tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post5033486575248843218..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: उस लड़की ने मजनूं की नाक तोड़ दी....[बकलमखुद- 16]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-15828111518316817972008-04-13T05:53:00.000+05:302008-04-13T05:53:00.000+05:30योगा लिखने के लिए क्षमा. इसे योग ही पढ़ें.योगा लिखने के लिए क्षमा. इसे योग ही पढ़ें.Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-6989936805082331022008-04-13T05:52:00.000+05:302008-04-13T05:52:00.000+05:30चलिए अच्छा हुआ कि योगा के जरिए गुस्सा तो शांत कर...चलिए अच्छा हुआ कि योगा के जरिए गुस्सा तो शांत कर लिया जी.Sanjay Karerehttps://www.blogger.com/profile/06768651360493259810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13478648233358733292008-04-12T08:07:00.000+05:302008-04-12T08:07:00.000+05:30लाजवाब। किसी स्वादिष्ट व्यंजन से भी ज्यादा, स्वादि...लाजवाब। किसी स्वादिष्ट व्यंजन से भी ज्यादा, स्वादिष्ट। अजीतजी ने अनूठा प्रयोग किया है। और, मीनाक्षीजी ने क्या सही शब्दों का सफर तय किया है। उनके बारे में मेल के लिए जरिए या टिप्पणियों के जरिए अब तक जो समझ बनी उसमें कई गुना चक्रवृद्धि ब्याज जुड़ गया। आगे और विविधता की उम्मीद है।Batangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-81194891206265854462008-04-12T01:27:00.000+05:302008-04-12T01:27:00.000+05:30अनूप जी, जोशिम जी , पारुल और कंचन शब्दों के इस सफर...अनूप जी, जोशिम जी , पारुल और कंचन शब्दों के इस सफर में हमारे पड़ाव में आने का शुक्रिया... कंचन, कोशिश होगी कि जवाब दे सकूँ .मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48518247187219116602008-04-11T11:33:00.000+05:302008-04-11T11:33:00.000+05:30arre waah minu di kab aa gai.n hame pata bhi nahi ...arre waah minu di kab aa gai.n hame pata bhi nahi chala...ham bahut kuchh janana chahate hai di aapke vishay me.nकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23735486203004347882008-04-11T07:34:00.000+05:302008-04-11T07:34:00.000+05:30बहुत खूब। मजा आ रहा है। आगे का इंतजार है।बहुत खूब। मजा आ रहा है। आगे का इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23881668689707684252008-04-11T01:04:00.000+05:302008-04-11T01:04:00.000+05:30गुस्से वाली बात का इतिहास भी है - उंह... हूँ ... ...गुस्से वाली बात का इतिहास भी है - उंह... हूँ ... हाँ [ :-)]Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82791428906209053682008-04-10T22:37:00.000+05:302008-04-10T22:37:00.000+05:30मीनू दी आप तो हमारी सबसे अच्छी वाली दीदी hai. aaps...मीनू दी आप तो हमारी सबसे अच्छी वाली दीदी hai. aapsey jo sneh mila hai vo shabdon me likha nahi jaa saktaa..agli kadi kaa besabri se intzaar rahegaa di .पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-52088236011239512172008-04-10T22:14:00.000+05:302008-04-10T22:14:00.000+05:30पहले कुछ झिझके, कुछ डरे, फिर शब्दों के सफ़र में आगे...पहले कुछ झिझके, कुछ डरे, फिर शब्दों के सफ़र में आगे बढ़ चले...सभी राही अपने से ही लगते हैं. <BR/>@ज्ञानजी,काकेशजी यकीन मानिए अब उतने खतरनाक बिल्कुल नहीं हैं. <BR/>@दिनेशजी,चक दे इंडिया फिल्म अब देखनी पड़ॆगी. <BR/>@बेजी, गुस्सा कभी था..अब नहीं..सफ़ेद और काले का... मीठे और नमकीन का combination भी खूब होता है.<BR/>@डॉ.जैन, प्रेम से सत्य और सत्य से प्रेम तक की यात्रा के लिए आपकी मंगलकामना अनमोल है. <BR/>@अर्बुदा, शुक्रिया..