tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6280735422694000217..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: पल्लवी ने चलाया तांगा !! [बकलमखुद-76]अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-27966533951257716332012-04-05T19:57:40.457+05:302012-04-05T19:57:40.457+05:30महोदय नमस्कार इस ब्लॉग के रूप में आप का प्रयास सरा...महोदय नमस्कार इस ब्लॉग के रूप में आप का प्रयास सराहनीय है मुझे आपके इस ब्लॉग का अध्ययन करके अत्यंत प्रसन्नता हुई रब से दोआ है कि आप इसी प्रकार हिंदी की सेवा करते रहें /Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11375014112816902718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-25480409791147295462008-11-26T15:29:00.000+05:302008-11-26T15:29:00.000+05:30hellohelloamihttps://www.blogger.com/profile/02593837223108543099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-23056427738442707672008-11-20T14:19:00.000+05:302008-11-20T14:19:00.000+05:30वाह जी..! आप तो सर्वगुण सम्पन्न हो गईं..स्तरियोचित...वाह जी..! आप तो सर्वगुण सम्पन्न हो गईं..स्तरियोचित एवं पुरुषोचित सारे गुण डेवलप कर लिये आपने तो...!कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69573281287168553382008-11-16T19:12:00.000+05:302008-11-16T19:12:00.000+05:30बहुत दिन बाद आपने गिल्ली-डंडे, कंचे और पतंग की या...बहुत दिन बाद आपने गिल्ली-डंडे, कंचे और पतंग की याद दिलाई। बेशरम की डंडी याद करके खूब हंसा लेकिन ये नहीं मालूम कि सितोलिया क्या होता है। जानने की उत्सुकता है। शायद मैं किसी और नाम से जानता हूं। अगर समय मिले तो ज्ञान दीजिएगा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-3645319037936834132008-11-13T21:44:00.000+05:302008-11-13T21:44:00.000+05:30पल्लवी जी , आनंद आया पढकर ! टु डू लिस्ट जल्द पूरी ...पल्लवी जी , आनंद आया पढकर ! टु डू लिस्ट जल्द पूरी कर लेने के लिए शुभकामनाऎं ! अच्छा लगा पढकर 1Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-1740667330477718182008-11-13T18:06:00.000+05:302008-11-13T18:06:00.000+05:30बहुत खूब!पढ़कर लगा जैसे किसी बच्ची को वो सब कुछ कर...बहुत खूब!<BR/>पढ़कर लगा जैसे किसी बच्ची को वो सब कुछ करते हुए देख रहे हैं, जो आपने लिखा है. आपके लेखन का जवाब नहीं. आगे की कड़ी का इंतजार है.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71284640663000191652008-11-13T17:59:00.000+05:302008-11-13T17:59:00.000+05:30लावण्या दी की बात से सहमत हूँ.....होनहार बिरवान के...लावण्या दी की बात से सहमत हूँ.....होनहार बिरवान के होत चीकने पात...<BR/><BR/>आनद आ गया पढ़कर .अगली कड़ी की प्रतीक्षा रहेगी.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-69670056232987034582008-11-13T14:47:00.000+05:302008-11-13T14:47:00.000+05:30बहुत खूब!! ग्वालियर से लगभ 120 किलोमीटर दूर शिवपुर...बहुत खूब!! ग्वालियर से लगभ 120 किलोमीटर दूर शिवपुरी मैं अकसर जाता था. वे यादें ताजी हो गईं!!Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-92180807422455867302008-11-13T14:00:00.000+05:302008-11-13T14:00:00.000+05:30अपने बारे में लिखना जैसे कई चीजों को खंगालना है.....अपने बारे में लिखना जैसे कई चीजों को खंगालना है....निर्ममता से .तटस्थता से ....मुश्किल काम है न !पर तुम्हे जितना जाना है उतना गर्व हुआ है दोस्ती पर........<BR/>एक तांगा उसमे ओर जोड़ लेते है.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-8773051085952664222008-11-13T12:33:00.000+05:302008-11-13T12:33:00.000+05:30बेहतरीन। इत्ते सारे गुण! शानदार। इनके उपयोग होते र...बेहतरीन। इत्ते सारे गुण! शानदार। इनके उपयोग होते रहें! आगे की किस्त का इंतजार है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-34556999511007910782008-11-13T12:20:00.000+05:302008-11-13T12:20:00.000+05:30वाकई बचपन हो तो ऐसा!ज्ञानदत्त जी से सौ फीसदी सहमत!...वाकई बचपन हो तो ऐसा!<BR/><BR/>ज्ञानदत्त जी से सौ फीसदी सहमत!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-50644977682045223652008-11-13T11:22:00.000+05:302008-11-13T11:22:00.000+05:30आप तो खींच के बचपन में ले गई...आप तो खींच के बचपन में ले गई...कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-37144221660395626692008-11-13T11:03:00.000+05:302008-11-13T11:03:00.000+05:30आप के बारे में जानकर अच्छा लगा..खूब एन्जॉय किया आप...आप के बारे में जानकर अच्छा लगा..खूब एन्जॉय किया आपने ११विन तक सफर --अब आगे की दास्ताँ भी पढने के इच्छुक हैं--जल्दी लिखियेगा---'टॉम बॉय 'जैसी रही होंगी आप ! :)-सही profession चुना है आप ने--:)Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-4772128202208681102008-11-13T10:30:00.000+05:302008-11-13T10:30:00.000+05:30बहुत रोचक लग रहा है आपके बारे में जानना ..बहुत रोचक लग रहा है आपके बारे में जानना ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-273037633221538772008-11-13T10:01:00.000+05:302008-11-13T10:01:00.000+05:30पर्सनालिटी में इतनी विविधता!चलें, अब ईर्ष्या करें!...पर्सनालिटी में इतनी विविधता!<BR/>चलें, अब ईर्ष्या करें!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57602596625283009342008-11-13T09:47:00.000+05:302008-11-13T09:47:00.000+05:30ऐसी बातों पर आश्चर्य करने वालों को, ग्रामीण पृष्...ऐसी बातों पर आश्चर्य करने वालों को, ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले असश्चर्य से देखें किन्तु अपने बचपन को जिस मुग्धता से यहां प्रस्तुत किया गया है वह अनूठा है । 'कण्टेण्ट' पर 'कहन' भारी है - खूब, खूब भारी । मानो सरपट दौडती नदी के साथ दौड रहे हों ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-90634131500273050802008-11-13T09:33:00.000+05:302008-11-13T09:33:00.000+05:30दो दिन कोटा से बाहर रहने का नुकसान+पल्लवी त्रिवेदी...दो दिन कोटा से बाहर रहने का नुकसान+पल्लवी त्रिवेदी का पहला बकलम खुद नहीं पढ़ पाए थे आज फीड रीडर से पढ़ा। उन के बारे में जानना रोचक लगा। मुरैना और शिवपुरी दोनों बारां जिले से लगे हुए मध्यप्रदेश के क्षेत्र हैं। मुरैना कभी नहीं देखा। लेकिन शिवपुरी अपने छोटे भाई के लिए दुलहिन देखने गया था। बाद में उसे ब्याहने भी गया। और फिर एक दो बार और। यादें ताजा हो गई। 74 में जब वे जनमी मैं बीएससी का विद्यार्थी था। लेकिन पल्लवी जी का विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन से बहुत भिन्न नहीं था। अच्छा लगा पढ़ कर।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-22923977207321394322008-11-13T07:47:00.000+05:302008-11-13T07:47:00.000+05:30हा हा, मजेदार.. बच ही गई पढ़ाई में ठीक थी इसलिये..व...हा हा, मजेदार.. बच ही गई पढ़ाई में ठीक थी इसलिये..वरना तो सोचो.. :)<BR/><BR/>आगे कालेज जीवन का इन्तजार है..रोचक ही होगा. कौन से कॉलेज से पढ़ी हो जबलपुर में. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-55943524635253424952008-11-13T00:42:00.000+05:302008-11-13T00:42:00.000+05:30टायर चलाना, सितोलिया,गिल्ली डंडा- आपने तो बचपन के ...टायर चलाना, सितोलिया,गिल्ली डंडा- आपने तो बचपन के सारे मजे लिए हैं। मॉं ने भी आपको काफी सपोर्ट किया हर तरह से। आगे की आत्मकथा का इंतजार रहेगा।जितेन्द़ भगतhttps://www.blogger.com/profile/05422231552073966726noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-13021494649678430442008-11-13T00:40:00.000+05:302008-11-13T00:40:00.000+05:30बहुत अच्छा चल रहा है. बचपन हो तो ऐसा !बस ११ वीं से...बहुत अच्छा चल रहा है. बचपन हो तो ऐसा !<BR/>बस ११ वीं से सीधे ग्रेजुएशन... बीच में लगा कि आप छलाँग मार गई. लग रहा है की जल्दी ख़त्म ना हो जाए ! रोचकता लालची बना रही है :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-57806670310551803672008-11-12T23:09:00.000+05:302008-11-12T23:09:00.000+05:30"मैं पढाई में हमेशा अच्छी रही इसलिए सारी शैतानियाँ..."मैं पढाई में हमेशा अच्छी रही इसलिए सारी शैतानियाँ धक जाती थीं!" <BR/><BR/>ये तो बड़ी बात है<BR/>और प्रेरणा भी.<BR/>=================<BR/>शुभकामनाएँ<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-91181949502890191712008-11-12T23:04:00.000+05:302008-11-12T23:04:00.000+05:30पल्लवीजी " होनहार बिरवान के होत चिकने पात "खुली आँ...पल्लवीजी <BR/>" होनहार बिरवान के होत चिकने पात "<BR/>खुली आँखोँ से सब कुछ परखना और बहादुरी की नीँव बचपन मेँ पडी थी जिसे हम खूब आनँद लेकर पढ रहे हैँ ..<BR/>आगे की कडी का इँतज़ार रहेगा ..<BR/>स स्नेह,<BR/>--लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com