tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post4799849551894694906..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: मुफ्ती के फ़तवे…[संत-11]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-45753154486074910202009-03-15T09:08:00.000+05:302009-03-15T09:08:00.000+05:30जिस पन्थ की नींव ही बहु ईश्वरवाद,पण्डे पुरोहितवाद ...जिस पन्थ की नींव ही बहु ईश्वरवाद,पण्डे पुरोहितवाद और आडम्बरवाद के चंगुल से धर्म को मुक्त कर धर्म के उद्दात स्वरुप में इसके सरलीकरण के लिए हुआ...वही आज कट्टरता का पर्याय बनकर रह गया है...फतवा अब सलाह और सुझाव नहीं बल्कि एक धमकी भर रह गया है.<BR/><BR/>इस्लाम में मुझे जो सबसे अच्छी बात लगती है वह यह कि इसमें समूह को संगठित करने और रखने की अद्भुद क्षमता है....इस क्षमता का प्रयोग यदि सकात्मक रचनात्मक दिशा में किया जाय तो क्या से क्या हो सकता है....<BR/>पर लोग यह विस्मृत कर जाते हैं कि संकीर्णता पंथ को छोटा करती है,जहाँ से आहात हो टूटकर यह शाख निकली थी,इसे सकारात्मक उर्जा और पोषण न मिला तो यह शाख मुरझाकर नष्ट भी हो सकती है...<BR/><BR/>कहना न होगा.....अद्भुद विवेचना की है आपने....बहुत बहुत सुन्दर....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-33456425815942051782009-03-14T21:48:00.000+05:302009-03-14T21:48:00.000+05:30फतवियत चाहे जो हो - सलाह या फाइयाट (fiat)। बड़ी वाह...फतवियत चाहे जो हो - सलाह या फाइयाट (fiat)। बड़ी वाहियात लगती है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31817978445334382932009-03-14T19:43:00.000+05:302009-03-14T19:43:00.000+05:30यानि एक अच्छे भले शब्द को डरावना बना दिया धर्म के ...यानि एक अच्छे भले शब्द को डरावना बना दिया धर्म के ठेकेदारों ने.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29788214505670353072009-03-14T12:59:00.000+05:302009-03-14T12:59:00.000+05:30्फतवा तो सलाह ही है जो नहीं सुनी गई तो छडी से समझा...्फतवा तो सलाह ही है जो नहीं सुनी गई तो छडी से समझाई जाती है:) शायद इस लिए कि उसका रिश्ता फतह से भी हो!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57796387675402404872009-03-14T11:24:00.000+05:302009-03-14T11:24:00.000+05:30मैं तो मुफ्तखोर को मुफ्ती समझता था ,जैसे मुफ्ती मो...मैं तो मुफ्तखोर को मुफ्ती समझता था ,जैसे मुफ्ती मोहम्मद सईदdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55757628643654090682009-03-14T09:29:00.000+05:302009-03-14T09:29:00.000+05:30इतनी सारी जानकारी मिली. मुफ्ती, फतवा, हदीस और किया...इतनी सारी जानकारी मिली. मुफ्ती, फतवा, हदीस और कियास के बारे में मिली जानकारी बहुत उपयोगी है. ऐसी जानकारियाँ तमाम तरह के पूर्वग्रह दूर करने में सहायक होंगी.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16908936932664837062009-03-14T09:11:00.000+05:302009-03-14T09:11:00.000+05:30अच्छी जानकारी। फतवा आज कल राजनीति और आत्मप्रचार का...अच्छी जानकारी। फतवा आज कल राजनीति और आत्मप्रचार का शिकार हो चला है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19694675269624408042009-03-14T08:42:00.000+05:302009-03-14T08:42:00.000+05:30बहुत...बहुत उपयोगीसार्थक जानकारी.मुफ्ती और फ़तवा क...बहुत...बहुत उपयोगी<BR/>सार्थक जानकारी.<BR/>मुफ्ती और फ़तवा का <BR/>ये रिश्ता और कियास यानी क़यास <BR/>के संदर्भित अर्थ की चर्चा आपकी इस <BR/>पोस्ट की अनुपम विशेषता है......खैर <BR/>आप तो हर दिन हमें क़यास का मौका <BR/>देते हैं जिससे निरंतर भीतर के अँधेरे कोने<BR/>जगमगा उठते हैं...सच मैं रोमांचित हूँ पढ़कर<BR/>और नत मस्तक भी आपके योगदान के प्रति.<BR/>आज के दौर में ऐसी साफ-सुथरी सधी हुई, समर्पित,<BR/>समावेशी व सहभागी शब्द / ज्ञान आराधना दुर्लभ है.<BR/>=======================================<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23285765962317401752009-03-14T07:15:00.000+05:302009-03-14T07:15:00.000+05:30अच्छी जानकारी। फ़तवा का मतलब सलाह देना होता है और आ...अच्छी जानकारी। फ़तवा का मतलब सलाह देना होता है और आजकल वो इस रूप में हो गया कि डराता ही है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48558447996872470152009-03-14T06:24:00.000+05:302009-03-14T06:24:00.000+05:30अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं शोधपरक। किन्तु सावधानी रखें।...अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं शोधपरक। किन्तु सावधानी रखें। आशा है आगे भी जारी रहेगा यह विश्लेषण।सुमन्त मिश्र ‘कात्यायन’https://www.blogger.com/profile/14324507646856271888noreply@blogger.com