तुम जानती हो कि हम गुस्से से कोसों दूर हैं अब..<BR/>@संजीतजी, गुस्सा दूध के उफान की तरह होता है. जल्दी उतर<BR/> भी जाता है.<BR/>@प्रमोद्जी, सच कहें तो लगता कुछ ऐसा ही है..कहीं आप तो नहीं.....:)<BR/><BR/>@नीलिमा, क्या आप भी मुम्बई में थी उन दिनों? <BR/>@अरुणजी, पुरानी बातों को भुलाने में ही भला है. <BR/>स्वप्नदर्शीजी,नीरजजी और सिद्धेश्वरजी इस सफ़र में आपको अपने साथ देखकर अच्छा लगा. <BR/>स्नेह सहित आभारमीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47711717097806503502008-04-10T21:57:00.000+05:302008-04-10T21:57:00.000+05:30क्या बात है .अजित दद्दा के मार्फ़त नए-नए सूरमाओं से...क्या बात है .अजित दद्दा के मार्फ़त नए-नए सूरमाओं से परिचय हो रहा है.<BR/>बहुत खूब!siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-44849806372540812082008-04-10T18:35:00.000+05:302008-04-10T18:35:00.000+05:30मिलाड नोट किया जाये प्रमोद जी की मूछ मे तिनका है ज...मिलाड नोट किया जाये प्रमोद जी की मूछ मे तिनका है जिसको छिपाने के लिये इन्होने लंबी लंबी मूछे उगा ली है,ये नाक इन्ही की थी, पुराने जमाने मे जब लोग दाढी रखते थे,तब कहा जाता था चोर की दाढी मे तिनका,अब तिनका मूछ मे होता है..:)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-29680379346563950622008-04-10T14:57:00.000+05:302008-04-10T14:57:00.000+05:30अजीतजी, बाकलम खुद बहुत अच्छा प्रयोग रहा। पढ़ने में...अजीतजी, बाकलम खुद बहुत अच्छा प्रयोग रहा। पढ़ने में मजा आ रहहा है। मीनाक्षी जी बहुत खूबसूरत लग रहा है आपके बारे में पढ़ना। जब आप मुम्बई आईं थीं तो आशीष ने आपके बारे में कुछ जानकारी दी थी, लेकिन ये तो बड़ा ही मजेदार काम्बिनेशन है कराटे और योग।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-88441088811070320952008-04-10T13:12:00.000+05:302008-04-10T13:12:00.000+05:30प्रमोदजी , वैसे भी इतनी पुरानी बातों को कोई सीरियस...प्रमोदजी , वैसे भी इतनी पुरानी बातों को कोई सीरियसली नहीं लेता। विमलजी लिख चुके हैं कि आप लोग देशभर में घूमघूम कर नाटक कर रहे थे :)अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-39581085727289903402008-04-10T12:58:00.000+05:302008-04-10T12:58:00.000+05:30प्लीज़, इस बात को सीरियसली नोट किया जाये कि नाक त...प्लीज़, इस बात को सीरियसली नोट किया जाये कि नाक तुड़वानेवाला वह लड़का मैं नहीं था.. मेरे चाचा भी नहीं थे.. विमल की पहचान का भी कोई नहीं था?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-82923741639688197642008-04-10T12:27:00.000+05:302008-04-10T12:27:00.000+05:30राम राम, इत्ती खतरनाक हो आप , लोचा है ये तो भई!!उम...राम राम, इत्ती खतरनाक हो आप , लोचा है ये तो भई!!<BR/><BR/>उम्मीद की जाए कि योगा के दौर ने आपके नाक पे बैठे गुस्से हो आराम करवा दिया होगा!!<BR/><BR/>आपके त्रिपदम पढ़कर वाकई आपके गुस्से का अनुमान नही किया जा सकता!!<BR/>वरूण और विद्युत, भाई तुम दोनो कैसे बचते हो इनके गुस्से से!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-31209430937783620022008-04-10T11:15:00.000+05:302008-04-10T11:15:00.000+05:30मीनाक्षी को मैं बहुत करीब से जानती हूँ, एक बहुआयाम...मीनाक्षी को मैं बहुत करीब से जानती हूँ, एक बहुआयामी प्रतिभा(versatile personality) होने के साथ साथ वह एक अच्छी दोस्त भी है। और भी बहुत सी खूबियाँ हैं उसमें। मुझे खुशी हो रही है कि और बहुत से लोगों को शब्दों के सफर के माध्यम से उसके बारे में जानने का अवसर मिल रहा है।