tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post6581749372124011153..comments2024-01-18T18:37:01.064+05:30Comments on शब्दों का सफर: फ़िरक़ों की अफ़रातफ़री, क़यामत आने को है…अजित वडनेरकरhttp://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36658189969338196422010-02-17T07:48:50.354+05:302010-02-17T07:48:50.354+05:30अफरा-तफरी के आलम में भी सफ़र की डगर पर आपके क़दम सा...अफरा-तफरी के आलम में भी सफ़र की डगर पर आपके क़दम साबित है, दार्शनिक मिजाज़ वाली पोस्ट...अच्छी लगी,<br /><br />अफरा-तफरी का है आलम हरसू,<br />गेहूँ बोया था उग गयी सरसू,<br />टलते आये थे अब तलक कल पर,<br />अब तो कहने लगे है वो परसू.<br /><br />-मंसूर अली हाश्मी<br />http://mansooralihashmi.blogspot.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-46699689323543935722010-02-17T03:31:12.921+05:302010-02-17T03:31:12.921+05:30आपने कुछ ग़लत नहीं लिखा अदा जी। गुड गुड़र गुडेस्ट ...आपने कुछ ग़लत नहीं लिखा अदा जी। गुड गुड़र गुडेस्ट मेरी एक पोस्ट का हिस्सा बन चुके हैं। कृपया यहां देखें-http://shabdavali.blogspot.com/2009/02/blog-post_21.htmlअजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-20405014958993402722010-02-16T22:02:28.996+05:302010-02-16T22:02:28.996+05:30अरे ! नीचे जाकर पढ़ा तो मन खुश हो गया, अब प्रतीक्षा...अरे ! नीचे जाकर पढ़ा तो मन खुश हो गया, अब प्रतीक्षा रहेगी मई की जब किताब आयेगी. राजकमल से कहियेगा इसे महंगा न करें.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-19659710403983905662010-02-16T21:55:58.545+05:302010-02-16T21:55:58.545+05:30खूब अफ़रातफ़री मचाई आपने पर बेहतर के किये. बड़े दिन...खूब अफ़रातफ़री मचाई आपने पर बेहतर के किये. बड़े दिन से आपके ब्लाग पर आना न हुआ था. आया तो पाया फिर वही शब्दों का जादू.मैंने पूर्व में भी निवेदन किया था, पुन: है, क्या ये पूरा ज्ञान पुस्तक रूप में एकत्रित मिलेगा.पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70333716276842449172010-02-16T20:21:14.849+05:302010-02-16T20:21:14.849+05:30बहुत खूब भाई. पंजाबी में यह शब्द बन गया: 'हफ्ड...बहुत खूब भाई. पंजाबी में यह शब्द बन गया: 'हफ्ड़ा-दफड़ी' . इस शब्द ने तो हमारी भाषाओं में पैर ही जमा लिए. खूब घुला मिला है. 'अँधा-धुंद',' आपा-धापी', 'पैरों में आग मचाना' मुहावरे भी इसके नजदीक हैं.<br />शायर इब्ने इंशां साहब का तो मैं फैन हूँ, ज्यादा इस लिए भी कि इसका जन्म-स्थान पंजाब में मेरे गाँव के पास ही है. फिलौर हमारी सांझी त्सील है.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-71314053955464896622010-02-16T18:11:04.346+05:302010-02-16T18:11:04.346+05:30अजित भाई
इफ्रातो तफ्रीत से अफ़रा तफ़री का फ़िरकेव...अजित भाई <br />इफ्रातो तफ्रीत से अफ़रा तफ़री का फ़िरकेवाराना सफर कुछ यूं लगता है जैसे ... <br />कमोबेश सब रब का है ...रब सबका है इक दर्शन था फिर फ़र्क हुआ रब मेरा है जो मेरा है तो रब का क्या ? सब गोलमाल !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-80359784353719924392010-02-16T16:50:45.807+05:302010-02-16T16:50:45.807+05:30बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद्बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-42422747728112399992010-02-16T12:45:14.771+05:302010-02-16T12:45:14.771+05:30मुझे अच्छा लगा ...और आपने याद दिलाया इसलिए भी .......मुझे अच्छा लगा ...और आपने याद दिलाया इसलिए भी ....बहुत दिनों से आपके ब्लॉग पर आना भी नहीं हुआ सच जिन्दगी का हर दिन इतनी अफरा-तफरी में बीत जाता है की क्या बताएं....स्वास्थ्य, घर गृहस्थी नातेदारियाँ ,सामाजिक संबंध व्यक्तिगत काम, लिखना पढ़ना ,स्वयं के कामों की मुश्किलें ...आप समझ सकतें हेँ ...लेकिन ऐसा भी नहीं की इतना शोधपरक आलेख न पढ़ा जाए .आपने मूल अफरा तफरी शब्द के शोध को इतने व्यापक रूप से समझाया है की सब कुछ याद हो गया है इसके दार्शनिक मायने भी भले ढंग आपने बताये बधाई ....एक बात सच है कोई भी इंसान चाहे जो कर लें खुदा की आँखों में धूल नहीं झोंक पायेगाविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-43638862161928447662010-02-16T10:53:59.275+05:302010-02-16T10:53:59.275+05:30बहुत बढ़िया जानकारी है.
