आधार और सूत्रधार हैं.<BR/>लिहाज़ा खुशी के ये सारे पल <BR/>हम उनकी नज़र करते हैं.<BR/>==================================<BR/>शुक्रिया आपका डाक्टर साहिबा और <BR/>शुभकामनाएँ आपके और <BR/>परिवार के प्रशस्त पथ के लिए.<BR/>लेकिन अभी तो एक और पड़ाव की <BR/>खुशी जीना बाक़ी है.<BR/>इंतज़ार रहेगा.<BR/><BR/>सफ़र का सुधी साथी<BR/>डा.चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-2425793536686945992008-05-20T12:58:00.000+05:302008-05-20T12:58:00.000+05:30बेजी आपकी पोस्ट मे अपना नाम देख कर खुशी भी हुई और ...बेजी आपकी पोस्ट मे अपना नाम देख कर खुशी भी हुई और आश्चर्य भी हुआ। आपका लिखा हमेशा पढने मे अच्छा लगता है। पहली बार आपके सरल व्यक्तितव के बारे मे दुबई मे हुई आप लोगों की ब्लौगर मीट से पता चला था जिसकी फोटो यहां आपने लगाई है।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31905824975640864192008-05-20T11:57:00.000+05:302008-05-20T11:57:00.000+05:30ये इस ब्लॉग का ही चमत्कार था की १० बरसों बाद बेजी ...ये इस ब्लॉग का ही चमत्कार था की १० बरसों बाद बेजी से मुलाकात एक दिन संयोग वश हुई जब मैं अपनी एक अन्य प्रिय ब्लोगर मित्र पारुल जी के ब्लॉग पर टिपण्णी करने गया ओर वहां कही किसी कोने मे बेजी नाम पढ़ा ....तो कुछ कौंध गया .....एक माउस क्लिक्क ओर .....हू बहू वैसी ही जैसी पहले थी ..... ये तो अपनी बेजी है.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42534628471102812072008-05-20T11:19:00.000+05:302008-05-20T11:19:00.000+05:30मैं आपके पिछले अंक को पढकर पूछने वाला था की आपने अ...मैं आपके पिछले अंक को पढकर पूछने वाला था की आपने अपने सास-ससुर की इतनी तारीफ तो की मगर फोटो नहीं दिखाया.. मगर ना जाने क्या सोचकर नहीं पूछा.. लेकिन लगता है आप मन की भाषा भी पढना जानते हैं.. :)<BR/><BR/>वैसे पता है, मुझे अपना नाम आपकी लिस्ट में देखकर हैरानी हुई, मैं तो सोचता था की आप मुझे नहीं पढती हैं.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36088214803601997122008-05-20T10:44:00.000+05:302008-05-20T10:44:00.000+05:30मैं भी यही लिखूं अगली कड़ी का इंतज़ार है? या और जि...मैं भी यही लिखूं अगली कड़ी का इंतज़ार है? या और जिस-जिसका इंतज़ार है वह भी लिख डालूं? मगर फिर क्या फ़ायदा होगा, आप फिर कुछ कविता ठेलकर आगे बढ़ जायेंगी?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27474835870224527152008-05-20T10:10:00.000+05:302008-05-20T10:10:00.000+05:30"पत्रकार क्यों बने ब्लॉगर" में बेजी जी को "भैन जी"..."पत्रकार क्यों बने ब्लॉगर" में बेजी जी को "भैन जी" बनाया था ..फिर से वो बात याद आ गयी.सारा को लिखा खत भी याद आया...<BR/><BR/>निश्छ्ल प्रस्तुति. शुक्रिया.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37779681826938829032008-05-20T08:33:00.000+05:302008-05-20T08:33:00.000+05:30अरे , देखते ही देखते आकहिरी कड़ी की बारी आ गयी !बह...अरे , देखते ही देखते आकहिरी कड़ी की बारी आ गयी !<BR/>बहुत आनन्द आया ।सुजाताhttps://www.blogger.com/profile/12373406106529122059noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77691351806801444982008-05-20T07:05:00.000+05:302008-05-20T07:05:00.000+05:30बेहतरीन तरीके से अपने भाव व्यक्त किये। हर बार की त...बेहतरीन तरीके से अपने भाव व्यक्त किये। हर बार की तरह इस बार भी अद्बुत के अलावा और कुछ लिखना सूझ नहीं रहा है। अगले अंक का अभी भी इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-68738670671972432472008-05-20T06:27:00.000+05:302008-05-20T06:27:00.000+05:30किसी व्यक्ति का खुद को व्यक्त करने का यह विचार ही ...किसी व्यक्ति का खुद को व्यक्त करने का यह विचार ही खूब सूरत है. बकलमखुद को लगातार पढता रहा हूं. एक बात साफ़ दिखायी दे रही है, जो उल्लेखनीय भी है कि प्रिंट में छपी हुई तमाम लेखकों की आत्मकथाओं की बजाय इधर ये बकलमखुद ज्यादा सहज और स्वाभाविक लग रही हैं. अपने तरह की मासूमियत इनमें ताजगी के रुप में मौजूद है. बेजी की यह आत्मकथा भी उसी मासूमियत और सादगी का नमूना है.विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65092905271524451722008-05-20T05:06:00.000+05:302008-05-20T05:06:00.000+05:30बेजी जी, आप इतना काम करतीँ हैँ तो समय तो कम पडता ह...बेजी जी,<BR/> आप इतना काम करतीँ हैँ तो समय तो कम पडता होगा !<BR/>उसके बावजूद, <BR/>आपने लिखना, पढना <BR/>जारी रखा है और हिन्दी ब्लोग जगत को आबाद किया है ये बहुत बडी बात है -<BR/> बहुत खुशी हुई, <BR/>आपका लिखा पढकर :)<BR/>सारे परिवार को,<BR/> मेरा स्नेह व शुभ कामना -<BR/>स स्नेह,<BR/>-लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5670553623346883482008-05-20T02:30:00.000+05:302008-05-20T02:30:00.000+05:30ये लिजिये बेजी जी, आ गये उड़ते हुए. :)क्या बतायें -...ये लिजिये बेजी जी, आ गये उड़ते हुए. :)<BR/><BR/>क्या बतायें -अंतिम वाक्य देख कर बड़ा दुख हुआ कि अगली कड़ी में समाप्त.<BR/><BR/>आनन्द आ जाता है बह कर पढ़ने में.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63631098717181014762008-05-20T02:09:00.000+05:302008-05-20T02:09:00.000+05:30वाह ! मान गए बेजी जी आपको ! इतने नाम याद कैसे रखे ...वाह ! मान गए बेजी जी आपको ! इतने नाम याद कैसे रखे ? लगभग ७१ नाम हैं। काश हम छूट जाते तो कुछ विशेष तो महसूस करते ! खैर यह तो था मजाक। बैजी, आपको पढ़ना बहुत अच्छा लगा और जैसी कल्पना आपकी की थी बिल्कुल वैसी ही इन लेखों में मिलीं। सदा ऐसी ही बनी रहना, भावुक, स्नेहिल, उत्साही व सबकी मददगार और भी न जाने कितनी सारी खूबियाँ हैं आपमें, उन्हें ऐसे ही स्वयं में समेटे रहना।<BR/>सस्नेह,<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com