arbudahttps://www.blogger.com/profile/17056310326068841113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-85513096755196293262008-04-10T10:16:00.000+05:302008-04-10T10:16:00.000+05:30भोलेपन की बात पर भोलेपन में एक त्रुटि रह गई !देखि...भोलेपन की बात पर <BR/>भोलेपन में एक त्रुटि रह गई !<BR/>देखिए न ---- लिख गया <BR/>भोलेपन याद ! ....इसे <BR/>भोलेपन की याद ! पढ़िएगा .<BR/>धन्यवाद.Dr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-21795565107180140932008-04-10T10:08:00.000+05:302008-04-10T10:08:00.000+05:30बचपन की मस्ती में मिश्री जब गीता की घुली हुई है !न...बचपन की मस्ती में मिश्री <BR/>जब गीता की घुली हुई है !<BR/>नयनों के उज्ज्वल गवाक्ष से <BR/>शुभ्र चाँदनी मिली हुई है !!<BR/>गौ-धन और धन-धान्य से <BR/>भोलेपन यादें जुड़ी हुईं हैं !<BR/>जिसमें पल-पल धरा-गगन की <BR/>गरिमा-महिमा पढ़ी हुई है !!<BR/>वह बचपन हिन्दी का यौवन <BR/>बनकर वीणा बजा रहा है !<BR/>अपनी भाषा ,अपनी माटी का<BR/>नित गौरव बढ़ा रहा है !!<BR/><BR/>प्रेम से सत्य और <BR/>सत्य से प्रेम तक की यात्रा को<BR/>मंगल-कामनाएँ.<BR/>डा. चंद्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53448438071881284872008-04-10T10:06:00.000+05:302008-04-10T10:06:00.000+05:30bahut achchhaa laga meenaaxi ji ke baare me jaanka...bahut achchhaa laga meenaaxi ji ke baare me jaankarस्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-48469658490837960072008-04-10T10:01:00.000+05:302008-04-10T10:01:00.000+05:30मीनाक्षीदी आपकी पुरानी तस्वीरें देखकर बहुत अच्छा ल...मीनाक्षीदी आपकी पुरानी तस्वीरें देखकर बहुत अच्छा लगा....बस यह गुस्से वाली छवि ज़रा मुश्किल हो रही है समझने में....जूड़ो कराटे और योग...deadly combination!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16964389992273176028noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20265741619789503182008-04-10T08:53:00.000+05:302008-04-10T08:53:00.000+05:30मीनाक्षी जी का बकलम खुद-1 पढ़ कर चक दे इंडिया की ल...मीनाक्षी जी का बकलम खुद-1 पढ़ कर चक दे इंडिया की लड़कियाँ याद आ गईँ।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-65315830856177094892008-04-10T07:47:00.000+05:302008-04-10T07:47:00.000+05:30आपके त्रिपदम देख कर तो नहीं लगता कि आप इतनी खतरनाक...आपके त्रिपदम देख कर तो नहीं लगता कि आप इतनी खतरनाक हैं...अब बच कर रहना पड़ेगा आपसे :-) विजय जी को भी बोलें कि अपना हिन्दी ब्लॉग शुरु करें.काकेशhttps://www.blogger.com/profile/12211852020131151179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17594492953522771452008-04-10T06:25:00.000+05:302008-04-10T06:25:00.000+05:30आव देखा न ताव लड़के के नाक पर हाथ पड़ा तो लगा कि उसक...<B>आव देखा न ताव लड़के के नाक पर हाथ पड़ा तो लगा कि उसका नाक ही टूट गया. </B><BR/>-------------------<BR/><BR/>खतरनाक! :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20862094465318178452008-04-10T06:15:00.000+05:302008-04-10T06:15:00.000+05:30अजितजी,बकलमखुद एक अनूठा प्रयोग है । ब्लागजगत के सा...अजितजी,<BR/>बकलमखुद एक अनूठा प्रयोग है । ब्लागजगत के साथियों के बारे में जानकर उनके चिट्ठों पर लिखे जाने वाले कंटेन्ट और उनके स्वयं के व्यक्तित्व में साम्य भी देखा जा सकता है ।<BR/><BR/>मीनाक्षीजी के बारें में पढकर बहुत अच्छा लगा, अगली कडी का बेसब्री से इन्तजार रहेगा ।<BR/><BR/><BR/>काकेशजी की जानकारी पढकर मैने अपने बंगाली मित्र से पूछकर कि तुम्हारा बीए कब हो रहा है चौंका दिया :-)Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.com