ऑनलाइन होते ही सबसे पहले ...बहुत बढ़िया जानकारी है.<br /><br />ऑनलाइन होते ही सबसे पहले शब्दों का सफ़र पढ़ती हू जैसे गणेशजी का नाम लेते है काम शुरू करने से पहले वैसे ही . यही जिज्ञासा रहती है की आज जाने क्या मजेदार होगा.और यह मजेदारी कभी कम नहीं होती .एक से बढ़कर एक बढ़िया जानकारिया मिलती है.किरण राजपुरोहित नितिलाhttps://www.blogger.com/profile/13893981409993606519noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-89656329757020876782010-02-16T07:52:06.658+05:302010-02-16T07:52:06.658+05:30..मुमकिन है क़यामत के दिन भी लोग अफ़रातफ़री का फ़ा.....मुमकिन है क़यामत के दिन भी लोग अफ़रातफ़री का फ़ायदा उठाना चाहें! क्या खुदा की आंखों में धूल झौंक पाएंगे?<br />..'अफ़रातफ़री' का सुंदर प्रयोग. अच्छी पोस्ट.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-70404939492841029892010-02-16T07:21:13.657+05:302010-02-16T07:21:13.657+05:30बहुत ही शानदार और ज्ञानवर्धक पोस्ट। जवाब नहीं आपका...बहुत ही शानदार और ज्ञानवर्धक पोस्ट। जवाब नहीं आपका।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-59487174150672990042010-02-16T06:50:14.070+05:302010-02-16T06:50:14.070+05:30baap re kya research karte hain aap shabdon par ka...baap re kya research karte hain aap shabdon par kamaal hai..<br />very impressive..<br /><br />hamari taraf se..<br />GOOD<br />GOODER<br />GOODEST...:) <br />shabdon ke safar mein galat shabd likh kar jaa rahi hun..himmat hai meri ..ye hamari afratafri hai :)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-36456359964334193092010-02-16T06:39:59.677+05:302010-02-16T06:39:59.677+05:30अरे व्यस्तता इत्ती भी नहीं के आपका एकदम डीटेल से र...अरे व्यस्तता इत्ती भी नहीं के आपका एकदम डीटेल से रीसर्च किया आलेख ना पढूं <br />अजी, आप की हर कड़ी पढ़कर इतनी काम की जानकारी मिल जातीं हैं के हम बस पढ़ते ही रह जाते हैं और वाह वाह <br />कहते हैं ...आप का लेखन, बदस्तूर जारी रहे अजित भाई <br />और, ' अफरातफरी ' आजकल हर न्यूज़ चेनल पर सुनाई देता है ..मैं भी सोच रही थी ' ये शब्द आया कहाँ से ? '<br />और लो, आपने हल खोज कर सामने रख दिया <br />बहुत स्नेह के साथ, <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7753883218562979274.post-79252023977295418312010-02-16T06:08:46.905+05:302010-02-16T06:08:46.905+05:30बहुत जबरदस्त आलेख. आभार.बहुत जबरदस्त आलेख. आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com