tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post5240756978048433067..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: करामातियों की करामातें…[संत-5]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42127212041647532392009-02-10T23:08:00.000+05:302009-02-10T23:08:00.000+05:30बडनेरकर जी, भली कही ! इधर दैविक चमत्कारों की लालसा...बडनेरकर जी, <BR/><BR/>भली कही ! <BR/><BR/>इधर दैविक चमत्कारों की लालसा में सदाचार का स्थान बाजीगरी ने ले लिया है | अगर मुड कर इस सफ़र के पदचिन्ह देखे तो आपके कथित (असली) 'करामाती व्यक्तित्व' विलुप्त ही मिलेंगे डायानासौर की तरह ! आपकी यह बात अधिक मौजूं लगती है कि प्रेम के दो वचन, सौजन्यतापूर्ण व्यवहार, दयालुता का बर्ताव सामान्य लोगों पर जादुई असर करते हैं। यही असली करामाती मंत्र है | <BR/><BR/>आपकी यह बात सौलह आने सच है कि सदाचार का उपदेश आसान है पर सदाचार के रास्ते पर चल पड़ना सचमुच चमत्कार से कम नहीं है।<BR/><BR/>यद्यपि बंगाल के बाउल लोग करामाती तो नहीं परन्तु सूफी फक्कड़पन के समीप होने से भाते हैं | बाउल शब्द उत्पत्ति पर कभी कुछ ज्ञानवर्धन कीजियेगा | <BR/><BR/>बिगत सप्ताह भर का खजाना आज ही बांचा | संत सिक्के और ससुराल से भरपूर सप्ताह आपने खूब संवारा !! <BR/><BR/>नमन !RDShttps://www.blogger.com/profile/14134695386879343906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89883728343036187882009-02-10T21:32:00.000+05:302009-02-10T21:32:00.000+05:30चमत्कार तो होते हैं। आस्था उनका उद्गम है।चमत्कार तो होते हैं। आस्था उनका उद्गम है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-77239276426847839282009-02-10T19:45:00.000+05:302009-02-10T19:45:00.000+05:30बचपन में एक किशोर उपन्यास पढ़ा था 'कैदी की करामात'...बचपन में एक किशोर उपन्यास पढ़ा था 'कैदी की करामात' और 'कुदरत की करामात' तो सुनते ही रहते हैं. पर इतना कहाँ जानते थे !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27903670580381700832009-02-10T19:42:00.000+05:302009-02-10T19:42:00.000+05:30आपने मेरी एक त्रुटि सुधार दी। मैं 'करामात' को एक व...आपने मेरी एक त्रुटि सुधार दी। मैं 'करामात' को एक वचन के रूप में प्रयुक्त करता रहा हूं। आज आपने ज्ञान दिया कि इसका एक वचन तो 'करामत' है।<BR/>धन्यवाद।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69357578001195900732009-02-10T17:10:00.000+05:302009-02-10T17:10:00.000+05:30करामात का मूल अर्थ था इन्द्रियों पर विजय पाना था.....करामात का मूल अर्थ था इन्द्रियों पर विजय पाना था.. ये तो नई ख़बर है अपुन के लिए...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42257917741737666012009-02-10T16:36:00.000+05:302009-02-10T16:36:00.000+05:30करामात का मतलब ये होता है ये तो सपने मे भी नही स...करामात का मतलब ये होता है ये तो सपने मे भी नही सोचा ।<BR/><BR/>वरना कई बार तो मजाक उड़ाने के लहजे मे भी करामती शब्द का उपयोग होते सुना है ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91120346600418746852009-02-10T16:23:00.000+05:302009-02-10T16:23:00.000+05:30करामत के ऊपर आपका करामाती लेख वाकई करामात कर गया.....करामत के ऊपर आपका करामाती लेख वाकई करामात कर गया...............<BR/>दुबई के भी एक जगह है जो करामा के नम से जानी जाती हैदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90080760048025572472009-02-10T13:13:00.000+05:302009-02-10T13:13:00.000+05:30apne shabdon ke safar me hame safar karvaane ke li...apne shabdon ke safar me hame safar karvaane ke liye bahut bahut dhanyvaad bahut bdiyaa jaankari haiनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-73475143825773129512009-02-10T09:34:00.000+05:302009-02-10T09:34:00.000+05:30अरे साहब ! करामात का ऐसा अर्थ तो हम आज ही जान पाये...अरे साहब ! करामात का <BR/>ऐसा अर्थ तो हम आज ही जान पाये.<BR/>==============================<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-62009670103978549262009-02-10T09:23:00.000+05:302009-02-10T09:23:00.000+05:30आज कल एक बार फिर से संस्कृति के चार अध्याय पढ़ रहा ...आज कल एक बार फिर से संस्कृति के चार अध्याय पढ़ रहा हूँ और उसे पढने के बाद आपके आजकल के पोस्ट पढने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा है.. आपके लेख पढ़कर ऐसा लगता है जैसे जो बातें दिनकर जी लिखना भूल गए थे उन्हें आप लिख दे रहे हैं.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-9340337477659610142009-02-10T09:17:00.000+05:302009-02-10T09:17:00.000+05:30बहुत सुंदर जानकारी से ओतप्रोत आलेख.रामराम.बहुत सुंदर जानकारी से ओतप्रोत आलेख.<BR/><BR/>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-63886470308559330802009-02-10T08:36:00.000+05:302009-02-10T08:36:00.000+05:30अच्छा आलेख। शब्दों का यह सफर अब सामाजिक वैज्ञानिक ...अच्छा आलेख। शब्दों का यह सफर अब सामाजिक वैज्ञानिक सवाल भी छोड़ने लगा है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com