tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post487868220605084367..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: अमृत-छकना, चना-चबैना [चटकारा-3]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-86102717922234337802010-08-30T16:26:01.749+05:302010-08-30T16:26:01.749+05:30ब्यालू शब्द अच्छा लगा।
यह बिना स्नान के कलेवे की ब...ब्यालू शब्द अच्छा लगा।<br />यह बिना स्नान के कलेवे की बात समझ नहीं आई। आज तो लोग बिन स्नान पूरा दिन भी बिता देते हैं किन्तु पहले के समय में मैंने ऐसा कम ही देखा है। बिना स्नान बहुत घरों में कलेवा तो दूर रसोई में भी नहीं जाया जाता था।ghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80016962919602377992010-01-17T08:56:04.643+05:302010-01-17T08:56:04.643+05:30रेडियो प्रसारण के लिये लिखी गयी यह श्रंखला मोहक है...रेडियो प्रसारण के लिये लिखी गयी यह श्रंखला मोहक है । <br />आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-807035203399609102010-01-09T18:58:53.327+05:302010-01-09T18:58:53.327+05:30कलेवा न्याहारी चबैना आदि शब्द तो पता थे पर ब्यालू ...कलेवा न्याहारी चबैना आदि शब्द तो पता थे पर ब्यालू पहली बार सुना । चक दे का मतलब जान कर वास्तव मे फिल्म का नाम ये क्यूं रखा ऐसा लग रहा है ...........Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3070237523005266412010-01-09T18:32:53.367+05:302010-01-09T18:32:53.367+05:30ब्यालू ... पहली बार शब्द सुना और उसका अर्थ भी जाना...ब्यालू ... पहली बार शब्द सुना और उसका अर्थ भी जानाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32038230474520044502010-01-08T21:40:32.595+05:302010-01-08T21:40:32.595+05:30चलिए हम भी ब्यालू लेकर सोने चले .....शुभरात्रि .....चलिए हम भी ब्यालू लेकर सोने चले .....शुभरात्रि .......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-32670549513195906372010-01-08T19:56:12.327+05:302010-01-08T19:56:12.327+05:30shbdo ke sfar ki yh vishesh yatra bahut achhi lgi ...shbdo ke sfar ki yh vishesh yatra bahut achhi lgi <br />kyoki isme khane ki bate hai .<br />dhnywadशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89150535009386526682010-01-08T13:00:46.028+05:302010-01-08T13:00:46.028+05:30@बलजीत बासी
"चक दे" के बारे में विस्तार ...@बलजीत बासी<br />"चक दे" के बारे में विस्तार से जानकारी देने का शुक्रिया बलजीतभाई।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-66072208272319131262010-01-08T12:50:31.583+05:302010-01-08T12:50:31.583+05:30बहुत बडिया। धन्यवाद्बहुत बडिया। धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-83980346469084290652010-01-08T09:11:37.984+05:302010-01-08T09:11:37.984+05:30हमने तो बचपन से देखा कि सुबह ग्यारह से बारह के बीच...हमने तो बचपन से देखा कि सुबह ग्यारह से बारह के बीच ठाकुर जी को भोग लगता था। तब कलेवे का नंबर आता था। वही दोपहर का भोजन भी होता था। शाम तारे दिखने के पहले ब्यालू हुई और फिर राम राम!<br />दूल्हे को फेरे की दूसरी सुबह ससुराल वाले भोजन पर बुलाते हैं उसे कहते हैं कुँवर कलेवा जो हमने तो किया ही बहुत दोस्तों के साथ भी किया। पर अब यह गायब होता जा रहा है। सुबह होने के पहले तो बारात खिसक लेती है, या यूँ कहें खिसका दी जाती है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-61602403426663242212010-01-08T08:14:22.011+05:302010-01-08T08:14:22.011+05:30बढियां रहा यह भी.बढियां रहा यह भी.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90012477421589844372010-01-08T07:35:01.418+05:302010-01-08T07:35:01.418+05:30पंजाबी में 'चक' शब्द का मुख्य अर्थ 'उठ...पंजाबी में 'चक' शब्द का मुख्य अर्थ 'उठाना' है, बहुत सीमित स्थितयों में खाने का अर्थ भी है. जैसे जब किसी मेहमान को खाना परोसा जाए तो कह देते हैं, "चक्कों जी" लेकिन यह आम शब्द नहीं है. छकना ज्यादातर औपचारक स्थितयों में तो इस्तेमाल होता ही है, आम तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हाँ, जब महिफल में शराब का दौर चलता है तो गलास उठाने खास तौर पर एका एक पीने को "चक्कों जी" कह देते हैं. ऐसी हालत में यह अंग्रजी उक्ति बौट्म्ज अप (bottoms up) का समानार्थी है. पंजाबी में 'चकना' और 'चुकना' शब्द अंतर्बदल हैं.<br /><br />पंजाबी उक्ति 'चक दे' के नाम पर बनी फिल्म 'चक दे इंडिया' के बारे में दिलचस्प बात यह है कि 'चक देना ' मुहावरे का व्यापक अर्थ ख़तम कर देना, मार मुकाना ही होता है. ऐसे में जिस किसी ने भी इस फिल्म का यह नाम रखा और आगे गाना भी लिख मारा उसकी समझ पर तरस ही आता है. 'चक दे फ़ट्टे' मुहावरे का अर्थ होता है फुर्ती से कम ख़तम कर दो.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-5676171745685367032010-01-08T06:42:20.971+05:302010-01-08T06:42:20.971+05:30बढ़िया चल रही है यह श्रृंखला भी.बढ़िया चल रही है यह श्रृंखला भी.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com