tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6249016715039829022..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: झीनी झीनी बीनी चदरिया ....अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13465479400115460572008-06-27T23:00:00.000+05:302008-06-27T23:00:00.000+05:30चादर से छतरी आलेख और उस पर आई टिप्पणियों को पढ़कर आ...चादर से छतरी आलेख और उस पर आई टिप्पणियों को पढ़कर आनन्द आ गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-56033270853800844102008-06-27T20:23:00.000+05:302008-06-27T20:23:00.000+05:30ये भी अच्छी रही !छतरी से चादर की सगाई- लावण्याये भी अच्छी रही !<BR/>छतरी से चादर की सगाई-<BR/> लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70408105259907421222008-06-27T15:47:00.000+05:302008-06-27T15:47:00.000+05:30शुक्रिया!शुक्रिया!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46411836594561905542008-06-27T15:34:00.000+05:302008-06-27T15:34:00.000+05:30सफर में चादर से लिहाफ लिहाफ तक सभी की जरुरत तो होत...सफर में चादर से लिहाफ लिहाफ तक सभी की जरुरत तो होती ही है... सफर चलता रहे. हम चादर बिछये साथ हैं.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-47813133997272961642008-06-27T13:32:00.000+05:302008-06-27T13:32:00.000+05:30मैं जिसे ओढ़ता, बिछाता हूंवो ग़ज़ल आपको सुनाता हूं...मैं जिसे ओढ़ता, बिछाता हूं<BR/>वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूं<BR/><BR/>sach maniye is sher ko padhkar kheencha chala aaya ki ajit ji ke pale me ye sher......aaj ki class bhi khoob rahi....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8770340778776302752008-06-27T12:29:00.000+05:302008-06-27T12:29:00.000+05:30@अरुण-बहुत सही मित्र। चादर में आदर छुपा है । @संजय...@अरुण-<BR/>बहुत सही मित्र। चादर में आदर छुपा है । <BR/>@संजय शर्मा-<BR/>शुक्रिया संजय भाई। चादर के लिए चांदनी शब्द भी प्रयोग किया जाता है खासतौर पर बड़े आयोजनों या उत्सवों के दौरान। इसे चादरे-महताब भी कहा जाता है। मतलब वही हुआ चांदनी।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91290038826664801242008-06-27T11:57:00.000+05:302008-06-27T11:57:00.000+05:30मेरी "चाँदनी" को भी शामिल कीजिये .चादर और छत्र या ...मेरी "चाँदनी" को भी शामिल कीजिये .<BR/>चादर और छत्र या छतरी का करीबी रिश्ते को पुख्ता करती है "चाँदनी" .ये रंग बिरंगे कपडो से बना किनारे झालरनुमा या फ़िर किसी एक चटकीला रंग के कपडे पर कंट्रास्ट कशीदाकारी भी होता है , मख मल , सिल्क,या फ़िर सूती कपड़े से आकर्षक बना . शादी के मण्डप के छत के नीचे लगा होता है . यह मण्डप का सम्मान बढाता<BR/>है . कई बार घास -फूस ,बास-बल्ली के मण्डप के आभाव में शादी या यज्ञोपवित संस्कार में ये कपडे का मण्डप यानी "चाँदनी" टांगा जाता है . यह शामियाना का छोटा भाई होते हुए भी अपना विशिष्ट स्थान बनाए हुए है .आप इसे शामियाना के बाहर और अन्दर भी सजे हुए देख सकते है . <BR/>बहुत से मन्दिर में देवी-देवता के मूर्ति के ऊपर और छत से नीचे शोभायमान सुंदर सा कपडा को हम बिहारी "चाँदनी " ही कहते है .<BR/>अरुण जी से प्रचंड सहमति है , चादर का अर्थ सम्मान देना .संजय शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06139162130626806160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8664556311550734272008-06-27T09:49:00.000+05:302008-06-27T09:49:00.000+05:30चादर तो मुझे कुछ यू लगता है "च:आदर= चादर" च यानी "...चादर तो मुझे कुछ यू लगता है "च:आदर= चादर" च यानी "और आदर" यानी सम्मान का द्योतक शब्द है ये किसी को चादर उढाना, चादर ढक देना ( जिंदे से लेकर मरे तक पर हम चादर उढाकर उसके प्रति अपना सम्मान ही प्रदर्शित करते है)किसी भी उस वस्तू को जो किसी को ढाकने का कार्य करती हो चादर ही कहते है वो चाहे लोहे की हो कपडे की या एस्बेस्टास की :)Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-17360203153029856292008-06-27T09:11:00.000+05:302008-06-27T09:11:00.000+05:30हमेशा की तरह लाजवाब पोस्ट.. आपका बहुत बहुत आभारहमेशा की तरह लाजवाब पोस्ट.. आपका बहुत बहुत आभारकुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27099290240591234542008-06-27T08:16:00.000+05:302008-06-27T08:16:00.000+05:30इस पड़ाव पर दुष्यंत कुमार का ही एक और शे'र काबिले ज़...इस पड़ाव पर <BR/>दुष्यंत कुमार का ही एक और शे'र <BR/>काबिले ज़िक्र लग रहा है.....<BR/><BR/>कहीं पे धूप की चादर बिछा के बैठ गए<BR/>कहीं पे शाम सिरहाने लगा के बैठ गए <BR/>============================<BR/>आभार<BR/>डा.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-53562612255353976262008-06-27T07:14:00.000+05:302008-06-27T07:14:00.000+05:30हिन्दी में चीर शब्द कपड़े के लिए प्रयोग होता है. च...हिन्दी में चीर शब्द कपड़े के लिए प्रयोग होता है. चादर का कुछ सम्बन्ध इससे भी हो सकता है क्या?<BR/><BR/><I>कहावत है कि चाहरदीवारी को ही घर नहीं कहते । सही है क्यों कि अगर चाहरदीवारी पर छत नहीं होगी तो आश्रय अधूरा माना जाएगा और घर यानी सम्पूर्ण आश्रय.</I><BR/>हमारा ख्याल था कि इसमें हाउस और होम जैसी कोई बात होगी. होम जो उसमें रहने वालों से बनता है.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-67084683022562392812008-06-27T07:00:00.000+05:302008-06-27T07:00:00.000+05:30कहीं चादर, कहीं चदरिया और कहीं चद्दर! दीवारें खड़ी...कहीं चादर, कहीं चदरिया और कहीं चद्दर! दीवारें खड़ी कर उन पर टीन या अब एसबेस्टॉस की छत के लिए जो टुकड़े काम लिए जाते हैं उन्हें भी चादर ही कहते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-16617286520949583032008-06-27T06:33:00.000+05:302008-06-27T06:33:00.000+05:30चादर और छतरी में इतना जजदीकी याराना है ये पता ही न...चादर और छतरी में इतना जजदीकी याराना है ये पता ही न था।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80128898632463292592008-06-27T05:12:00.000+05:302008-06-27T05:12:00.000+05:30चादर गरीब का छत्र है! उसमें छेद भी हो सकते हैं। पत...चादर गरीब का छत्र है! उसमें छेद भी हो सकते हैं। पता नहीं छेद छत्र से बना या नहीं। :)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-24382445237688878582008-06-27T03:48:00.000+05:302008-06-27T03:48:00.000+05:30I could give my own opinion with your topic that i...I could give my own opinion with your topic that is not boring for me.Anonymousnoreply@blogger.com